पटना : राजद नेता तेजस्वी के सरकारी बंगले के साज-सज्जा पर भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार द्वारा दिए गये क्लीनचिट को भाजपा नेता व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी गलत करार दिया है| प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए कहा कि 5 देशरत्न मार्ग स्थित बंगले के साज-सज्जा पर अपने पद का दुरूपयोग कर करोड़ों खर्च कराने के मामले में तेजस्वी यादव को सरकार ने काई क्लीनचिट नहीं दी है। आखिर किस नियम के तहत तेजस्वी यादव ने भवन निर्माण विभाग के अतिरिक्त पुल निर्माण निगम से 59 लाख का कीमती फर्नीचर मंगवाया।
श्री मोदी ने कहा कि आखिर तेजस्वी यादव ने किस प्रावधान के तहत केवल कमरे में ही नहीं बल्कि शौचालय तक में 44 एसी लगवाए, 35 महंगे लेदर सोफा, विदेशी ग्रेनाइड/मार्बल, दीवारों की वूडेन पैनलिंग और फर्श पर वूडेन फ्लोरिंग,माॅड्यूलर किचेन 464 महंगी फैंसी एलईडी लाईट, 108 पंखा, लाखों का बिलियडर्स टेबुल, व कीमती पर्दे आदि पर अनाप-शनाप सरकारी धन खर्च कराया।
तेजस्वी यादव की अपव्ययिता, फिजूलखर्ची व बंगले की 7 स्टार वाली साज-सज्जा के बाद ही तो भवन निर्माण विभाग को नया गाइडलाइन जारी करना पड़ा है ताकि भविष्य में कोई व्यक्ति तेजस्वी की तरह सरकारी धन का दुरुपयोग नहीं कर सके। अगर तेजस्वी यादव ने अपने पद का दुरुपयोग और फिजूलखर्जी कर बंगले पर कब्जा नहीं जमाया होता तो सुप्रीम कोर्ट को 50 हजार रुपये का दंड लगा कर उन्हें बंगला खाली करने के लिए बाध्य नहीं करना पड़ता।
भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव ने दी है क्लीनचिट
उधर भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने अपने महकमें के इंजीनियरों को क्लीन चिट देते हुए 5 देश रत्न मार्ग स्थित तेजस्वी के बंगले पर हुए खर्च को वाजिब करार दिया और स्पष्ट किया कि यहां कोई अपव्यय नहीं हुआ था| बिहार में भवन निर्माण विभाग ने अपनी जांच रिपोर्ट में यह बात साफ कर दिया है कि तेजस्वी यादव के बंगले की साज-सज्जा पर कोई फिजूलखर्ची नहीं की गई थी| प्रधान सचिव के मुताबिक करोड़ों की राशि खर्च हुई थी, लेकिन वे विभिन्न मदों में और अलग-अलग वक्त पर किए गए थे. अगर यही राशि एक साथ खर्च की जाति तो इसके लिये वित्त विभाग या फिर कैबिनेट से मंजूरी लेनी पड़ती, जो संभव नहीं था|
गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने तत्कालीन डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बंगले में करोड़ों की राशि बेवजह खर्च करने के आरोप लगाए थे| तब भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी ने भी मीडिया में 5 इंजीनियरों के विरुद्ध कार्रवाई करने की कही थी और जांच रिपोर्ट में 5 इंजीनियरों को इस मामले में दोषी होने की बात कही थी.