19 मई को सातवें चरण यानी अंतिम चरण का मतदान खत्म होने के साथ ही विपक्षी दलों द्वारा ईवीएम पर लगातार सवाल खड़े किये जाने के मुद्दे पर लोजपा सुप्रीमो व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने पलटवार किया है| उन्होंने कहा कि ईवीएम का विरोध करनेवाले लोग एक बार फिर बूथ कैप्चरिंग का जमाना वापस लाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि चुनावी परिणाम आने से पहले ही ईवीएम पर सवाल उठाना विपक्ष के हार और हताशा का परिचायक है| दरअसल ये लोग धनबल और बाहुबल के युग में वापस ले जाना चाहते हैं.
वही सवालिया लहजे में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि केवल 21 पार्टियों द्वारा EVM पर सवाल उठाना उनके राजनीतिक दिवालियापन को दर्शाता है| जावड़ेकर ने कहा कि उन्हें न अपनी जीत का भरोसा है और न ही देश की जनता पर| व्यंग्यात्मक लहजे में श्री जावड़ेकर ने कहा कि जब कांग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस की जब जीत होती है तब यह सवाल नहीं उठाये जाते हैं|
जावड़ेकर ने कहा कि इलेक्शन कमीशन भारत में 90 करोड़ मतदाताओं का निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से वोटिंग करवाता है| बावजूद इसके परिणाम विरोध में आते देख अनेक नेता अपना आपा खो बैठे हैं और सिविल वॉर की तरह बातें कर रहे हैं| उन्होंने कहा कि 23 मई को एग्जिट पोल से भी अच्छे नतीजे आयेंगे|
दरअसल, कांग्रेस, द्रमुक, तेदेपा और बसपा सहित 22 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने दिल्ली में चुनाव आयोग से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौपा| सौपे गये इस ज्ञापन में मतगणना से पहले औचक तरीके से चुने गए पांच मतदान केंद्रों की वीवीपैट पर्चियों का सत्यापन कराने की मांग की गयी है. हालांकि चुनाव आयोग के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट भी ऐसा करने के लिए मना कर चुका है.