धारा-370 पर सरकार का साहसिक कदम, अब जल्द ही POK पर होगा भारत का अधिपत्य : ललन यादव

रिपोर्ट: किरण पाण्डेय

पटना : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर पर ऐतिहासिक और अभूतपूर्व फैसला लेते हुए धारा-370 ख़त्म कर दिया है| इसके साथ ही धारा-370 पर विगत कई वर्षों से लगायी जा रही अटकलों, अफवाहों और कयासों का दौर अब थम  गया है| सपा, बसपा, वाईएसआर कांग्रेस, एआईडीएमके, बीजेडी, असली देशी पार्टी सहित अन्य कई राजनैतिक दलों ने मोदी सरकार के इस फैसले का समर्थन एवं स्वागत किया है|

असली देशी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन यादव ने मोदी सरकार के इस फैसले को साहसिक कदम बताते हुए कहा कि कांग्रेस जनित कोढ़ (धारा-370) को खत्म कर बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर के इतिहास को भूगोल में तब्दील कर दिया है| उन्होंने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की भविष्वाणी आखिरकार मोदी सरकार में ही सच साबित हुई| 21 अगस्त, 1962 को अनुच्छेद 370 के संबंध में पं| प्रेमनाथ बजाज के पत्र का उत्तर देते हुए पंडित नेहरु ने लिखा था कि एक दिन यह अनुच्छेद खत्म हो जाएगा| पंडित नेहरू और प्रेमनाथ बजाज के बीच हुए इस पत्र व्यवहार का जिक्र जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल जगमोहन ने अपनी किताब- दहकते अंगारे में किया है|

श्री यादव ने कहा कि धारा 370 खत्म होने से हर भारतीय खुश है और पूरे देश में जश्न का माहौल है| इस फैसले का विरोध कर जो लोग अभी भी घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं और ज्यादती होने की बात कह रहे हैं| वास्तव में ऐसे लोग खूद विगत 70 सालों से धारा-370 की आड़ में ज्यादती करते रहे हैं| उन्होंने कहा कि चंद सियासी घरानों एवं अलगाववादी नेताओं के कारण विगत 70 सालों तक जम्मू-कश्मीर निर्दोष नागरिकों एवं हमारे सैनिको के लिए कब्रगाह बना रहा|  सरकार के इस फैसले ने न सिर्फ जम्मू-कश्मीर का भूगोल बदल दिया बल्कि मुझे अब लगता है कि जल्द ही पाक अधिकृत कश्मीर पर भी भारत का अधिपत्य होगा| तभी वास्तव में अखंड भारत का सपना पूर्ण होगा जिसे कभी हमारे महापुरुषों ने देखा था|

गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में 5 अगस्त को ही दो अहम संकल्प पेश किए थे, जिसमे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने और जम्मू-कश्मीर राज्य को दो भागों में बांटने का संकल्प शामिल है| जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश होगा| इस प्रदेश की अपनी विधायिका होगी| जबकि लद्दाख अब जम्मू-कश्मीर से अलग एक केंद्र शासित प्रदेश होगा| लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी|


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