रक्षा, व्‍यापार व आर्थिक क्षेत्र में भारत के साथ होगी अहम साझेदारी : बराक ओबामा

रिपोर्ट: साभारः

नयी दिल्‍ली : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ जारी किये गये अपने संयुक्‍त बयान में भारत की जनता को धन्‍यवाद दिया और अपने संदेश की शुरुआत नमस्ते से की. उन्होंने हिंदी में सबसे कहा, 'मेरा प्यार भरा नमस्कार'. अमेरिका के पहले राष्‍ट्रपति के तौर पर गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत आने को उन्होंने खुद के लिए सम्‍मान की बात बताया. ओबामा ने कहा कि 21वीं सदी में बदलते वक्‍त के साथ भारत के साथ अमेरिका के मजबूत रिश्‍ते बहुत जरुरी हैं. मोदी की पिछली अमेरिका यात्रा की याद दिलाते हुए ओबामा ने कहा कि अमेरिका में भी मोदी बहुत लोकप्रिय हैं. न्‍यूयार्क के मेडिसन स्‍क्‍वायर में मोदी के कार्यक्रम में लोगों ने किसी बॉलीवुड स्‍टार की तरह मोदी का स्‍वागत किया था. उस समय व्‍हाइट हाउस में हमने भारत और अमेरिका के संबंधों पर चर्चा की थी और आज भारत आने के बाद एक बार फिर से प्रधानमंत्री मोदी के साथ 'चाय पे चर्चा' हुई. ये दौर भारत और अमेरिका के रिश्‍तों में नयी इबादत लिखेगा. ओबामा ने कहा कि हम रक्षा, व्‍यापार और आर्थिक क्षेत्र में भारत के साथ साझेदारी करना चाहते हैं और इस कड़ी में भारत और अमेरिका के बीच अबतक हुए व्‍यापार की सीमा को कई गुणा आगे बढ़ाना चाहते हैं. उन्‍होंने कहा, 'मैनें नरेंद्र मोदी से भारत में व्‍यापार और उद्यम करना आसान बनाने की बात कही थी ताकि अमेरिका से भारत में निवेश करने वाली कंपनियों और निवेशकों को यहां काम करने में आसानी हो सके. इसके अलावा हमारे बीच सिविल न्‍यूक्लियर कॉ-ऑपरेशन पर भी सार्थक बातचीत हुई और अमेरिका चाहता है कि भारत के साथ टेक्‍नोलॉजी और ऊर्जा जैसे मुद्दों पर हाईटेक साझेदारी हो. अमेरिका भारत के साथ मिलकर स्‍वच्‍छ ऊर्जा एवं स्‍वच्‍छ हवा जैसे क्षेत्रों में भी काम करना चाहता है. अमेरिका भारत के अंतरराष्‍ट्रीय जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर अहम भागीदारी की प्रशंसा करता है. ओबामा ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ तकनीक साझा करने का इच्छुक है और भारत के कई शहरों में स्वाछ हवा के लिए अमेरिका, भारत के साथ मिलकर काम करेगा. ओबामा ने आगे कहा कि अमेरिका और भारत के बीच रक्षा व्‍यापार समझौते की मियाद बढ़ा दी जाएगी और अगले दस सालों तक अब यह समझौता जारी रहेगा. अमेरिका इसके तहत भारत में संयुक्‍त रक्षा तकनीक एवं रक्षा क्षेत्र से जुड़े उत्‍पादों के विकास पर ध्‍यान देगा. आतंकवाद पर भारत के रूख की भी ओबामा ने सराहना की और कहा कि आतंकवाद जैसे गंभीर अंतरराष्‍ट्रीय मुद्दे पर भारत हमारा प्रमुख सहयोगी है और अफगानिस्‍तान में भारत की तरफ से की जा रही मदद प्रशंसनीय है. आगे, ओबामा ने इशारा करते हुए कहा कि हम ऐसा मानते हैं भारत संयुक्‍त राष्‍ट्र का एक प्रमुख सदस्‍य है और संयुक्‍त राष्‍ट्र के विभिन्‍न शांति मिशनों में भी भारत की बड़ी भूमिका रही है. ओबामा ने कहा कि कल गणतंत्र दिवस की परेड को देखना उनके लिए खुशी की बात होगी और परसों वे भारत की जनता को संबोधित करेंगे (रेडियो पर मोदी के साथ मन की बात करेंगे ओबामा). अंत में ओबामा ने कहा कि दोनों देशों के बीच बनी इस नयी साझेदारी को अपना पूरा आकार लेने में थोड़ा समय लगेगा, जिसके लिए हमें धैर्य रखना होगा और भारत-अमेरिका के मजबूत संबंध मेरे प्रशासन के लिए सबसे अग्रणी मामलों में शामिल होगा. भारत-अमेरिका मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ेंगे : PM मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओबामा के साथ अपने संयुक्‍त बयान में कहा, दोनों देशों के संबंध पारंपरिक हैं. भारत और अमेरिका दुनिया के दो महान लोकतान्त्रिक देश हैं. दोनों देशों की साझा विरासत होने के कारण भारत और अमेरिका एक-दूसरे के स्वाभाविक साझेदार हैं. उन्‍होंने कहा कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा और मिशेल ओबामा का भारत में स्‍वागत है. आज का दिन दुनिया के दो बड़े लोकतंत्रों के मेल का दिन है. इस मुलाकात से दोनों देशों के संबंध मजबूत होंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा को गणतंत्र दिवस के मौके पर मेहमान बानाना खास है. अमेरिका और भारत दोनों देश नेचुरूल ग्लोबल पार्टनर हैं. अमेरिका भारत के लिए आज के दौर में सबसे अच्छा दोस्त है, दोस्त से विकास में मदद मिलती है. ओबामा की भारत यात्रा से चीन चौकन्‍ना हो गया है. हमें अपने रक्षा सहयोग को नयी ऊंचाई तक ले जाना है. प्रधानमंत्री ने कहा कि 6 साल पहले हुए परमाणु करार के अब व्यावसायिक नतीजे दिखेंगे. हम रक्षा क्षेत्र और समुद्र रक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे, मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ेंगे. मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच अब कम अंतराल पर ऐसी बातचीत होते रहनी चाहिए, इसके लिए मैंने बराक को कहा है. इसके अलावा अब भारत में मेरे और अमेरिका में बराक ओबामा के बीच सीधी हॉटलाइन सेवा बहाल की जाएगी, जो दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों से भी जुड़ी रहेगी. 03:00 PM हैदराबाद हाउस के अंदर बंद कमरे में लंच और बातचीत के बाद बराक ओबामा और पीएम नरेंद्र मोदी हैदराबाद हाउस के लॉन में आये और टहलते हुए बातचीत की. इसके बाद लॉन में ही लगी कुर्सियों पर दोनों नेता बैठे और चाय की चुस्कियो के बीच भी बातचीत की. दोनों लगभग 20 मिनटों तक लॉन में घुमते रहे. आज ही सुबह नयी दिल्‍ली पहुंचे अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने कई व्‍यस्‍त कार्यक्रमों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैदराबाद हाउस में बातचीत की. कयास लगाये जा रहे हैं कि दोनों के बीच चलने वाली इस बातचीत से कई मामलों में सुधार के आसार लगाये जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज यहां हैदराबाद हाउस में आधिकारिक बातचीत की शुरुआत करने से पहले लॉन में साथ-साथ चहलकदमी की. मोदी और ओबामा ने बातचीत से पहले कुछ देर के लिए लॉन में चहलकदमी करते हुए एक दूसरे के साथ गुफ्तगूं की. इससे दोनों नेताओं के बीच बढती दोस्ती का पता चलता है. प्रधानमंत्री मोदी ने खुद चाय अपने इस खास मेहमान को दी. दोपहर के भोजन के बाद दोनों नेता टहलने निकले और करीब 10 मिनट तक बेहद शांतिपूर्ण माहौल में टहलते रहे. इससे पहले मोदी ने 1946 में भारतीय संविधान सभा को अमेरिका की ओर से भेजे गए टेलीग्राम की एक प्रति ओबामा को भेंट की. इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जिसमें काफी समय से रूके पडे असैन्य परमाणु करार से संबंधित बाधाओं को दूर करने के साथ रक्षा, कारोबार, वाणिज्य और जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में संबंधों को आगे बढाना शामिल है. अधिकारियों ने बताया कि परमाणु मुद्दे पर प्रगति हुई है और भारत इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में अमेरिका के साथ मिलकर प्रभावी ढंग से काम करने को आशान्वित है. भारत की जवाबदेही से जुडा कानून आपूर्तिकर्ता को परमाणु दुर्घटना की स्थिति में सीधे जवाबदेह ठहराता है जबकि फ्रांस और अमेरिका ने भारत से वैश्विक मापदंडों का पालन करने को कहा है जिसके तहत प्राथमिक जवाबदेही परिचालक की बनती है. चूंकि देश में सभी परमाणु उर्जा संयंत्र सरकारी स्वामित्व वाले भारतीय परमाणु उर्जा निगम लिमिटेड द्वारा संचालित हैं, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मापदंडों का पालन करने का अर्थ होगा कि दुर्घटना के मामलों में सरकार को नुकसान की भरपायी करनी होगी.


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