सेक्युलर नेताओं का छद्मवेशी चेहरा हुआ बेनकाब, महिलाओं के हित मे है ट्रिपल तलाक बिल : ललन यादव

रिपोर्ट: शिलनिधि

पटना : 25 जुलाई को ट्रिपल तलाक बिल लोकसभा से पारित होने के बाद अब राज्यसभा से मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 पास होने पर असली देशी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन यादव ने प्रसन्नता जाहिर की है| उन्होंने कहा कि इस मसले को सिर्फ सियासी चश्मे या वोट बैंक के नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिये| भारतीय संविधान इस देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करता है और यह मानवता का सवाल है| इससे मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिलने के साथ-साथ उनकी गरिमा एवं अधिकारिता भी सुनिश्चित होगी|

सवालिया लहजे में श्री यादव ने कहा कि ट्रिपल तलाक बिल पर सियासी रोटी सेकनेवाले छद्मवेशी सेकुलर नेताओं का चेहरा भी बेनकाब हुआ है| उन्होंने कहा कि टोपी पहनकर खुद को सेकुलर साबित करने एवं वोट बैंक बचाने की होड़ में जुटे नेताओं का चाल, चरित्र और चेहरा अब जगजाहिर हो चुका है| उन्होंने कहा कि राज्यसभा से ट्रिपल तलाक बिल पास कराने में विपक्ष की भी बड़ी भूमिका रही है| सेकुलर नेताओं पर निशाना साधते हुए ललन यादव ने कई सवाल खड़े किये हैं| उन्होंने कहा कि सड़क पर बिल का विरोध कर सुर्ख़ियों में छायी रहनेवाली पार्टियों के सांसद वोटिंग के दौरान सदन से क्यों गायब रहे? बिल का विरोध कर रही पार्टियों ने सदन से अनुपस्थित रहनेवाले अपने सांसदों पर अब तक क्या कार्रवाई की है? यह देश की जनता जानना चाहती है|

दरअसल, बिल का विरोध कर रहे विपक्षी पार्टियों के 20 सांसद वोटिंग के दौरान राज्यसभा से अनुपस्थित रहे जिसके कारण बहुमत का आंकड़ा 121 से कम हो गया और 84 के मुकाबले 99 मतों से मोदी सरकार ने बिल को पारित करा लिया| कांग्रेस के पांच, राकांपा के वरिष्ठ नेता शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, सपा, पीडीपी, तृणमूल कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, बसपा, टीआरएस, द्रमुक, आईयूएमएल और केरल कांग्रेस के एक- एक सदस्य भी वोटिंग के दौरान उच्च सदन (राज्यसभा) से गैर हाजिर रहे|


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