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नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2017-18 में वित्तीय घाटा बढ़ कर 6.76 लाख करोड़ रुपए हो गया है। अब वित्तीय घाटा मौजूदा वित्त वर्ष के लक्ष्य का 113.7 फीसदी पहुंच गया है। इसका मतलब है कि बचे हुए एक माह में मोदी सरकार के लिए कोई अतिरिक्त खर्च करना मुश्किल होगा। कॉम्पट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स की ओर से जारी डाटा के मुताबिक अप्रैल से जनवरी की अवधि में कुल टैक्स वसूली 14.5 6 लाख करोड़ रुपए रही है। वहीं समान अवधि में पूंजीगत खर्च 2.64 लाख करोड़ रुपए रहा है। मोदी सरकार ने बढ़ाया था वित्तीय घाटे का लक्ष्य, अप्रैल से जनवरी की अवधि में राजस्व घाटा 4.8 लाख करोड़ रुपए रहा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2018 में कहा था कि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए वित्तीय घाटे के लक्ष्य को जीडीपी के 3.2 फीसदी से बढ़ा कर 3.5 फीसदी कर दिया गया हे।