बिहार की राजनीति में ट्विस्ट, क्यों खफा हुए नीतीश?

रिपोर्ट: साभारः

मकर संक्रांति पर बुधवार को पटना में भोज तो दही-चूड़े का था, लेकिन पूरे दिन जनता परिवार को एकजुट करने पर सियासत तेज होती दिखी। राजद और जदयू दलों द्वारा आयोजित भोज में पुराने जनता दल परिवार के सपा और रालोद के नेता शामिल हुए। सहयोगी कांग्रेस और राकंपा के नेताओं की उपस्थिति भी देखी गई, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा का केंद्र जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार की अनुपस्थिति बनी रही। बताया जा रहा है कि तबियत खराब होने के कारण वह दोनों भोजों से नदारद रहे। एक ओर जहां नीतीश ‘यादव परिवार’ के विलय का अभियान तेज कर रहे हैं, वहीं लालू, शरद और मुलायम का पहिया एक लीक पर चलता नजर नहीं आ रहा है। पहले मुलायम का पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न बदलने से इनकार और बाद में लालू द्वारा दो दलों के विलय के प्रस्ताव को खारिज करना और आज नीतीश की अनुपस्थिति राजनीतिक जानकारों के लिए नई तस्वीर गढ़ रही है। राजद प्रमुख लालू यादव ने नीतीश के आवास पहुंचकर उनका हालचाल लिया। वहीं, जदयू के एक नेता ने कहा कि जनता परिवार के एकजुट होने में सभी छह दलों की सहमति जरूरी है और विलय की प्रक्रिया आज से तेज हो गई है। नए दल का नाम समाजवादी जनता दल हो सकता है। अब एक चुनाव चिह्न और एक अध्यक्ष पर निर्णय के लिए मुलायम सिंह को कहा गया है।


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