मस्तिष्क ज्वर पीड़ित बच्चों का केजरीवाल अस्पताल में अब सरकारी खर्च पर होगा इलाज 

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

मुजफ्फरपुर : मस्तिष्क ज्वर (एईएस) से पिछले 12 दिनों में मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 71 हो गई है। एसकेएमसीएच में 22 बच्चे जबकि केजरीवाल अस्पताल में पांच बच्चों को भर्ती किया गया जहां उनका इलाज चल रहा है| बच्चों की मौत से मची हाहाकार के बाद मुजफ्फरपुर पहुंचकर स्वास्थ्य विभाग की केंद्रीय टीम के सदस्य डॉ.अरुण कुमार सिन्हा ने पीड़ित बच्चों की बीमारी के बारे में एसकेएमसीएच के पैथोलॉजी व शिशु विभाग के एचओडी के साथ बैठक कर पूरी जानकारी ली। पैथोलॉजिकल जांच में लीवर, किडनी और फेफड़ों में खराबी आने एवं ग्लूकोज लेवल का सबसे न्यूनतम 20-35  स्तर की बातें सामने आईं।

उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने अपने राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को मुजफ्फरपुर का दौरा कर बीमारी और बच्चों के मरने के संबंध में अद्यतन हालात की जानकारी लेकर पूरी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने राज्य सरकार द्वारा एईएस से निपटने के लिए अभी तक उठाए गए कदमों से केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया। केंद्र ने सभी पीएचसी में समुचित व्यवस्था बहाल करने व आशा वर्करों को एक्टिव करने का निर्देश दिया है।

डीएम आलोक रंजन घोष ने कहा है कि केजरीवाल अस्पताल में मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित अबतक भर्ती सभी बच्चों से चिकित्सा व दवा मद में वसूली गई राशि परिजनों को वापस की जाएगी। चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का इलाज सरकारी खर्च पर होगा।  मुजफ्फरपुर जिले के सभी डीलरों को दुकान के सामने एक वाहन रखने का जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है ताकि इस बीमारी की लक्षण दिखने पर मरीज को निकट के सरकारी अस्पताल में तत्काल पहुंचाया जा सके। रोगी कल्याण समिति इसका खर्च वहन करेगी। उपचार नि:शुल्क होगा। बैठक में बताया गया कि कोई भी व्यक्ति अपने निजी वाहन से पेशेंट को लाते हैं तो उसकी प्रतिपूर्ति रोगी कल्याण समिति ही करेगा। डीएम ने बच्चों के अभिभावकों के साथ ही जन प्रतिनिधियों के साथ ही पीडीएस दुकानदारों को पीड़ित बच्चों को तत्काल स्वास्थ्य केन्द्र भेजने का आग्रह किया।

 


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