न्यूज़ 18 के 'शूरवीर सम्मान कार्यक्रम' में बिहार पुलिस के 11 शूरवीरों को किया गया सम्मानित

रिपोर्ट: रमेश पाण्डेय

पटना : पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में न्यूज18 द्वारा आयोजित शूरवीर सम्मान कार्यक्रम में बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने बिहार पुलिस के 11 शूरवीरों को मोमेंटो  देकर सम्मानित किया। सम्मानित किये गये शूरवीरों का चयन न्यूज़ 18 के द्वारा एक ज्युरी बनाकर की गयी| शूरवीर सम्मान समारोह में पुलिसकर्मियों की ओर से कई रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति ने चार चांद लगा दिया। बीएमपी-1 बैंड, बीएमपी-05 बैंड की धुनों और बीएमपी-01 के जवान विष्णु के बांसुरी वादन ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने न्यूज 18 के इस प्रयास की भूरि- भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि बिहार के पुलिसकर्मी कठिन परिस्थितियों में भी बेहतर काम करते हैं। अपनी ड्यूटी के अलावा भी पुलिसकर्मी कई सामाजिक काम करते रहते हैं। ऐसे में न्यूज 18 का शूरवीर सम्मान न सिर्फ पुलिस कर्मियों के मनोबल को और बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करेगा बल्कि समाज को एक नयी दिशा भी मिलेगी। डीजीपी ने कहा कि अब पुलिस विभाग भी साल में 2 बार पुरस्कार देगी। न्यूज 18 ने सामाजिक मुद्दों पर पुलिस कर्मियो को सम्मानित किया है इससे हमारा मनोबल बढ़ेगा। आज इस अवसर पर मैं वीर शहीदों को नमन करता हूँ। उन्होंने कहा कि समाज से पुलिस को सहयोग मिलेगा तो अपराध खत्म होगा। हमें अपराध से नही अपराध की संस्कृति से लड़ना है। अपराध पर अंकुश लगाने और विधि व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू करने के लिए हम प्रतिबद्ध है। बिहार सरकार के तरफ शराबबंदी कानून का फैसला ऐतिहासिक है।

न्यूज 18 के बिहार संपादक प्रभाकर कुमार ने बताया कि इस शूरवीर सम्मान के लिए सिर्फ अफसर ही नहीं बल्कि वो जवान भी चुने गए जो अपने करियर के निचले या शुरूआती स्तर पर हैं। ये सम्मान देना हमारे लिए आज गर्व की बात है। हमें फक्र है कि हम शूरवीरों को सम्मानित किये हैं जिन्होंने अपने शौर्य और अद्भुत कार्यों से पूरे राज्य का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि बिहार में शूरवीरों की कमी नहीं है|  हमारा इतिहास बताता है कि आजादी से लेकर अब तक देश की रक्षा के लिए हम लहू बहाने से पीछे नहीं हटे।

प्रभाकर कुमार ने कहा कि शूरवीरों का सम्मान सिर्फ हमारा मकसद ही नहीं, गौरव भी है। ये वो सम्मान है जिसके लिए बिहार पुलिस के शूरवीरों को चुनना आसान नहीं था। हमारे पास ऐसे बहादुर पुलिसकर्मियों की एक बड़ी फेहरिस्त थी जिसमें से किसी को भी कमतर नहीं आंका जा सकता। लिहाजा हमने इसकी तैयारी 2 महीने पहले से ही शुरू कर दी थी। हमने इसके लिए बकायदा पुलिस मुख्यालय से उनकी पसंद के शूरवीरों की लिस्ट ली साथ ही अपने 38 जिलों के संवाददाताओं को भी ये जिम्मेवारी सौंपी। एक लंबी फेहरिस्त से 11 ऐसे शूरवीरों को चुनना था जो इस राज्य का गौरव बढ़ाते है। पारदर्शी तरीके से शूरवीरों का चयन करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों की एक ज्युरी तैयार की गयी|

ज्युरी में शामिल सदस्यों की सूची

ललित किशोर, महाधिवक्ता, बिहार
जितेंद्र कुमार, एडीजी, बिहार पुलिस मुख्यालय
अजिताभ कुमार, आईजी,सीआईडी
पद्मश्री सुधा वर्गीज- मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता
विनय कुमार-एडीजी,सीआईडी
डॉक्टर सहजानंद-अध्यक्ष,आईएमए
प्रभाकर कुमार-संपादक,न्यूज 18 बिहार


ज्युरी ने 11 शूरवीरों का चयन किया -

 #ऋतुराज SSB 32 बटालियन के इंस्पेक्टर - ऋतुराज, SSB 32 बटालियन के इंस्पेक्टर,  जिला पुलिस के साथ मिलकर इन्होंने मुज़फ्फरपुर, शिवहर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, समस्तीपुर जिले में सक्रिय 100 से ज्यादा नक्सलियों को या तो दबोच लिया है या फिर उन्हें हथियार डालने पर मजबूर किया है।

#वीरेंद्र ओझा , सब इंस्पेक्टर
वीरेंद्र ओझा - जमुई जिले के सिमुलतला में स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र सिमुलतला में बतौर प्रशिक्षक के रूप में तैनात वीरेंद्र ओझा लगभग 40 साल से लगातार पुलिस की सेवा कर रहे हैं। पुलिस में सेवा देते हुए लगभग 40 बार पुरस्कृत भी किए गए हैं। सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र ओझा एक कुशल प्रशिक्षक के रूप में भी जाने जाते हैं। आईपीसी, सीआरपीसी और अनुसंधान के जानकार होने के नाते ये पुलिसकर्मियों को कई बार प्रशिक्षण भी दे चुके हैं।

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विकास कुमार, फायरमैन सिपाही -  इसी 5 अगस्त को पूर्णिया बस स्टैंड के पास एक बस में भीषण आग लगी गई। जिला अग्निशमन पदाधिकारी रमेश यादव के साथ विकास मौके पर पहुंचे और इन्होंने बस का शीशा तोड़कर धधकती आग के बीच से खुद को झोंक दिया और कई मुसाफिरों को जिंदा बचा लिया।

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बाल कृष्ण यादव,इंस्पेक्टर लॉ एंड ऑर्डर -  पुलिस विभाग के अपने कर्तव्यों के अलावा बाल कृष्ण गरीबों बच्चों के लिए गुरू की भूमिका भी निभाते हैं।  इतना ही नहीं, बच्चों को अपने पैसों से किताब कॉपी और पढ़ाई की अंत सामग्री भी उपलब्ध कराते हैं। इंस्पेक्टर बाल कृष्ण  20 साल से पुलिस की नौकरी करते हुए ये नेक काम भी कर रहे हैं।

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कुमार आलोक,ASP ऑपरेशन -  करीब 2 साल पहले 2017 में नवादा में एक ऐसी ही सांप्रदायिक झड़प हुई और मामला काफी बढ़ गया। घायल होते हुए भी इन्होंने ऑपेरशन को जारी रखा और एक समय ऐसा आया कि उन्मादी लोग ही इनका इलाज कराने के लिए पहुँच गए। आलोक जिले के युवाओं के लिए भी आइकॉन बन चुके हैं।
 
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शिवकुमार साह ,भोजपुर के डिस्ट्रिक्ट इंटेलीजेंस यूनिट के जवान -  पिछले साल 17 सितंबर को भोजपुर में ही एक मुठभेड़ में इन्हें गोली लगी। घायल होने के बावजूद इन्होंने फायरिंग करने वाले अपराधियों को दबोच लिया और तब दबोचे रखा जब तक उनकी टीम वहां आ नहीं गई। जिले के कुख्यात बूटन चौधरी को एके 47 के साथ गिरफ्तार करने में भी शिवकुमार की अहम भूमिका थी।  

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दिनेश पांडेय, DSP -  दिनेश ने युवाओं को करियर बनाने के लिए रास्ते सुझाए और खुद नौजवानों को मानसिक और शारीरिक तौर पर तैयार करने का काम शुरू कर दिया। दिनेश रोजना हौसला बढाने के लिए युवाओं के साथ सुबह-सुबह दौड़ लगाते हैं। फिजिकल ट्रेनिंग की इस मुहिम में युवाओं की तादाद बढ़ते-बढ़ते आज 20 हजार तक पहूंच गयी है।

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धनंजय राय,ASI - भीड़ के बीच खुद भी हिंसा का शिकार होने के बावजूद ASI धन्नंजय ने आरोपी युवक को जिंदा बचा लिया। लेकिन इस दौरान धन्नंजय खुद भी घायल हो गए। भीड़ के गुस्से का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हमले में धन्नंजय की वर्दी तक फट गई। लेकिन जान पर खेलकर धन्नंजय ने  घायल युवक को गोपालगंज सदर अस्पताल में भर्ती कराया।

#उमेश पासवान , चौकीदार  - उमेश पासवान गरीब परिवार के बच्चों के लिए अपने घर पर ही करीब 8 साल से फ्री में शिक्षा केंद्र भी चला रहे हैं। उमेश के शिक्षा केंद्र में नर्सरी से 9वीं तक के करीब 2 सौ बच्चे पढ़ते हैं।

#विशाल शर्मा, एस पी - IPS विशाल ने कुछ ही दिनों में अपनी सूझबूझ से बैंक से चोरी गए पैसों को बरामद तो किया ही। इससे जुड़े एक बड़े अन्तर्राज्यीय गिरोह को भी धर दबोचा। दूसरा केस था इसी 7 मई को गुलाबबाग से एक बड़े कारोबारी की बेटी नव्या का अपहरण केस। सिर्फ 5 घंटे में IPS विशाल ने न सिर्फ नव्या को सुरक्षित बरामद कर लिया बल्कि अपहरणकर्ताओं को भी दबोच लिया।

#विकास वैभव , डीआईजी -  आमतौर पर छुट्टियों के दौरान कोई भी पुलिस ऑफिसर तनाव से दूर परिवार के साथ कहीं छुट्टियां बिताने जाता है लेकिन IPS विकास वैभव अपनी छुट्टियों का इस्तेमाल विलुप्त धरोहरों को ढूंढने या फिर इन धरोहरों के पास जाकर रिसर्च करने में करते हैं। मकसद सिर्फ एक है कि आज के युवा अपनी विरासत से सीख लेकर वर्तमान को समझ भविष्य के लिए काम करें।

पुलिस शूरवीर सम्मान समारोह में कई आला अधिकारी और बडी संख्या में पुलिस के जवान उपस्थित थे। 



 


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