कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष को दी नसीहत, कहा - जल्द सुलझेगा किसानों का मसला

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के प्रति प्रतिबद्ध है और जल्द ही बातचीत के जरिये किसानों की चिंता का समाधान निकलेगा| उन्होंने कहा कि अब तक अब तक इस मसले पर तीन दौर की बैठक हो चुकी है| उम्मीद है बातचीत से समस्या हल हो जाएगी| न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से जुड़े सवाल के जबाब में नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि यह कानून का कभी हिस्सा नहीं रहा है| लेकिन पीएम मोदी चाहते हैं कि किसानों को इसका लाभ मिले| यूपीए की तुलना में एनडीए सरकार में डबल खरीद की गई है और एमएसपी के लिए नियमित प्रयास किए जा रहे हैं| विपक्ष के सवाल पर कृषि मंत्री ने कहा कि सब कुछ कानून के दायरे में नहीं लाया जा सकता है| सरकार को समग्र दृष्टिकोण रखना होता है| मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि कृषि क्षेत्र में पैसा होना चाहिए और 2022 तक किसानों की आय को दोगुना बनाने का अभियान चल जा रहा है| यह प्रधानमंत्री जी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है| 

श्री तोमर ने कहा कि 17 राज्यों में नया कृषि कानून लागू किया गया है. पंजाब में मंडी व्यवस्था मजबूत है. मंडी प्रणाली की धारणा वहां से अधिक प्रचलित हो रही है. बिहार में APMC के खत्म होने के सवाल पर भी उन्होंने जवाब दिया. मंत्री ने कहा कि बिहार में APMC खत्म हुई उसका ऐतिहासिक कारण है. मैं उसे बता रहा हूं. मैं सार्वजनिक रूप से बोलना नहीं चाहता. लेकिन सामान्य रूप से किसान को निजात ही मिली है. क्योंकि जब वहां मंडी थी तो शोषण की चरम सीमा थी. इसी से त्रस्त होकर उस समय APMC को खत्म करने की स्थिति आई. लेकिन जब हम कोई कानून बना रहे होते हैं या बदल रहे होते हैं तो उसके साथ बाकी सब चीजों का काम करना भी जरूरी होता है. सिर्फ कानून ही पर्याप्त नहीं होता है.

किसान आंदोलन में खालिस्तान या शरारती तत्वों की घुसपैठ के सवाल पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अभी जिन लोगों से बातचीत चल रही है उन्हें किसानी का अनुभव भी है. किसान आंदोलन के नेताओं से बात करना मेरा धर्म है. कृषि कानूनों संबंधी बिल पर किसानों की राय नहीं लिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 2003 में स्वामीनाथन आयोग की स्थापना हुई थी और सुधार संबंधी उनकी सिफारिशें 2006 में आई थीं. शतकरी संगठन के शरद जोशी ने भी यही सलाह दी और इसकी मांग की थी. कांग्रेस के 2019 घोषणापत्र में यह भी था. इसलिए यह प्रक्रिया काफी समय से चल रही थी. बस मोदी जी ने अपने दूसरे कार्यकाल में पहल की है और इसे बढ़ाया है. किसानों के मौजूदा प्रदर्शन पर कृषि मंत्री ने कहा कि यह किसान आंदोलन है. यह मेरा धर्म है| छोटे किसानों को सरकार से अधिक सहायता की आवश्यकता है| हम जानते हैं कि छोटे निवेशकों (2 एकड़) तक ज्यादा मदद नहीं पहुंचती है| 


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