मासूमों की मौत पर मूकदर्शक बने मंगल पाण्डेय अपने पद से तत्काल दे इस्तीफ़ा : ललन यादव

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

पटना : मस्तिष्क ज्वर से पिछले 12 दिनों में करीब 72 बच्चों की हुई मौत को असली देशी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन यादव ने दुःखद बताया है| सवालिया लहजे में उन्होंने कहा कि विकास की झूठी ढोल पीटनेवाली सुशासन की सरकार अब तक इस बीमारी का स्थायी समाधान ढूंढने में पूरी तरह नाकाम रही है| श्री यादव ने कहा कि मासूमों की मौत पर मूकदर्शक एवं तमाशबीन बने सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से तत्काल इस्तीफ़ा दे देना चाहिए| उन्होंने कहा कि यह कोई नयी बीमारी नहीं है बल्कि साल दर साल इस बीमारी की चपेट में आने से उतर बिहार के मासूम काल कवलित होते रहे हैं| इस बार बिहार के मुजफ्फरपुर, वैशाली, शिवहर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण समेत करीब 12 जिले मस्तिष्क ज्वर की चपेट में है जहां इलाज के अभाव में बच्चें दम तोड़ रहे हैं| नीतीश सरकार से मांग करते हुए ललन यादव ने कहा कि मृत बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रूपये की मुआवजा राशी तत्काल देने की घोषणा करने के साथ ही राज्य सरकार पीड़ित बच्चों के समुचित इलाज का पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित करे|

वही आज मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच पहुंचकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने एईएस से पीड़ित बच्चों का हाल जाना। मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित बच्चों के माता-पिता से बात करने के बाद मंगल पांडेय ने चिकित्सकों एवं अस्पताल प्रबंधन के साथ बैठक की। बैठक के बाद पत्रकार वार्ता कर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल में आज से 6 अतिरिक्त एम्बुलेंस की तैनाती करने के साथ ही अतिशीघ्र 100 बेड के नए वार्ड की शुरुआत की जायेगी|

दरअसल, गुरुवार को मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित 9 और बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। एसकेएमसीएच में 22 बच्चे भर्ती हुए जहाँ 8 की मौत हो गई। वहीं, केजरीवाल अस्पताल में पांच बच्चों को भर्ती किया गया, जिसमें एक बच्चे ने दम तोड़ दिया। इसके साथ ही पिछले 12 दिनों में मरने वाले बच्चों की संख्या 72 हो गई है। 

उल्लेखनीय है कि एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम जिसे आम बोलचाल की भाषा में चमकी बुखार या दिमागी बुखार भी कहा जाता है, इसकी वजह से पिछले कुछ दिनों में अस्पताल में मासूम बच्चों के पहुंचने का दौर जारी है| डॉक्टरों का मानना है कि चमकी बुखार अत्यधिक गर्मी और हवा में नमी 50 फीसदी से ज्यादा होने की वजह से होता है| जानकारों का मानना है कि इस साल प्रदेश में अब तक बारिश नहीं हुई है, जिसकी वजह से मासूम बच्चों के बीमार होने की संख्या लगातार बढ़ रही है|

बताते चले कि उत्तर बिहार इलाके में हर साल गर्मियों में चमकी यानी दिमागी बुखार (एईएस) की बीमारी बच्चों पर काल बनकर टूटती है. मुजफ्फरपुर जिले में यह बीमारी खतरनाक रूप धारण कर चुकी है| 12 दिनों के अंदर 71 बच्चों की चमकी बुखार से मौत स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है| मुजफ्फरपुर जिले में पिछले 24 घंटों में चमकी बुखार से छह बच्चों की मौत हुई है| उत्तर बिहार में मुजफ्फरपुर व आसपास के जिलों में कहर बरपा रही चमकी बुखार बढ़ते तापमान के साथ महामारी का रूप लेती जा रही है|

 


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