भारतीय रेलवे ने किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आज (7 अगस्त) से किसान रेल की शुरुआत की है| इस ट्रेन से किसान पशुपालकों एवं मत्स्यपालकों द्वारा उपजाए जानेवाले पैदावार (सब्जी, फल, फिश, मीट, मिल्क) को ससमय बाजार मुहैया कराया जाएगा जो जल्दी खराब हो जाते हैं| रेलवे मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा शुक्रवार को इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई| इस अवसर पर महाराष्ट्र के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री छगन भुजबल भी उपस्थित थे| अभी ऐसी पहली ट्रेन महाराष्ट्र से बिहार तक के लिए चल रही है|किसान रेल में रेफ्रिजरेटेड कोच लगे होंगे जिसे 17 टन की क्षमता के साथ नए डिजायन के रूप में रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में तैयार किया गया है| इस ट्रेन में कंटेनर फ्रीज की तरह होंगे| मतलब यह एक चलता-फिरता कोल्ड स्टोरेज होगा, इसमें किसान खराब होने वाले सब्जी, फल, फिश, मीट, मिल्क रख सकेंगे|
यह किसान रेल हफ्ते में एक महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित देवलाली से सुबह 11 बजे चलेगी और अगले दिन शाम 6.45 बजे पटना के पास स्थित दानापुर स्टेशन पर पहुंचेगी| इस यात्रा के दौरान किसान रेल करीब 1,519 किलोमीटर की दूरी तय करेगी| देवलाली से चलने के बाद यह ट्रेन नासिक रोड़, मनमाड़, जलगांव, भुसावल, बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, मणिकपुर, प्रयागराज, पं दीनदयाल उपाध्याय नगर और बक्सर में रुकेगी| रेलवे के इस प्रयास को सरकार के उस लक्ष्य से ही जोड़कर देखा जा रहा है जिसके तहत कहा गया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी की जाएगी| इससे सब्जियों, फलों, मांस, मछली और दूध जैसे जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों को इनके पैदावार वाले इलाकों से उन इलाकों में पहुंचाया जाएगा जहां इनका अच्छा बाजार है| इस सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) योजना के तहत शीत भंडारण के साथ किसान उपज के परिवहन की व्यवस्था होगी|