सुधार गृह/शेल्टर होम का संचालन अब एनजीओ की बजाय सरकारी स्तर से होगा: मुख्यमंत्री

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

पटना, 6 अगस्त 2018- आज लोक संवाद कार्यक्रम में पत्रकारों द्वारा मुजफ्फरपुर कांड से संबंधित पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना घृणित, निंदनीय एवं शर्मसार करनेवाली है| यह घटना विकृत मानसिकता को दर्शाता है| समाज कल्याण विभाग ने टी.आई.एस.एस. (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल सर्विस) के सर्वे के उपरांत कार्रवाई प्रारम्भ की| पुलिस मुश्तैदी से कार्रवाई कर रही थी और विभागीय स्तर पर भी कदम उठाये गये| सदन में उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश में जाँच हो| सरकार पूरी तरह से घटना को गम्भीरता से लेते हुए अपनी कार्रवाई प्रारम्भ की| भ्रम का वातावरण पैदा न हो अतः सीबीआई को इस केस की जाँच की जिम्मेवारी सौप दी गयी| एडवोकेट जेनरल ने माननीय उच्च न्यायालय को यह बताया कि उच्च न्यायालय के निगरानी में यह जाँच कार्य हो| मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव, डीजीपी, समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव के साथ बैठक में मैंने कहा कि इस बात की पूरी समीक्षा की जाए कि आखिर ऐसी घटना क्यों घटती है? तंत्र में कहाँ कमी है| एनजीओ के द्वारा बालिका गृह, शेल्टर होम आदि का रखरखाव किया जाता रहा है| हमलोगों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि अब एनजीओ को यह काम नहीं सौपा जाएगा| ऐसी बालिकाओं/महिलाओं की कानूनी सुरक्षा का दायित्व सरकार का है| हमलोगों ने इन्वेस्टीगेशन, कार्रवाई को प्राथमिकता देते हुए भविष्य में चीजें ठीक से फंक्शन करे इसके लिए यह निर्णय लिया है कि सरकारी तंत्र के द्वारा इसकी पूरी व्यवस्था की जाएगी| यह काम फेजवाइज किया जाएगा| इसके लिए आवास का निर्माण करवाया जाएगा और स्टाफ की बहाली की जाएगी| पूरी जिम्मेवारी के साथ इस काम को किया जाएगा| बिहार पहला ऐसा राज्य है जिसने सर्वेक्षण कराया और उसके लिए कदम उठायें गये हैं| जो कोई भी दोषी होगा वह नहीं बचेगा चाहे कोई भी हो|

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग इसके विरोध में कल कैंडल मार्च निकाले थे और धरना पर बैठें थें उनके हँसते हुए चेहरे से अंदाज लगा सकते हैं कि वे इस घटना के प्रति कितने सम्वेदनशील हैं| कोई भी बिहारी ऐसा नहीं होगा जो इस घटना से शर्मिन्दा न हो| इसे राजनैतिक मुद्दा बनाकर जिन्हें जो मन में आ रहा है बोल रहे हैं| इन लोगों की महिलाओं के बारे में कैसी मानसिकता है यह पूरे देश की महिलायें जानती हैं| सत्ता जब मिली तो ये लोग माल बनाने में लगे रहें| ये लोग देश में भ्रष्टाचार कोई मुद्दा न बने इसलिए इस तरह के अनाप-शनाप हरकत करते हैं| ये खुद ही चार्जशीटेड हैं| सबको बोलने की आजादी है जिन्हें जो समझ में आता है बोले| हम इन्हें कोई अहमियत नहीं देते हैं| इस मुद्दे का राजनैतिक इस्तेमाल नहीं होना चाहिए| सीबीआई जाँच कर रही है| कोई भी गड़बड़ करनेवाला नहीं बचेगा| चाहे वह प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हो| दिए जा रहे जातिगत स्टेटमेंट के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के लोग शुरू से इस तरह की बात करते रहे हैं, ऐसी परम्परा विकसित हो गई है जो लोग भी ऐसा करते हैं उनसे हम सहमत नहीं हैं| हम कभी ऐसा नहीं बोले हैं और आगे भी नहीं बोल सकते हैं| हमारा स्वभाव इस तरह का नहीं है| छवि खराब होने से संबंधित प्रश्न का जबाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर बिहारवासी इस घटना से शर्मिंदगी महसूस कर रहा है| हम बिलकुल कमिटमेंट के साथ काम कर रहे हैं| हमारी छवि बिहार की जनता तय करेगी|

आज 1 अणे मार्ग स्थित लोक संवाद में लोक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम में पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, भवन निर्माण, ऊर्जा, ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, नगर विकास एवं आवास, पंचायती राज, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, गन्ना उद्योग, विज्ञान एवं प्रौद्योगकी, सूचना प्रौद्योगिकी एवं पर्यटन विभाग से संबंधित मामले पर 07 लोगों द्वारा मुख्यमंत्री को सुझाव दिया गया।

आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम में दरभंगा के श्रीकृष्ण कुमार सुमन यादव, पटना के विनय कुमार, समस्तीपुर के धर्मेश कुमार, जमुई के रजनीश रत्नाकर, कटिहार के राहुल देव, भागलपुर के विशाल कुमार, पटना के अनुज कुमार ने अपने-अपने सुझाव एवं राय मुख्यमंत्री के समक्ष रखे। प्राप्त सुझाव एवं राय पर संबंधित विभाग के प्रधान सचिव/ सचिव ने वस्तु स्थिति को स्पष्ट किया। लोगों से प्राप्त सुझाव एवं राय पर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों के प्रधान सचिव / सचिव को कार्रवाई हेतु निर्देशित किया।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह, पथ निर्माण मंत्री  नंद किशोर यादव, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, लोक स्वास्थ्य मंत्री विनोद नारायण झा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जय कुमार सिंह, ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार, गन्ना उद्योग मंत्री खुर्शीद आलम उर्फ़ फिरोज अहमद, पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत, पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार,   मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक  के.एस.द्विवेदी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा,मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय अनुपम कुमार सहित संबंधित विभागों के प्रधान सचिव / सचिव उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक, प्रधान सचिव समाज कल्याण विभाग ने विस्तृत रूप से इस घटना के बारे में पत्रकारों को बताया| आईपीआरडी के प्रधान सचिव ने भी विभाग से जुड़े प्रश्नों का जबाब दिया|  


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