डाक्यूमेंट्री प्रसारण विवाद में सरकार ने बीबीसी को भेजा नोटिस, राजनाथ ने कदम उठाने की बात कही

रिपोर्ट: साभारः

नयी दिल्ली : बीबीसी द्वारा सरकार की सलाह की अनदेखी करते हुए दिल्ली के सामूहिक बलात्कार के दोषी का विवादास्पद साक्षात्कार प्रसारित करने के मामले में आज बीबीसी को सरकार की ओर से कानूनी नोटिस भेजा गया है. वहीं, तिहाड़ जेल के महानिदेशक ने भी इस मामले में बीबीसी को इंटरव्यू के तय शर्तो का उल्लंघन करने के आरोप में नोटिस भेजा है. बीबीसी द्वारा डाक्यूमेंट्री के प्रसारण से अप्रसन्न सरकार ने आज कहा कि आवश्यक कदम उठाये जायेंगे. सरकार ने वीडियो शेयरिंग वेबसाइट यूट्यूब से कहा है कि वह इस वृत्तचित्र को हटा दे क्योंकि यह ‘‘बेहद संवेदनशील’’ है. सरकार की इस हिदायत के बाद यूट्यूब ने इसके वीडियो को हटा दिया है. इस कार्यक्रम को कल रात में प्रसारित करने के बारे में पूछने पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हां, हमने सभी चैनलों को सूचित किया है कि वृत्तचित्र को जारी नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन बीबीसी ने इसे लंदन में प्रसारित कर दिया. अब जो भी कदम हमें उठाना होगा तो गृह मंत्रलय उसे उठायेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने बीबीसी से कहा था कि वह वृत्तचित्र प्रसारित नहीं करे लेकिन बीबीसी ने कहा कि यह एक स्वतंत्र संगठन है और वह प्रसारण करेगा.’’ यह पूछे जाने पर कि सरकार क्या कर सकती है, सिंह ने कहा, ‘‘इस समय कोई टिप्पणी नहीं करुंगा. मैं यही कह सकता हूं जो भी आवश्यक होगा, किया जायेगा. यदि शर्तो का उल्लंघन किया गया है तो उपयुक्त कार्रवाई की जायेगी.’’ उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा, ‘‘आप देखते रहिये. मैंने सूचना एवं प्रसारण मंत्री से बात की है और विदेश मंत्रलय को लिखा है. कार्रवाई चल रही है.’’ उधर, बॉलीवुड हस्तियों ने बीबीसी वृत्तचित्र पर रोक लगाने का विरोध किया है. बॉलीवुड की हस्तियों ने दिल्ली में 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार पर बने वृत्तचित्र के प्रसारण पर रोक लगाने के सरकार के फैसले की आज आलोचना की और इसे शुतुरमुर्ग मानसिकता वाला कदम बताया. ब्रिटिश फिल्मकार लेस्ली उडविन द्वारा बनायी गयी ‘‘इंडियाज डाटर’’ को लेकर ट्विटर पर विभिन्न टिप्पणियां की जा रही है. इस वृत्तचित्र में दिल्ली के 16 दिसंबर 2012 के सामूहिक बलात्कार के दोषियों में से एक का साक्षात्कार दिखाया गया है. अनुराग बसु ने ट्वीट किया, ‘‘इंडियाज डाटर’’ पर प्रतिबंध लगाने की यह शुतुरमुर्ग मानसिकता अपना सिर रेत में छिपाने की तरह है ताकि कोई मुङो देख नहीं पाये. फिल्मकार अभिषेक कपूर ने कहा, ‘‘इंडियाज डाटर प्रत्येक भारतीय की आंतों पर एक मुक्का है. यह आरोपियों का बचाव करने वाले वकील और हर उस व्यक्ति के चहेरे पर थूकने के समान है जो इस पर रोक लगाना चाहते हैं.’’ निर्देशक पुनीत मल्होत्र ने ट्वीट किया, ‘‘मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि सरकार ने एक वृत्तचित्र को प्रतिबंधित करने के लिए फौरन कदम कैसे उठा लिया, लेकिन ऐसे बलात्कारियों को तीन वर्ष तक जीवित रहने दिया. उन्हें फौरन मार दिया जाना चाहिए.’’ अभिनेता सिद्धार्थ ने कहा, ‘‘अमेरिकी सेना में बलात्कारी पर फिल्म सही, कैथोलिक चर्च में बलात्कार के बारे में दिखाना सही. भारत में बलात्कार के बारे में फिल्म प्रतिबंध. इंडियाज डाटर..डार्कएजेस.’’


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