CM नीतीश कुमार की अध्यक्षता में जल-जीवन-हरियाली अभियान के प्रगति की हुई समीक्षा बैठक

रिपोर्ट: रमेश पाण्डेय

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में जल-जीवन-हरियाली अभियान की प्रगति की समीक्षात्मक बैठक हुई|ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने जल-जीवन-हरियाली अभियान की प्रगति से संबंधित विभिन्न अवयवों की जानकारी दी। अभियान की अवधारणा, इसके क्रियान्वयन, राज्य परामर्शदात्री समिति, जिला परामर्शदात्री समिति एवं अन्य शासी निकायों, कार्यकारिणी समितियों की बैठकों में आए विभिन्न सुझावों के बारे में जानकारी दी गई। सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं, आहर, पईन, सार्वजनिक कुओं को अतिक्रमण मुक्त एवं उसके जीर्णोद्धार के बारे में भी जानकारी दी गई।

कृषि विभाग के सचिव एन.श्रवण कुमार ने फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किए जा रहे कार्यों के तहत कृषि यंत्रों पर दिए जा रहे प्रोत्साहन, जागरुकता कार्यक्रम, अवशेष प्रबंधन का मूल्य संवर्द्धन के लिए किए जा रहे कार्य एवं दंडात्मक कार्रवाई के प्रावधान की जानकारी दी। मौसम के अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत 8 जिलों में किए जा रहे कार्यों के बारे में और कृषि विज्ञान केंद्र पर किसानों को भ्रमण कराकर इसके संबंध में जानकारी दी जा रही है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव एन. विजया लक्ष्मी ने मछली उत्पादन में वृद्धि के लिए किए जा रहे कार्यों, पुआल का सदुपयोग चारे के रुप में हो इसके लिए गायों की संख्या में वृद्धि करने की जानकारी दी।

पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने हरियाली को बढ़ावा देने के लिए नर्सरी की संख्या में वृद्धि, पौधारोपण के लिए निर्धारित लक्ष्य के लिए किए जा रहे काम की जानकारी दी। इसमें विभिन्न संस्थाओं जीविका के सहयोग संबंधित जानकारी दी। ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव कुमार हंस ने छोटी नदियों को अतिक्रमण मुक्त कराना, गंगाजल उद्वह योजना की प्रगति संबंधी जानकारी दी। लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने वाटर वडीज के सुदृढ़ीकरण संबंधित जानकारी दी।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए गंभीरतापूर्वक कार्य करें। पराली (पुआल) को नहीं जलाने के लिए किसानों  को जागरुक करें। उनसे व्यवहारिक सुझाव भी लें कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए और क्या-क्या करने की जरुरत है। मौसम के अनुकूल फसल चक्र के लिए भी किसानों को प्रेरित करें। किस इलाके के लिए कौन सी फसल उपयुक्त होगी और किसानों को इस संबंध में और क्या-क्या सहायता करने की जरुरत है इस संबंध में भी जानकारी प्राप्त करते रहें। उन्होंने कहा कि हरियाली मिशन के अंतर्गत बड़ी संख्या में पॉप्लर पेड़ लगाए गए थे उन वृक्षों का बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए कार्य करें। 8.50 करोड़ पौधे लगाए जाने का लक्ष्य है लेकिन उससे भी ज्यादा हमलोगों को पौधा लगाना चाहिए। कृषि एवं वन विभाग इस पर काम करें। चौर क्षेत्रों में एक हिस्से में तालाब की खुदाई कर दूसरे हिस्से में उस भरे हुए मिट्टी पर वृक्षारोपण, फल फूल, खस, लेमन ग्रास इत्यादि लगाने के लिए प्रोत्साहित करें। तालाब में मछली उत्पादन के लिए प्रेरित करें। नीचे मछली और ऊपर बिजली यानि सौर ऊर्जा के लिए काम करें। अन्य क्षेत्रों में जो तालाब बनाए जा रहे हैं उसके किनारे मियावाकी मॉडल  (30X 35 फीट क्षेत्र में 256 पौधों को लगाने) के प्रयोग से हरित आवरण क्षेत्र बढ़ेगा। सभी जिलों में सार्वजनिक जल संचयन स्त्रोत आहर, पईन, पोखर, सार्वजनिक कुओं का ठीक से आकलन करवा लें और उसके जीर्णोद्धार के लिए कार्य करें। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए पहले सरकारी भवनों में काम को पूरा करें। उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। राज्य की छोटी-छोटी नदियों का डिसिल्टेशन एवं उनके आपसी जुड़ाव की संभावना के लिए काम करना चाहिए। गंगाजल उद्वह योजना के विभिन्न पहलूओं का जमीनी स्तर पर सर्वे कर लें और ग्रामीणों के जरुरी सुझावों पर भी गौर करें। पहाड़ी क्षेत्रों के आस पास जल संचयन के लिए तालाबों की संभावनाओं को विकसित करने के लिए भी काम करें। उन्होंने कहा कि परामर्शदातृ समिति की बैठक में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी सलाह लेते रहें। प्रदूषण को कम करने के लिए कार्य करना होगा। कचरा प्रबंधन के लिए भी बेहतर ढंग से काम करना होगा। एय़र पॉल्यूशन, साउंड पॉल्यूशन के लिए भी काम करना होगा साथ ही लोगों को जागृत करते रहना होगा। ऊर्जा के बेहतर प्रबंधन के लिए प्री-पेड मीटर लगाने के लिए तेजी से काम करना होगा।  

बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा आर के महाजन, अपर मुख्य सचिव भूमि एवं राजस्व सुधार विवेक कुमार सिंह, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा, प्रधान सचिव स्वास्थ्य संजय कुमार, प्रधान सचिव पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन दीपक कुमार सिंह, प्रधान सचिव आपदा प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, प्रधान सचिव पशु एवं मत्स्य विभाग एन.विजय लक्ष्मी, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद कुमार चौधरी, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव विनय कुमार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव, कृषि विभाग के सचिव एन.श्रवण कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव कुमार हंस, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

 


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