केंद्र के तर्ज पर बिहार में बायोफ्लॉक यूनिट की स्थापना करे नीतीश सरकार : ऋषिकेश कश्यप

रिपोर्ट: किरण पाण्डेय

पटना : मत्स्यपालन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के तर्ज पर बिहार के सभी ग्राम पंचायतों में बायोफ्लॉक यूनिट की स्थापना करे नीतीश सरकार| बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सह राष्ट्रीय मत्स्यजीवी सहकारी संघ मर्यादित के निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने संवाददाता सम्मलेन कर बिहार सरकार से यह मांग की| उन्होंने कहा कि बायोफ्लॉक यूनिट की स्थापना को लेकर केद्र सरकार द्वारा पहले से ही योजना चलाई जा रही है जिसपर 40 प्रतिशत का अनुदान मत्स्यपालकों को दिया जा रहा है| इसमें तकनीकी सहायता कॉफेड के एक्वा वन सेंटर के माध्यम से दिया जा रहा है| केंद्र के तर्ज पर राज्य सरकार 50 प्रतिशत अनुदान देकर बिहार के प्रत्येक पंचायत में कम से कम एक बायोफ्लॉक यूनिट की स्थापना कराए| इससे उत्पादन और खपत के बीच जो अंतर है वह खत्म होगा साथ ही मत्स्य उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर बनेगा|

उल्लेखनीय है कि बायोफ्लॉक तकनीक के माध्यम से बहुत कम जगह एवं लागत में मत्स्य उत्पादन शुरू किया जा सकता है| यहाँ मछली बिक्री के लिए बाजार की कोई आवश्यकता नहीं है क्योकि यहाँ के बाजार में आज भी अन्य प्रदेशों से लायी गयी चार-पांच दिन पुरानी (बासी) मछली की खपत धड़ल्ले से हो रही है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह भी है| बायोफ्लॉक यूनिट की स्थापना होने से बिहार के लोगों को जिन्दा मछली भरपूर मात्रा में आसानी से उपलब्ध होगा|

ऋषिकेश कश्यप ने कहा कि बायोफ्लॉक यूनिट की स्थापना से बिहार में करीब डेढ़ लाख लोगों को रोजगार मिलेगा और करोड़ों रूपये के राजस्व की उगाही भी होगी| एक बायोफ्लॉक यूनिट की स्थापना पर 7 से 10 लाख रूपये की लागत आती है, जबकि प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 20 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होता है| उन्होंने कहा कि राज्य के सभी पंचायतों में अगर बायोफ्लॉक यूनिट की स्थापना हो जाती है तो उसके एक वर्ष के अंदर ही मत्स्य उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर हो जाएगा| ऋषिकेश कश्यप ने बताया कि वर्तमान बिहार में 6 लाख मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन होता है जबकि खपत 8 लाख मीट्रिक टन है| उत्पादन और खपत के बीच के अंतर को खत्म करने के लिए आंध्रप्रदेश से मछली मंगायी जाती है, इसमें करीब 2 हजार करोड़ रुपये का राजस्व आंध्रप्रदेश को जाता है|

प्रेस कांफ्रेंस में बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ लिमिटेड (कॉफेड) के निदेशक नरेश कुमार सहनी, मिडिया प्रभारी जयशंकर भी उपस्थित थे|


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