जाप (लो) नेता ने लिखा सीएम नीतीश कुमार को पत्र, कहा - नीलाम हो रहा पंचायत

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

पटना : जन अधिकार पार्टी (लो) के प्रदेश महासचिव सह प्रवक्ता श्याम सुंदर ने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा, जिसमें उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री को मंशी प्रेमचंद की कहानी पंच परमेश्‍वर के हवाला देते हुए पंच बताया और कहा कि कुर्सी पर हैं आप (पंच) और पंचायत ही नीलाम हो रहा है। उन्‍होंने अपने पत्र के जरिये कहा कि हमारी बातों से आपके गोह स्थित सियासतदान तिलमिला जायें और हमारी हत्या की साजिश भी रचें। फिर भी, भरोसा है, मेरी बातों पर आप गंभीरता पूर्वक विचार जरूर करेंगे।

उन्‍होंने लिखा, ‘ मुख्यमंत्री जी, आप पंच की कुर्सी पर हैं और पंचायत नीलाम हो रहा है। 15 वर्षों के शासनकाल में आप ढ़ेर सारे नारे गढ़े हैं। मसलन, सुशासन और कानून का राज स्थापित करने का दावा किया। भयमुक्त समाज निर्माण का नारा दिया। न्याय के साथ विकास का दावा भी किया। दोषी बचेंगे नहीं और निर्दोष फंसेंगे नहीं खूब चरितार्थ हुआ। इंसानियत और मानवता बचाने के लिये  जल-जीवन हरियाली कार्यक्रम भी आपने ही शुरू किया। इसकी सब जगह प्रशंसा भी हो रही है। फिर भी आशंका है, आपके ही पार्टी के लोग इसकी सफलता में बाधक होंगे। इसलिये कह रहा हूं कि औरंगाबाद जिला स्थित अंचल कार्यालय, गोह ने सूचना के अधिकार अधिनियम प्रपत्र (क) नियम 3(1) के अंतर्गत मांगी गई सूचना के आलोक में अंचल कार्यालय ने जो जानकारी उपलब्ध कराई है, वह बेहद ही चौंकाने वाला है।

उन्‍होंने आगे लिखा कि जानकारी मिली है कि मौजा-गोह, थाना संख्या-194 में सर्वे खतियान के अनुसार खाता संख्या-1138, खेसरा संख्या-2691, रकबा 5.38 एकड़ जमीन गैर मजरूआ मालिक पोखर पिंड है। इसी खाता, खेसरा में 3.5 डिसिमिल जमीन पूर्व विधायक  डा. रणविजय कुमार, पिता-रामदास प्रसाद सिंह, ग्राम-बंदेया, प्रखंड-गोह, जिला-औरंगाबाद ने उक्त जमीन रजिस्ट्री करवा ली है। सवाल है कि सच क्या है? अंचल कार्यालय का दस्तावेज या फिर जमीन की रजिस्ट्री?

आगे लिखा, ‘हास्यास्पद तो यह भी है कि उक्त जमीन पर तत्कालीन गोह, बंदेया, उपहारा और देवकुंड की पुलिस के अलावा अंचल अधिकारी, गोह, अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, दाऊदनगर तीन दिनों तक कब्जा दिलवाने में लगे रहे। आज तालाब के पिंड पर आलीशान मार्केट काम्प्लेक्स बन रहा है। इसपर तत्काल रोक लगवाई जाये। यह दबंगों द्वारा सरकारी अतिक्रमण है। बेचारा अतिपिछड़ा समाज से आने वाला बढ़ई जाति का त्रिलोकी मिस्त्री जो वर्षों से उक्त जमीन पर बढ़ईगिरी का काम कर जीविकोपार्जन कर रहा था, उस वक्त पुलिस उसके सामान को तालाब में फेंक सत्ताधारियों के इशारे पर नाचने का नायाब उदाहरण पेश किया था। तब से डरा-सहमा त्रिलोकी मिस्री आज जुबान खोलने की भी स्थिति में नहीं है।‘ 

जाप नेता ने कहा कि पूर्व विधायक के आवासीय परिसर में चल रहे बंदेया थाने के लिये जिस जमीन का अधिग्रहण जिला प्रशासन ने किया है। वह भी नियमों को ताक पर रखकर किया गया है। अधिग्रहण के समय खेतिहर जमीन को व्यवसायिक भूखंड में तब्दील करवाया गया। इसके बाद मुआवजा राशि का दावा किया गया, जो करोड़ों में है। जबकि ग्राम पंचायत  मुख्यालय बक्सर (इसी पंचायत में बंदेया गांव है) में सैंकड़ों एकड़ सरकारी जमीन है। फिर, जिस उद्देश्य के लिये बंदेया थाने को खुलवाया गया था। वह तो उद्देश्य पूरा हुआ ही नहीं। उल्टे जदयू नेता से मतभेद रखने वाले निर्दोष दलित, पिछड़े, अतिपिछड़े समाज के लोग नक्सल के नाम पर जेल भेजे जाते रहे। क्या आपकी सरकार में सच बोलना गुनाह है? गोह में जदयू का जो प्रखंड कार्यालय चल रहा है, वह भी सरकारी जमीन पर बने मकान में खोला गया है। इसकी जांच कराई जा सकती है। क्या यही सबकुछ  होते रहेगा माननीय मुख्यमंत्रीजी? या अभी भी न्याय की उम्मीद बची है।

उन्‍होंने कहा कि नाउम्मीदी में जी रही गोह की जनता आपसे न्याय की उम्मीद कर रही है। वरना बाध्य होकर लोग सड़क पर उतरेंगे। संघर्ष का तरीका लोकतांत्रिक व संवैधानिक मूल्यों पर होगा। कानून के राज के भरोसे - आशा और विश्वास के साथ।

 


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