सवर्ण आरक्षण बिल राज्यसभा में पेश, अब होगी चर्चा

रिपोर्ट: सभार

सवर्ण आरक्षण बिल लोकसभा से पारित हो चुका है, लेकिन राज्यसभा में अभी इसकी परीक्षा बाकी है। दोपहर 2 बजे सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 फीसद आरक्षण से जुड़ा संविधान संशोधन विधेयक पर राज्यसभा मेें चर्चा होगी। राज्यसभा में विपक्ष ने सत्र बढ़ाने पर सवाल उठाए। 
राज्यसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस, टीएमसी समेत तमाम विपक्षी दलों ने सत्र बढ़ाने के फैसले पर सवाल उठाया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने सत्र बढ़ाने को लेकर विपक्ष से कोई चर्चा नहीं की।

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि जिस तरह विपक्ष की मंजूरी के बिना सरकार ने सत्र को बढ़ाने का फैसला किया, वह गलत है। इस पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि काफी महत्वपूर्ण बिल होने की वजह से सत्र को बढ़ाया गया। 

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी बिल के पक्ष में हैं, लेकिन व्यवस्था का प्रश्न उठा है। इसलिए सदन के हर सदस्य का अधिकार है कि वह सभापति के सामने व्यवस्था का मुद्दा उठाए। सदन को सूचित करें कि इसे जल्दबाजी में पारित कराने के पीछे क्या-क्या कारण हैं। आपको यह घोषणा करनी पड़ेगी कि संविधान संशोधन पर कितने घंटे चर्चा करनी होगी।' उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति न करें, चुनाव हैं यह हम जानते हैं, लेकिन हमपर आरोप न लगाएं।

कांग्रेस नेता मधुसूदन मिस्त्री ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह बिल पूरा नहीं है। आप एक ही दिन में बिल पर चर्चा करते हैं और उसी दिन वोटिंग कराते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि एक ही दिन में बिल को पारित करने की जल्दबाजी क्यों।

राज्यसभा में सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल को लेकर भी हंगामा हो रहा है, जिस पर सभापति ने सदस्यों को आश्वासन देते हुए कहा है कि दोपहर 2 बजे गृह मंत्री सदन में आकर इस पर बयान दे सकते हैं।

सवर्ण बिल पेश करने के दौरान थावरचंद गहलोत ने कहा कि समान्य वर्ग के गरीबों को बिल से फायदा होगा। अच्छे इरादे से सरकार यह बिल लेकर आई है। इस दौरान विपक्षी दल के सांसद नारेबाजी करते रहे।

 बिल के विरोध में राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा, जमकर लगाए नारे। 

 बिल को अच्छे इरादे से सरकार लेकर आई: गहलोत

 यह ऐतिहासिक दिन है - थावर चंद गहलोत

 राज्यसभा में चर्चा के लिए रखा गया, हंगामे के कारण उपसभापति ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित की

 केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली बोलेदेश चाहता है कि सदन चले। साधारण दिनों की तरह हमें काम करना चाहिए, लेकिन ज्यादातर समय सदन की कार्यवाही स्थगित रही। विधेयकों को पारित करने के लिए आज एक अतिरिक्त दिन है। 

 

 


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