PM का संबोधनः भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये राहत पैकेज की घोषणा

रिपोर्ट: रमेश पाण्डेय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया| उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब चार महीने से ज्यादा समय बीत गया है। इस दौरान तमाम देशों के 42 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। पौने तीन लाख से ज्यादा लोगों की दु:खद मृत्यु हुई है। भारत में भी अनेक परिवारों ने अपने स्वजन खोए हैं। मैं सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया जिंदगी बचाने में एक प्रकार से जंग में जुटी है। हमने ऐसा संकट न देखा है, न ही सुना है। निश्चित तौर पर मानव जाति के लिए यह सब कुछ अकल्पनीय है। यह क्राइसिस अभूतपूर्व है, लेकिन थकना, हारना, टूटना, बिखरना, मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए अब हमें बचना भी है और आगे बढ़ना भी है। उन्होंने कहा कि दुनिया ने कभी ऐसा संकट नहीं देखा है, कोरोना का संकट अभूतपूर्व है। हमें इस संकट से बचना भी है और आगे बढ़ना भी है। एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया, जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है| संकल्प संकट से भी विराट होगा|

प्रधानमन्त्री ने कहा कि आज जब दुनिया संकट में है तो हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा, हमारा संकल्प इस संकट से भी विराट होगा। साथियो! हम पिछली शताब्दी से ही लगातार सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है। हमने कोरोना से पहले की दुनिया को, वैश्विक व्यवस्थाओं को देखने समझने का मौका मिला है। कोरोना संकट के बाद भी दुनिया में जो स्थितियां बन रही हैं, उसे भी हम िनरंतर देख रहे हैं। विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है, आत्मनिर्भर भारत। हमारे यहां शास्त्रों में भी यही कहा गया है। इतनी बड़ी आपदा भारत के लिए एक संकेत, एक संदेश, एक अवसर लेकर आई है। भारत ने आपदा को अवसर में बदला है| 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये की राहत पैकेज की घोषणा की| उन्‍होंने कहा, कोरोना संकट का सामना करते हुए, नए संकल्प के साथ मैं आज एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं| पीएम मोदी ने राहत पैकेज की घोषणा के साथ कहा, ये आर्थिक पैकेज, 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा| आत्मनिर्भर भारत की भव्य इमारत पांच पिलर पर खड़ी होगी | आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत, पांच पिलर पर खड़ी होगी| पहला पिलर इकोनॉमी| एक ऐसी इकोनॉमी जो वृद्धिशील परिवर्तन नहीं बल्कि क्वांटम जंप लाये| दूसरा पिलर Infrastructure| एक ऐसा Infrastructure जो आधुनिक भारत की पहचान बने| जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही दुनिया में आज भारत की दवाइयां एक नयी आशा लेकर पहुंचती हैं| इन कदमों से दुनिया भर में भारत की भूरि-भूरि प्रशंसा होती है| तो हर भारतीय गर्व करता है| भारत की आत्मा वसुधैव कुटुंबकम की है| विश्व के सामने भारत का मूलभूत चिंतन, आशा की किरण नजर आता है| भारत की संस्कृति, भारत के संस्कार, उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं, जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम है| भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है| तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता| भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है|

 

 

 

 


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