चीन के राष्ट्रपति की 'धमकी', हमें कोर्इ देश हुक्म नहीं दे सकता..

रिपोर्ट: सभार

 चीन लगातार अपनी ताकत में इजाफा कर रहा है। लेकिन चीन की कुछ ऐसी भी परियोजनाएं हैं, जिन्‍हें लेकर कई देश आपत्ति जताते रहे हैं। चीन का 'वन रोड वन बेल्‍ट' ऐसा ही प्रोजेक्‍ट है, जिस पर भारत ने भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। लेकिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को चीन के 'सुधारों और खुलेपन' की नीतियों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताते हुए चेतावनी दी है कि कोई भी यह आदेश नहीं दे सकता है कि हमें क्या करना चाहिए और क्‍या नहीं।

चीन के सुधार एवं उदारवाद की नीति की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रपति चिनफिंग ने दिवंगत चीनी नेता देंग शियोपिंग के कार्यकाल में दिसंबर, 1978 में शुरू किये गये आर्थिक सुधारों को और आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जतायी है। इसके साथ ही उन्होंने यहां यह भी जता दिया कि एक दलीय प्रणाली में बदलाव नहीं होगा। जिनपिंग ने कहा, 'चीन की धरती पर समाजवाद का झंडा हमेशा लहराता रहा है और लहराता रहेगा।'

शी चिनफिंग की यह बयान ऐसे समय आया है, जब उसका व्यापार और राजनयिक मोर्चे पर अमेरिका के साथ विवाद चल रहा है। उन्‍होंने कहा कि कोई भी इस स्थिति में नहीं है कि वह चीन के लोगों को हुक्‍म दे सके कि क्या किया जाना चाहिए या क्या नहीं किया जाना चाहिए। हमें दृढ़ता से विचार करना चाहिए कि क्या सुधार किये जाने चाहिए और क्या किये जा सकते हैं।

चीन ने अमेरिकी कारों व पा‌र्ट्स पर अतिरिक्त शुल्क टाला

हालांकि चीन ने अमेरिका के साथ कारोबारी समझौते की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। उसने आगामी एक जनवरी से अगले तीन महीने के लिए अमेरिका में बनी कारों और ऑटो पा‌र्ट्स पर अतिरिक्त आयात शुल्क स्थगित करने की घोषणा की है। इस घोषणा से यह संकेत मिलता है कि चीन की प्रमुख टेलीकॉम कंपनी की शीर्ष अधिकारी की कनाडा में अमेरिका के लिए गिरफ्तार किए जाने से कारोबारी समझौते की वार्ता पटरी से नहीं उतरी है। अमेरिका द्वारा चीन के 50 अरब डॉलर के आयात पर शुल्क लगाए जाने के जवाब में चीन ने अमेरिका में बनी कारों और ऑटो पा‌र्ट्स पर गर्मियों में शुल्क 25 फीसद बढ़ा दिया था। चीन के टैरिफ कमीशन ऑफिस ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि दोनों देशों के प्रमुखों के बीच हुए समझौते को लागू करने की दिशा में शुल्क वृद्धि स्थगित करना ठोस कदम है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच ब्यूनस आयर्स में जी20 समिट के मौके पर हुई वार्ता में 90 दिनों के लिए सहमति बनी थी। इस दौरान दोनों देश कारोबारी मतभेद दूर करने के लिए प्रयास करेंगे।

अमेरिका से सीमा पर टक्‍कर लेने के लिए ये तैयारी कर रहा चीन

अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में अमेरिका और चीन के बीच एक ओर जहां ट्रेड वॉर चल रही है। वहीं दूसरी ओर चीन की सेना बॉर्डर पर अमेरिका से टक्‍कर लेने के लिए खुद को मजबूत करने में जुटी हुई है। पेंटागन द्वारा जारी नई रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि बीजिंग लंबी दूरी के बमवर्षक और हमलों के लिए संभावित प्रशिक्षण निकट भविष्य में वाशिंगटन, डीसी और उसके सहयोगियों के खिलाफ विकसित कर रहा है। गुरुवार को प्रकाशित रिपोर्ट में इस ओर भी ध्‍यान आकर्षित कराया गया है कि चीन अपने रक्षा क्षेत्र में भारी निवेश करके अपने वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने के प्रयास कर रहा है। रिपोर्ट से पता चलता है कि देश ने पिछले साल ही सेना पर 190 अरब डॉलर की भारी राशि खर्च की है।

चीन और रूस मिलकर एक ऐसी विवादित योजना पर काम कर रहे हैं, जिससे वे वायुमंडल के तापमान और सैटेलाइट्स को नियंत्रित कर सकते हैं। चीन और रूस मिलकर पृथ्वी के वायुमंडल को गर्म करने और बदलने की विवादास्पद योजनाओं के साथ आगे बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि इस रियोजना में संभावित सैन्य अनुप्रयोग हैं, क्योंकि यह उपग्रह संचार को बाधित कर सकता है। ऐसे में युद्ध की स्थिति या जासूसी के लिए इसका इस्‍तेमाल किया जा सकता है। इन परिस्थितियों में ये प्रयोग काफी कारगर साबित हो सकता है।

 


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