शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री की नसीहत, कहा- निष्ठापूर्वक दायित्वों का निर्वहन करें शिक्षक

रिपोर्ट: शिलनिधि

मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने आज श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित शिक्षक दिवस 2019 को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के महान दार्शनिक, प्रसिद्ध शिक्षक और द्वितीय राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस पर हर वर्ष शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है| शिक्षा दिवस 2019 के इस अवसर पर मैं सर्वपल्ली राधाकृष्णन के प्रति श्रद्धा एवं सम्मान व्यक्त करता हूँ| साथ ही शिक्षक-शिक्षिकाओं का हार्दिक अभिनन्दन करते हुए गुरुजनों के प्रति सम्मान व्यक्त प्रकट करता हूँ| उन्होंने कहा की समाज में शिक्षकों की बहुत बड़ी भूमिका है इसलिए आज का दिन शिक्षकों के लिए सम्मान का दिन है|

शिक्षकों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा की आप सबों की जब जो इच्छा हो मांग करते रहिये, इससे हमे कोई परेशानी नहीं है| लेकिन बच्चों को पढ़ाना आपका मूल दायित्व है| उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बिहार में जो काम हुआ है उसे याद रखिये| उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ जितना नारा लगाना हो लगाइए| मुझे इससे कोई तकलीफ नहीं है क्योकि लोकतंत्र में सबको आजादी है| लेकिन यह याद रखिये कि जो लोग आज आपको बहकाने में लगे हैं, वे ही लोग वर्ष 2006 में हमने जब शिक्षकों का नियोजन किया था तो 2008 में एक पुस्तिका का प्रकाशन कर कहा था कि प्राथमिक शिक्षा संस्थानों में पिछले 3 वर्षों में अयोग्य शिक्षकों की बहाली कर शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया है| उस वक्त हमने कहा था कि कोई शिक्षक अयोग्य नहीं है अगर आप चाहते हैं तो नॉर्मल टेस्ट ले सकते हैं| लेकिन जो आपको अयोग्य करार दिया करते थें वे आज तरह-तरह की बात कर रहे हैं| शिक्षकों से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि पूरी निष्ठा के साथ और अच्छे ढंग से आप बच्चों को पढ़ाइये जितना संभव होगा हम करते रहेंगे| आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है| शिक्षक दिवस के अवसर पर हम इतना ही कहेंगे कि हमने आपका हमेशा ख्याल रखा है और आगे भी रखेंगे तथा समय आने पर करेंगे| उन्होंने कहा कि जिन शिक्षकों को आज पुरस्कृत किया गया है उन्हें मैं बधाई देता हूँ|

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005-06 में जिस बिहार का शिक्षा बजट 4261 करोड़ हुआ करता था वह वर्ष 2018-19 में बढ़कर 32126 करोड़ रुपया हो गया है| इसे भूलना नहीं चाहिए| उन्होंने कहा कि शिक्षा की महता को हम भूल नहीं सकते और शिक्षा के साथ-साथ हमने हर क्षेत्र में काम किया है| वर्ष 2005 में जब बिहार की जनता ने हमे काम करने का मौक़ा दिया तो हमने अध्ययन कराया जिसमे यह बात सामने आयी कि 12.5 प्रतिशत बच्चें स्कूलों से बाहर हैं| इसके बाद बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए 21 हजार नये स्कूलों का निर्माण कराने के साथ ही पुराने विद्यालयों में नये क्लासरूम की व्यवस्था की गयी| इसके अलावा पंचायत एवं नगर निकायों को शिक्षकों के नियोजन का अधिकार दिया गया जिसमे 4000 रूपये पर अप्रशिक्षित शिक्षक और 5000 रूपये पर प्रशिक्षित शिक्षकों का नियोजन किया गया| उसके बाद वर्ष 2015 में नियोजित शिक्षकों का वेतनमान निर्धारित करने के बाद वर्ष 2016-17 में सातवां वेतन के अनुशंसा की सुविधाएं प्रदान की गयी| आज स्कूल से बाहर रहनेवालों की संख्या 1 प्रतिशत से भी कम है| मिडिल स्कूल में पढ़नेवाली लड़कियों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गयी जिसके बाद लड़कियों की संख्या बढ़ गयी| नौवे क्लास में पढ़नेवाली वाली लड़कियों की संख्या पहले 1 लाख 70 हजार थी जिसको देखते हुए साइकिल योजना की शुरुआत की गयी| इससे न सिर्फ लड़कियों का मनोबल और उत्साहवर्द्धन हुआ बल्कि लोगों की सोच में भी परिवर्तन आया| आज मैट्रिक में लड़के और लड़कियों की संख्या बराबर हो गयी है| अब शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है| यह बात पूरे देश के साथ ही विकसित देशों में भी हो रही है|

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की सेवा करने के प्रति हमारा समर्पण है और यही हमारा धर्म है| वर्ष 2003 में जब हम सांसद थे तो मोकामा विधानसभा क्षेत्र के टाल इलाके में क्षेत्र भ्रमण के दौरान एक बच्चे ने हमसे कहा कि हम पढ़ेंगे नहीं| उस बच्चे की बात को हम आज तक नहीं भूले है| उन्होंने कहा कि प्रजनन दर को घटाने के लिए बिहार के सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है ताकि लड़कियां कम से कम 12 वीं तक शिक्षा हासिल कर सके| अप्रैल 2020 तक सभी पंचायतों में 9 वे क्लास की पढ़ाई शुरू हो जायेगी| प्रजनन दर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक अध्ययन में यह पाया गया कि अगर पत्नी मैट्रिक पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 2 है और बिहार में भी 2 है और यदि पत्नी 12 वीं पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 1.7 है और बिहार में औसत प्रजनन दर 1.6 है| उन्होंने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की पहले क्या स्थिति थी, यह जगजाहिर है| लेकिन अब नई तकनीक और नया कानून बन जाने के बाद विगत दो वर्ष से रिजल्ट में किसी प्रकार की गड़बड़ी सामने नहीं आयी है|

मुख्यमंत्री ने कहा कि बांका जिलाधिकारी ने गणित और विज्ञान में उन्नयन कार्यक्रम शुरू किया था जो काफी कारगर एवं प्रभावी साबित हुआ| जब हमने देखा तो कहा कि यह सिस्टम सभी विषयों में लागू करिये| बिहार उन्नयन कार्यक्रम शुरू होने के बाद क्लास में बच्चें काफी इम्प्रूव करेंगे| लेकिन क्लास के माध्यम से पढ़ाने की परंपरा ज्यों की त्यों चलती रहेगी| उन्नयन कार्यक्रम को केंद्र ने भी पुरस्कृत किया है| बांका कॉलेज में भी इसे शुरू कर दिया गया है| गरीब परिवारों के छात्र भी उच्च शिक्षा हासिल कर सके, इसके लिए हमलोगों ने 4 लाख रूपये के स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की भी व्यवस्था की है| इसके लिए अच्छी खासी संख्या में लोग इच्छा प्रकट करने लगे हैं| इसके अलावा युवाओं के लिए कुशल युवा कार्यक्रम, स्वयं सहायता भत्ता के साथ ही पांच नये मेडिकल कॉलेज, हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज, पोलिटेक्निक कॉलेज, पारा मेडिक संस्थान, महिला आईटीआई, हर सबडिविजन में आईटीआई और एएनएम संस्थान स्थापित किया जा रहा है| आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, चाणक्य विधि विश्वविद्यालय और चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के बाद पूर्णिया, मुंगेर और पाटलिपुत्र तीन नये विश्वविद्यालय बनाये गये| उन्होंने कहा कि आर्यभट्ट ज्ञान यूनिवर्सिटी कोई नॉर्मल यूनिवर्सिटी नहीं है बल्कि नॉलेज यूनिवर्सिटी है| इस विश्वविद्यालय का नाम आर्यभट्ट पर है इसलिए अब इसमें एस्ट्रोनॉमी पर रिसर्च होगा ताकि नाम बेकार न जाए| उन्होंने कहा कि जो भी हमारा गौरवशाली इतिहास है, उन एक-एक चीज पर हमारा ध्यान है| बिहार ज्ञान की भूमि रही है और ज्ञान की इस भूमि पर यदि हमारे बच्चें पढ़ नहीं पाए तो यह हमारे लिए दुर्भाग्यपूर्ण है|

बच्चों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि खूब पढ़े, आगे बढ़े और अपने बुजुर्गों का सम्मान करें| पढ़-लिखकर बड़े होने के बाद माता-पिता का हमेशा ख्याल रखियेगा| क्योकि अब कानून भी बन गया है और जो अपने बुजुर्गों का सम्मान नहीं करेगा| उसे दण्डित होना पड़ेगा| शिक्षकों से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि आप अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ करते रहेंगे तो समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी और नई पीढ़ी आगे बढ़ेगा| उन्होंने कहा कि समाज में प्रेम, भाईचारा और सद्भावना का माहौल हर सूरतेहाल में कायम रखे ताकि बिहार के गौरवशाली इतिहास को हम पुनः प्राप्त करने में कामयाब हो सके|

शिक्षक दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रथम उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया| शिक्षक दिवस समारोह में छात्राओं ने मुख्यमंत्री को पौधा भेंट कर उनका स्वागत किया| उत्कृष्ट कार्य करनेवाले शिक्षकों के साथ ही वर्ष 2018 में शिक्षक कल्याण कोष में अधिकतम राशि जमा करनेवाले नालंदा, पश्चिम चंपारण एवं पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया| रिमोट के माध्यम से मुख्यमंत्री ने उन्नयन बिहार कार्यक्रम का शुभारंभ किया|

 

 


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