आतंकी संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान में ईद के मद्देनजर सरकार के संघर्ष विराम के प्रस्ताव को मानने के कुछ घंटों बाद ही 20 सुरक्षाबलों की हत्या कर दी। एजेंसी के मुताबिक, संघर्षविराम होने के बाद तालिबान विद्रोहियों ने अल-सुबह कला-ए-जल जिले में कई सुरक्षा चौकियों पर हमले किए, जिसमें 20 सुरक्षाबल मारे गए, 6 घायल हैं। इससे पहले राष्ट्रपति अब्दुल गनी ने सात दिन तक संघर्ष विराम की बात रखी थी, लेकिन आतंकी संगठन सिर्फ तीन दिन के लिए राजी हुआ था। बता दें कि 2001 में अमेरिका से संघर्ष शुरू होने के बाद ये पहली बार है कि तालिबान ने सुरक्षाबलों के साथ ऐसा समझौता किया हो।
तालिबान ने इससे जुड़ा एक संदेश अफगानिस्तान के सभी पत्रकारों को भेजा। इसमें संगठन ने लिखा, “सभी मुजाहिद्दीनों को निर्देश है कि वे ईद के पहले तीन दिन अफगान सुरक्षाबलों पर हमला ना करें।” हालांकि, संदेश में आगे ही तालिबान ने चेतावनी के तौर पर लिखा कि अगर मुजाहिद्दीनों पर किसी तरह का हमला होता है तो हम भी अपनी पूरी रक्षा करेंगे। वहीं विदेशी सैनिकों पर आतंकी संगठन ने कहा है कि उन्हें इस संघर्षविराम से बाहर रखा गया है। यानी आतंकी अफगान सुरक्षाबलों के अलावा बाकी किसी भी देश के सैनिकों को देखते ही उन पर हमला कर सकते है| अफगान सरकार ने दो दिनों पहले (गुरुवार) ही तालिबान के साथ एक हफ्ते तक संघर्षविराम का एलान किया था। गनी ने इससे जुड़ा एक ट्वीट भी किया था जिसमें उन्होंने संघर्षविराम की तारीखों का भी ऐलान किया था। गनी ने हाल ही में कहा था कि इस संघर्षविराम के बारें में सकारात्मक होना बेहद जल्दबाजी होगी। हम नहीं जानते कि आने वाले कुछ दिनों या उसके बाद क्या होगा। इसी महीने उलेमाओं ने फिदायीन हमलों को इस्लाम के खिलाफ बताते हुए फतवा जारी किया था। आतंकियों ने इसके एक घंटे बाद ही राजधानी काबुल में फिदायीन हमला किया था, जिसमें 7 उलेमा मारे गए थे। बताया जाता है कि आतंकी अपने खिलाफ फतवे से नाराज थे।