जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट सेवा शुरू करने के मुद्दे पर हालात की समीक्षा के लिए विशेष कमेटी का गठन

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट सेवा चालू करने के मुद्दे पर हालात की समीक्षा के लिए विशेष कमेटी का गठन किया जा चुका है| यह जानकारी सर्वोच्च न्यायालय में सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दी है| सुप्रीम कोर्ट ने एक न्यायमूर्ति एन वी रमण की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने केंद्र से कहा कि वह क्षेत्र में 4 जी इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने के आदेशों की समीक्षा से संबंधित केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा लिए गए फैसले के संबंध में एक हलफनामा दायर करे।

इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने को लेकर सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की गई थी, जिसकी सुनवाई में सोलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश के मुताबिक विशेष कमेटी का गठन किया गया है| उन्होंने बताया कि ये कमेटी हर जिले में स्थिति का जायजा लेगी और पता करेगी कि कहां 4G सेवा शुरू की जा सकती है और कहां नहीं| 

गौरतलब है कि आतंकवादी गतिविधियों और राष्ट्र की सुरक्षा का हवाला देते हुए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में 4G सेवा देना घातक रहेगा| इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि पढ़ाई, चिकित्सा सेवा और बिजनेस आदि के लिए 4G की सख्त जरूरत है| क्योंकि 2G सेवा से ये कार्य संभव नहीं है|

जब अटॉर्नी जनरल ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि इस क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधि की घटनाओं में वृद्धि हुई है, याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने केंद्रीय गृह मंत्री के साक्षात्कार का हवाला दिया, जिसमें अमित शाह ने कहा था कि धारा 370 निरस्त करने के बाद और 1990 के बाद से आतंकवाद जम्मू एवं कश्मीर में सबसे कम है।


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