लोक सेवाओं में उत्कृष्ट योगदान के लिए सहरसा जिला को मिला राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सिल्वर एवार्ड

रिपोर्ट: रमेश पाण्डेय

07-08 फरवरी को मुम्बई में आयोजित 23वें ई- गवर्नेंस राष्ट्रीय सम्मेलन में जिलाधिकारी प्राप्त करेंगी सिल्वर एवार्ड

पटना : आगामी 7-8 फरवरी, 2020 को मुम्बई में आयोजित 23वें ई-गवर्नेंस पर राष्ट्रीय सम्मेलन में जिला प्रशासन, सहरसा को लोक सेवाओं में ई-गवर्नेंस के माध्यम से नागरिकों को विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुँचाने में उत्कृष्ट एवं नवाचारी योगदान के लिए सिल्वर एवार्ड प्रदान की जाएगी। उक्त समारोह में यह पुरस्कार सहरसा की जिलाधिकारी डॉ0 शैलजा शर्मा प्राप्त करेंगी। राष्ट्रीय परिपेक्ष्य में ई-गवर्नेंस के लिए दिया जाने वाला यह पुरस्कार सहरसा जिला के लिए हीं नहीं बल्कि बिहार राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि एवं गर्व का विषय है।

वर्तमान जिलाधिकारी डॉ0 शैलजा शर्मा के कुशल नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम ने यह उपलब्धि हासिल की है। इसके लिए जिलाधिकारी सहित जिला प्रशासन की टीम की परिकल्पना, संकल्प, परिश्रम, एवं प्रशासनिक कुशलता से हीं इसे साकार किया जा सका है। ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्य करने एवं नवाचारी प्रयोग के लिए प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग, भारत सरकार तथा इलेक्ट्रोनिक एवं सूचना प्रोद्यौगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा व्यक्तियों, संस्थाओं, सरकारी एवं निजी क्षेत्र के लिए कई श्रेणियों में गोल्डेन एवं सिल्वर दो पुरस्कार प्रदान करने के लिए चयन किया जाता है। पुरस्कार हेतु आवेदन आमंत्रित किये जाते हैं जिसके आधार पर कई स्तरों पर सघनता से स्क्रुटनी की जाती है। सहरसा जिला प्रशासन द्वारा श्रेणी- 3 में राज्य सरकार एवं केन्द्र शासित क्षेत्र के लिए ई-गवर्नेंस के माध्यम से एण्ड टू एण्ड सर्विस डिलीवरी श्रेणी में किये गये प्रविष्टि के आधार पर अन्य प्रतिभागियों के साथ 15 सदस्यीय पैनल जिसमें केन्द्र सरकार के सचिव स्तर के पदाधिकारी, आईटी क्षेत्र के विशेषज्ञ, विशिष्ट शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों के समक्ष प्रजेंटेशन दिया गया। 15 सदस्यीय विशिष्ट पैनल द्वारा सहरसा जिला प्रशासन के प्रखंड से पंचायत तक ई-गवर्नेंस के माध्यम से लोक सेवाओं में उत्कृष्ट योगदान एवं नवाचारी प्रक्रियाओं को अपनाने के लिए सिल्वर एवार्ड हेतु चयनित किया गया। सिल्वर एवार्ड के साथ नगद  पुरस्कार राशि भी प्रदान की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 1997 से प्रतिवर्ष ई-गवर्नेंस पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह सम्मेलन ई-गवर्नेंस एवं आई.टी. के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी फोरम उपलब्ध कराता है। जिसमें विभिन्न राज्य सरकारों के आईटी सेक्रेट्री, सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में कार्यरत आईटी विशेषज्ञ, शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि, साफ्टवेयर सोल्यूशन प्रदाता एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधि भाग लेकर ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में अपने विचारों का आदान प्रदान, नवाचारी प्रयोगों, ई-गवर्नेंस से संबंधित विभिन्न विषयों एवं समस्याओं पर विचार विमर्श एवं समस्याओं के निदान की दिशा में अपना योगदान समर्पित करते हैं। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, केन्द्र एवं राज्य सरकार के मंत्रीगण सहित विभिन्न राज्यों के सचिव स्तर के पदाधिकारी, देश के विभिन्न भागों से निजी एवं सरकारी, संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थानों सहित विभिन्न क्षेत्रों के 1000 (एक हजार) से अधिक डेलीगेट्स भाग लेंगे।
उक्त एवार्ड 23 वें ई-गवर्नेंस पर राष्ट्रीय सम्मेलन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के कर कमलों से दिनांक 07 फरवरी, 2020 को जिलाधिकारी, सहरसा द्वारा प्राप्त किया जाएगा एवं ब्रेकआउट सेशन-3 में जिलाधिकारी, सहरसा के द्वारा प्रोजेक्ट के संबंध में प्रजेंटेशन प्रस्तुत की जाएगी।
सहरसा जिला राजधानी पटना से करीब 300 किलोमीटर दूर अवस्थित है। इसका बड़ा भू-भाग कोशी नदी के दोनों तटबंधों के बीच फैला हुआ है। कुल 122 राजस्व ग्राम कोशी तटबंध के भीतर अवस्थित है। कोशी नदी की प्रवृति है कि यह हर साल अपनी धारा बदलती रहती है। जिसके कारण इन क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं का अभाव है। आर्थिक रूप से अधिसंख्य आबादी कृषि पर निर्भर है। कृषक मजदूरों की बड़ी संख्या है, जो मजदूरी हेतु अन्यत्र पलायन करती है। जिले की साक्षरता 55 प्रतिशत है तथा डिजिटल साक्षरता और भी कम है। ऐसे में कृषि आधारित मजदूरों का पलायन रोकने, किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने, योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता लाते हुए विचैलियों का प्रभाव कम करने, स्वास्थ्य एवं शिक्षा की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करना एक बड़ा दायित्व है। सरकार के सभी विभागों द्वारा चलाये जा रहे कल्याणकारी योजनाएं ऑनलाइन उपलब्ध है। लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम (आर.टी.पी.एस.) के अंतर्गत भी सभी सेवाएं ऑनलाईन हीं उपलब्ध है। सहरसा जिले में मात्र 13 पंचायतों में हीं पंचायत सरकार भवन उपलब्ध है जहाँ ऑनलाईन आवेदन की सुविधा है। प्रमाण-पत्र यथा-जाति, आवास, आय, जन्म एवं मृत्यु आदि सभी के लिए ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान है।

कोशी नदी के दियारा क्षेत्र में जहाँ साक्षरता प्रतिशत अत्यधिक कम है एवं भौगोलिक क्षेत्र अत्यंत दुर्गम है, वहाँ कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लक्षित वर्ग तक पहुँचाना एक बड़ी चुनौती सिद्ध हो रही थी। उपर्युक्त परिस्थितियों में जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में इसका समाधान निकाला गया। आम नागरिक लोक सेवाओं एवं योजनाओं का लाभ लेने, प्रमाण पत्रों हेतु पंचायत सरकार या प्रखंड कार्यालय आएं, इनके स्थान पर सरकारी कर्मी हीं उन तक पहुँचकर योजनाओं का लाभ उन्हें उपलब्ध कराएं, ऐसी व्यवस्था प्रारंभ की गई। इसके लिए प्रत्येक पंचायत के लिए फ्रंटलाइन वर्कर तैयार किये गये। इन्हें कम्प्यूटर का प्रशिक्षण दिया गया। प्रत्येक पंचायत के लिए एक नोडल एवं इनके साथ वार्ड स्तर तक फ्रंटलाइन वर्कर निर्धारित किये गये। ये फ्रंटलाइन वर्कर गाँव में जाकर लोगों के साथ बैठते हैं। उनसे सभी प्रकार के
योजनाओं एवं प्रमाण पत्रों के लिए आवेदन प्राप्त करते हैं। यदि इन गाँव में इंटरनेट उपलब्ध होता है तो ये वहीं से आवेदन ऑनलाईन करते हैं, अन्यथा आवेदन प्रखंड में लाकर ऑनलाईन करते हैं। इन्हीं बैठकों में गत दिनों प्राप्त आवेदन से संबंधित स्वीकृति पत्र या प्रमाण पत्र वितरित करते हैं। जब लोगों को लाभ मिलने लगा तो इस व्यवस्था में उनका विष्वास बढ़ा। इससे लोक सेवाओं को उपलब्ध कराने की दिशा में पारदर्शिता आने से विचैलियों का प्रभाव भी कम हुआ।  लोक सेवाएं एवं अन्य योजनाओं का लाभ इस प्रक्रिया के तहत सुगमता से प्राप्त होने पर लोगों में चर्चा होने लगी और लोग इससे जुड़ने लगे। जिले में उपलब्ध मानव संसाधनों का समुचित उपयोग करते हुए जिले के सभी पंचायतों में इस व्यवस्था को लागू की गई है।
पंचायत स्तर पर पंचायत नोडल एवं प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा प्रत्येक सप्ताह समीक्षा की जाती है, एवं प्राप्त आवेदनों की पंजी का सत्यापन किया जाता हैं। जिला स्तर पर जिलाधिकारी द्वारा भी प्रत्येक माह समीक्षा की जाती है। विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से नियमित रूप से जिला स्तर से समीक्षा की जाती है।
जिला स्तर पर अनुश्रवण हेतु एक मोबाईल एप्लिकेशन जिसे ’’होप’’ नाम दिया गया है, के जरिए पंचायतों में किये जा रहे कार्यों की समीक्षा प्रत्येक दिन की जाती है। इसके अतिरिक्त वाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से भी प्रतिदिन समीक्षा की व्यवस्था है। इस व्यवस्था में वाट्सएप, विडियो कान्फ्रेंसिंग आदि माध्यमों से नियमित रूप से अनुश्रवण एवं समीक्षा की जाती है। सतत निगरानी एवं नियमित समीक्षा के माध्यम से लोक सेवाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने का प्रयास निरंतर किये जा रहे हैं। पुरस्कार हेतु आवेदन के समय तक इन प्रयासों से दुरूह क्षेत्रों की चुनौतियों को दूर करने, मजदूरों का पलायन रोकने एवं उन्हें अपने गांवों में ही मजदूरी उपलब्ध कराने के प्रयास में मनरेगा योजना अन्तर्गत 101 प्रतिशत मजदूरों को रोजगार दिया गया जो राज्य में सर्वाधिक प्रतिशत है।
किसानों की आय में वृद्धि हेतु प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना से 168282 किसानों को लाभ प्राप्त कराया गया। प्रधानमंत्री मान-धन योजना में 13373 किसानो को पंजीकृत किया गया जो राज्य में तीसरे स्थान पर है। बेहतर आवास की सुविधा एवं रहन-सहन में सुधार हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण) के अन्तर्गत लक्ष्य के विरूद्ध 100 प्रतिशत आवासो की स्वीकृति दी गई है। यह उपलब्धि राज्य के मात्र 03 जिलो ने ही प्राप्त किया है। ससमय लक्ष्य प्राप्ति के कारण सहरसा जिला को अतिरिक्त लक्ष्य दिये गए हैं। गरीबों एवं मजदूर वर्ग के माताओं के बीच बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में विशेष प्रयास के तहत प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना अन्तर्गत लगभग 100 प्रतिशत गर्भवती माताओं का पंजीयन कर लाभ दिलाया गया। प्रधानमंत्री जन अरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) अन्तर्गत 02 माह में 32 प्रतिशत लक्षित परिवारों को गोल्डन कार्ड प्रदान कराया गया। समेकित बाल विकास योजना के अन्तर्गत कॉमन एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से 02 माह में 68 प्रतिशत घरो का सर्वेक्षण पूर्ण कर लिया। जिले का बड़ा भू-भाग बाढ़ प्रभावित है, जहाँ बाढ़ से लगभग प्रत्येक वर्ष बड़ी आबादी एवं कृषि प्रभावित होती है। गत् वर्ष आए बाढ़ में 60,000 परिवारों का ऑनलाईन आवेदन प्राप्त कर उन्हें त्वरित राहत दिलाया गया है। त्ज्च्ै के अन्तर्गत कुल- 64 प्रकार की सेवाएं प्रदान की जाती है, जिसमें जाति, आवास, आय, जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र, विभिन्न प्रकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, राशन कार्ड, ऑनलाईन म्यूटेशन, एल॰पी॰सी॰ आदि प्रमुख है।

वर्ष 2018 में 3,84,726 लोगों को ये सेवाएं प्रदान की गई। नई व्यवस्था से वर्ष 2019 में 460657 लोगों को सेवाएं दी गई है जो लगभग 20 प्रतिशत अधिक है। जिला प्रशासन, सहरसा के द्वारा सभी पंचायतों में ऑनलाईन सुविधा हेतु आधारभूत संरचना के विकास हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। विशेषकर डिजिटल साक्षरता बढ़ाने की दिशा में मॉडल के रूप में ग्राम ’’धकजरी’’ को पूर्ण रूपेन डिजिटल साक्षर ग्राम बनाये जाने का लक्ष्य है। सर्व शिक्षा अभियान एवं प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजीटल साक्षरता मिशन के इंटीग्रेशन से साक्षरता एवं डिजीटली साक्षर अभियान चलाये जाने की कार्ययोजना तैयार की गई है। सहरसा जिला की जिलाधिकारी के नेतृत्व में कुशल टीम द्वारा सहरसा जिला में ई-गवर्नेंस के प्रभावी अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण में प्रभावी क्रियान्वयन के माध्यम से यह महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की गई है।


Create Account



Log In Your Account