नीति आयोग: 66 केंद्रीय योजनाओं में कुछ बंद होंगी

रिपोर्ट: साभारः

योजनाओं के वित्त-पोषण के मामले में सबको एक तराजू पर तौलने के तरीके की जगह नई राह अपनाने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 66 केंद्रीय योजनाओं को युक्तिसंगत बनाने की रविवार को घोषणा की। इसमें कुछ योजनाओं को समाप्त किया जा सकता है। इस बीच तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने केंद्र से राज्यों को मिलने वाला धन बढाए जाने की मांग की है। नवगठित नीति आयोग (राष्ट्रीय भारत-परिवर्तन संस्थान) की संचालन परिषद की आयोजित पहली बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि देश को सबको एक तराजू पर तौलने वाली योजनाओं से हट कर योजनाओं और राज्यों की जरूरत में तालमेल विकसित करने की आवश्यकता है। परिषद में राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं। उन्होंने केंद्र प्रायोजित 66 योजनाओं के अध्ययन के लिये राज्यों के मुख्यमंत्रियों का एक उप-समूह गठित करने की घोषणा की। उप-समूह यह सिफारिश करेगा कि कौन सी योजनाएं जारी रखी जाए, किसे राज्यों को हस्तांतरित किया जाए और किसे समाप्त किया जाए। वित्त वर्ष 2014-15 में इन 66 केंद्रीय योजनाओं के लिये केंद्रीय सहायता 338,562 करोड़ रुपये दी गई। यह 2013-14 के 136,254 करोड़ रुपये के मुकाबले दोगुना से अधिक है। 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान केंद्रीय योजना के लिये कुल प्रावधान 6.6 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले साल ऐसी योजनाओं की संख्या 147 से घटाकर 66 कर दी गई। एक समय ऐसी 360 योजनाएं थी लेकिन समय के साथ इसमें कमी आती गयी।


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