फायदे देने के लिए आधार जरूरी नहीं किया जा सकता: SC; 92 स्कीम्स में हो रहा इस्तेमाल

रिपोर्ट: ramesh pandey

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि सरकार और उसकी एजेंसियां आधार कार्ड को सोशल वेलफेयर स्कीम्स का फायदा लेने के लिए जरूरी नहीं कर सकतीं। हालांकि कोर्ट ने यह भी साफ किया कि सरकार और उसकी एजेंसियों को नॉन-वेलफेयर स्कीम्स जैसे बैंक खाते खोलने में आधार का इस्तेमाल करने से नहीं रोका जा सकता। बता दें कि अभी केंद्र के 19 मंत्रालयों की 92 स्कीम्स में आधार का इस्तेमाल हो रहा है। 7 जजों की बेंच बनाई जानी है, पर ये संभव नहीं... Advertisement - न्यूज एजेंसी के मुताबिक चीफ जस्टिस जेएस खेहर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एसके कौल ने कहा, "आधार को चुनौती देने वाली पिटीशंस की सुनवाई के लिए 7 जजों की एक बेंच बनाई जानी है, लेकिन फिलहाल अभी ऐसा संभव नहीं है, इस बारे में फैसला बाद में किया जाएगा।" इन पिटीशंस के पीछे सिटीजंस की प्राइवेसी के राइट के वॉयलेशन का हवाला दिया गया है। - पिटीशनर्स के वकील श्याम दीवान ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के उन ऑर्डर्स के हिसाब से नहीं चल रही है जो आधार को वॉलंटरी और मैंडेटरी नहीं करने को लेकर जारी किए गए थे। - सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2015 को कहा था कि सरकार की वेलफेयर स्कीम्स का फायदा लेने के लिए आधार जरूरी नहीं रहेगा। इसके साथ ही कोर्ट ने इस स्कीम के तहत एनरोलमेंट के लिए पर्सनल बायोमीट्रिक डाटा कलेक्ट करने से सरकार को रोक दिया था। - हालांकि 15 अक्टूबर 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी रोक को हटा लिया था और वेलफेयर स्कीम्स (मनरेगा, सभी पेंशन स्कीम्स, प्रोविडेंट फंड) में आधार कार्ड के वॉलंटरी यूज की इजाजत दे दी थी। साथ ही सरकार के फ्लैगशिप प्रोग्राम्स जैसे प्रधानमंत्री जनधन योजना के लिए आधार को गैर-जरूरी बताया था। पूर्व चीफ जस्टिस ने इंटरिम ऑर्डर में क्या कहा था? - पूर्व चीफ जस्टिस एचएल दत्तू की अगुआई वाली 5 जजों की बेंच ने केंद्र सरकार को जारी अपने इंटरिम ऑर्डर में कहा था, "हम यह क्लियर कर देना चाहते हैं कि आधार कार्ड स्कीम पूरी तरह से वॉलंटरी है और इसे तब तक मैंडेटरी नहीं किया जा सकता, जब तक कि कोर्ट इस मामले में अपना आखिरी फैसला नहीं दे देती।" - बेंच ने इसके साथ ही एलपीजी, पीडीएस (राशनिंग) समेत 4 अन्य स्कीम्स में भी आधार के इस्तेमाल की इजाजत दे दी थी। बेंच ने ये भी कहा था कि सरकार को इस मामले में 23 अक्टूबर, 2013 से पास किए गए सारे ऑर्डर फॉलो करना चाहिए। पहले क्या दावा किया था पिटीशनर्स ने? - पिटीशनर्स की तरफ से सीनियर लॉयर श्याम दीवान कोर्ट में अपीयर हुए थे। उन्होंने दावा किया था कि आधार बनाने वाली यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) को न तो किसी कानून के तहत बनाया गया है, न ही इसके लिए कोई नोटिफिकेशन जारी किया गया है। प्राइवेट एजेंसीज बायोमीट्रिक की मदद से आधार तैयार कर रही है। सरकार ने राशन के लिए भी आधार जरूरी बताया था - सरकार की तरफ से कहा गया था कि राशन कार्ड रखने वाले जिन लोगों के पास आधार नहीं है, उन्हें 30 जून तक इसके लिए अप्लाई करने का वक्त है। - फूड एंड कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया था कि राशन के सामान के लिए आधार जरूरी कर देने से फूड सिक्युरिटी लॉ के तहत हर साल दी जा रही 1.4 लाख करोड़ की सब्सिडी में गड़बड़ियां और करप्शन दूर होगा। सब्सिडी जरूरतमंद लोगों के सीधे खाते में आएगी। अब तक 111 करोड़ आधार कार्ड्स जारी - सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों और बच्चों को आधार से जोड़ रही है। ऑफिशियल्स को जल्द से जल्द जितना संभव हो सके, लोगों के एनरोलमेंट के लिए कह रही है। UIDAI वेबसाइट पर अवलेबल आंकड़ों के मुताबिक 111 करोड़ आधार कार्ड्स बनाए गए हैं। SC ने इन स्कीम्स में आधार को गैरजरूरी बताया था - आधार स्कीम UIDAI (यूनीक अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की देखरेख में चल रही है। 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने कुछ सरकारी स्कीम्स में आधार के वॉलंटरी यूज पर रोक लगा दी थी। इनमें पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS), LPG, महात्मा गांधी नेशनल रूरल इम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट (MGNREGA), प्रधानमंत्री जन धन योजना और नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम (ओल्ड एज एंड विडो पेन्शन) स्कीम्स शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी क्लियर कर दिया था कि आधार कार्ड या नंबर न होने पर भी किसी शख्स को कोई सर्विस देने से इनकार नहीं किया जा सकता। राज्यसभा में बुधवार को होगी चर्चा - राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन पीजे कुरियन ने सोमवार को कहा कि सदन में बुधवार को इस बात पर चर्चा होगी कि आधार को सर्विसेज और स्कीम्स में मैंडेटरी बनाया जाए या नहीं। कुरियन ने कांग्रेस लीडर जयराम रमेश के सवाल पर यह कहा। अभी इन सर्विसेज में बतौर आईडेंटिटी प्रूफ हो रहा आधार का इस्तेमाल - पासपोर्ट बनवाने में। - बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए। - कई तरह के इंश्योरेन्स लेने के लिए। - कई कंपनियों के नए मोबाइल फोन कनेक्शन लेने के लिए। पुराने मोबाइल कनेक्शन को भी आधार से अपडेट करने का विचार है। - रेल टिकटों पर कंसेशन में। - वोटर्स लिस्ट में अपना नाम वेरिफाई करवाने में। - EPFO के लिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर जनरेट करने के लिए। - IT रिटर्न के लिए। नए बिल के तहत नया PAN जारी करने के लिए आधार जरूरी होगा। - प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों को गैस कनेक्शन देने के लिए। - यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस और हाल ही में लॉन्च हुए भीम ऐप के जरिए मनी ट्रांसफर करने के लिए। - डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर: इसमें भी आधार का इस्तेमाल हो रहा है। सबसे ज्यादा गैस सब्सिडी के लिए। - कई मामलों में लाइफ सर्टिफिकेट के लिए। 92 स्कीम्स पर अमल आधार के जरिए - केंद्र के 19 मंत्रालयों की 92 स्कीम्स में आधार का इस्तेमाल हो रहा है। इनके जरिए एलपीजी सब्सिडी, फूड सब्सिडी और मनरेगा के तहत कैश ट्रांसफर किया जा रहा है। - जनधन खाते खुलवाने में भी बड़े पैमाने पर आधार का इस्तेमाल हुआ है। - राशन कार्ड के जरिए सब्सिडी वाला सामान लेना है तो उसके लिए भी आधार जरूरी किया गया है।


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