केन्द्रीय कैबिनेट से जेडीयू ने बनायी दूरी, एनडीए की बैठक में अब शामिल नहीं होंगे नीतीश कुमार

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज दिल्ली से पटना पहुंचे| पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए की बैठक के बाद संसदीय दल की बैठक हुई थी जिसमे नरेंद्र मोदी को नेता चुना गया| उसके बाद राष्ट्रपति भवन जाकर हमलोगों ने समर्थन दिया| उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बुलावे पर 29 मई को हम दिल्ली गये थे| उसी समय यह बात कही गयी कि एनडीए के जिन घटक दलों के सांसद निर्वाचित हुए हैं| वैसे सभी दलों को मंत्रीपरिषद में सांकेतिक रूप से एक-एक सीट पर प्रतिनिधित्व देना चाहते हैं|

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पार्टी की लोकसभा में 16 जबकि राज्यसभा में 6 सीटें हैं जो सभी बिहार से हैं| उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद में शामिल होने के लिए हमने कभी कोई प्रोपोजल नहीं दिया| मंत्रिमंडल में सांकेतिक रूप से शामिल होने के मसले पर हमारी पार्टी की कोर टीम में शामिल नेताओं ने कहा कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है| उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद में शामिल होना ही साथ होने का प्रमाण नहीं है| हमलोग पूरे तौर पर एनडीए के साथ हैं|

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के हित को ध्यान में रखते हुए हमलोगों ने गठबंधन किया था ताकि बिहार का पिछड़ापन समाप्त हो| इसलिए, मंत्रिपरिषद में हमारी पार्टी की भागीदारी नहीं होने से हमे कोई चिंता, परेशानी या अफ़सोस नहीं है| उन्होंने कहा कि कैबिनेट में घटक दलों का आनुपातिक रूप से प्रतिनिधित्व होना चाहिए| हालांकि भाजपा को स्वयं पूर्ण बहुमत मिला है इसलिए वे निर्णय लेने के हकदार हैं| मंत्रिपरिषद में प्रोपोरशनल या सांकेतिक रूप से घटक दलों की भागीदारी हो यह बीजेपी को डिसाईड करना था| उन्होंने कहा कि केन्द्रीय कैबिनेट में सांकेतिक रूप से भागीदारी को लेकर हमलोगों की कोई इच्छा नहीं है| बिहार में जो चुनावी कैंपेन किया गया, उसमे सबलोगों ने एक-दूसरे का साथ दिया|

केन्द्रीय कैबिनेट में सामाजिक समीकरण के सवाल पर मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इनकार करते हुए कहा कि यह उनका अंदरूनी मसला है| उन्होंने कहा कि भाजपा की हारी हुई आठ संसदीय क्षेत्रों में जेडीयू ने जीत हासिल की| किशनगंज के बारे में किसी को उम्मीद नहीं थी| समाज में एक तबका ऐसा है जो काफी वोकल है जबकि कुछ तबका ऐसा भी है जो साइलेंट है| उन्होंने कहा कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते मैं यह कहना चाहता हूँ कि भविष्य में केन्द्रीय कैबिनेट में जेडीयू के शामिल होने का कोई प्रश्न ही नहीं है और न ही एनडीए की होनेवाली बैठक में हम शामिल होंगे| उन्होंने कहा कि एलायंस में प्रारंभ में जो बात होती है, वही आखिरी होती है| कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सरकार को तय करना है कि आगे वे किस प्रकार से काम करेंगे|

मुख्यमंत्री ने कहा कि गठबंधन चाहे किसी से भी हो, हमलोग बिहार में गठबंधन के घटक दलों को आनुपातिक ढंग से मंत्रिपरिषद में शामिल करते हैं| मंत्रिपद को लेकर बिहार में किसका क्या कोटा होगा वह पहले से ही तय है| उन्होंने कहा कि अटल जी के सरकार में भी यही व्यवस्था लागू थी लेकिन उस समय भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं था| अभी की बात अलग है क्योकि भाजपा खुद पूर्ण बहुमत में है| उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में मंत्रिपरिषद में सांकेतिक रूप से भागीदारी को लेकर कोई रूचि नही है| किसी को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए कि सरकार में जाना ही साथ रहने का प्रमाण है| यह गलत बात है| उन्होंने कहा कि पहले से ही हम यह कहते रहे हैं कि पिछड़े राज्यों को पिछड़ेपन से दूर निकालने एवं महिला सशक्तिकरण की दिशा में विशेष पहल करने की आवश्कता है| धारा-370, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा जैसे मसले पर हमलोगों की राय पब्लिक डोमेन में है| 2020 में होनेवाले बिहार विधानसभा चुनाव में गठित किये गये केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के सामाजिक समीकरण के प्रभाव से इनकार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका कोई असर नहीं होगा| उन्होंने कहा कि पार्टी प्रेसिडेंट के तौर पर आगे हम कुछ कहनेवाले नहीं है|

इस अवसर पर जेडीयू नेता संजय झा सहित अन्य गणमान्य लोग एवं अधिकारीगण उपस्थित थें|


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