चीन की हर चालबाजी को नाकाम करने के लिए लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारतीय सेना चाक-चौबंद है| चीनी सरहद पर सुखोई, मिग जैसे युद्धक विमान से निरंतर निगरानी रखी जा रही है| भारतीय सैनिक थल, जल से लेकर नभ तक चीन की चालबाजी को मटियामेट करने के लिए पूरी तरह से तत्पर हैं| फिलहाल चीन ने कदम पीछे खींच लिया है| वायुसेना के कई लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर अपाचे, चिनूक और मी-17 भी दुश्मन पर नजर रखने के लिए लगातार उड़ान भर रहे हैं|
भारतीय वायुसैनिक 15 डिग्री तापमान और तेज बर्फीली हवाओं से जूझते हुए सरहद दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखें हुए हैं ताकि हर सूरतेहाल में दुश्मन को पलक झपकते दबोचा जा सके| अपाचे हेलीकॉप्टर माउंटेन वार फेयर के लिए बहुत बेहतरीन लड़ाकू हेलीकॉप्टर माना जाता है| इस वक्त लद्दाख में चीन से लगने वाली 1200 किलोमीटर लंबी एलएसी पर भारत के हजारों जवान तैनात हैं| भारतीय वायुसेना के बेड़े में सुखोई सबसे ताकतवर और बेहतरीन लड़ाकू विमान है जो वर्तमान हालात में सरहद पर चीन की हर हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं|
उल्लेखनीय है कि 15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन ने अभी तक अपने मारे गए सैनिकों की संख्या नहीं बताई है।