लोकसभा चुनाव में मिली करारी मात के बाद वंशवादी पार्टियों में मचा हडकंप: राजीव रंजन

रिपोर्ट: शिलनिधि

पटना : भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कहा “ हालिया लोकसभा चुनाव में एनडीए को मिले अभूतपूर्व जनादेश ने विपक्ष खासकर वंशवादी दलों की नींद उड़ा कर रख दी है| खानदान की राजनीति करनेवाले खेमे में आज जबर्दस्त अंतर्कलह व्याप्त है| इस बार मिली करारी हार के बाद गैर एनडीए राजनैतिक पार्टियों के  नेता आज एक स्वर से पार्टी में व्याप्त वंशवाद को अपनी हार का कारण बताते हुए पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े कर रहे हैं| दरअसल इनके नेताओं ने पार्टी को अपनी जागीर और जनता को अपना गुलाम समझा हुआ था| 2014 में मिली करारी हार ने इनके माथे पर बल डाला था, लेकिन इन चुनावों ने उनका जोश पूरी तरह ठंडा कर दिया है| इन चुनावों में जनता ने यह साफ़ कर दिया कि उसे ‘सबका साथ-सबका विकास’ पसंद है, ‘परिवार का साथ-परिवार का विकास’ नही| आम जनता की भावना से पूरी तरह कटे इन दलों की स्थिति आज यह है कि बीजेपी के मिले इतने प्रचंड जनादेश को ये पचा तक नहीं पा रहे हैं|

भाजपा नेता ने कहा कि बगैर आत्मचिंतन किये वंशवाद की राजनीति करनेवाली पार्टियों के नेता कहीं ऊलजलूल बयान दे रहे  हैं, तो कहीं कोई इस्तीफे की बात कर रहे है, कई पार्टियों का तो अस्तित्व ही संकट में आ गया है| यह दल समझ लें कि जनता की भावनाओं को नजरअंदाज कर, उन्हें जात-पात में उलझा कर सत्ता पाने के दिन अब लद चुके हैं| अगर इन्हें अपनी राजनीति बचानी है तो उन्हें नमो-नीतीश द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यों में सहयोग करना ही होगा|” उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों में मची इस भगदड़ में सबसे ज्यादा हास्यास्पद स्थिति कांग्रेस की है| सबसे पहले इनके अध्यक्ष ने अपना इस्तीफा देने की सियासी नौटंकी की, बाद में पार्टी के तीन कद्दावर नेताओं पर वंशवाद के आरोप मढ़े| हालाँकि वह खुद यह भूल गए कि भारतीय राजनीति में वंशवाद उन्ही के परिवार की देन है और राजनीति में उनका खुद का वजूद भी वंशवाद के ही कारण है| उनके बयानों से यह साफ़ है कि दुसरे दल भले ही थोड़ा-बहुत सुधार कर लें, लेकिन कांग्रेस नही बदलने वाली|”  


Create Account



Log In Your Account