दिव्यांगजनों के बीच व्हील चेयर, बैसाखी, वाकर, कैलीपर केल्चर सहित अन्य उपकरणों निःशुल्क वितरण

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

सहरसा : वर्ल्ड विजन इंडिया, प्रोविजन इंडिया तथा बिहार विकलांग अधिकार मंच के संयुक्त तत्वाधान में दिव्यांगजनों को सहूलियतपूर्ण आवागमन के लिए उपकरणों का निःशुल्क वितरण किया गया| सहरसा जिले के सौर बाजार प्रखंड अंतर्गत बैजनाथपुर पंचायत भगवती स्थान वार्ड नंबर 8 के प्रांगण में दिव्यांगजनों को व्हील चेयर , बैसाखी , वाकर , कैलीपर केल्चर सहित दिव्यांगों के सहायतार्थ अन्य कई सामग्री प्रदान किया गया !

दिव्यांग उपकरण वितरण समारोह में व्हील चेयर तथा अन्य उपकरण मिलने से दिव्यांग काफी प्रफुल्लित दिखें| वितरण समारोह में शामिल फुलिया देवी, शकीला खातून, रिंकी कुमारी सहित अन्य दिव्यांगों को व्हील चेयर मिलने से उन्हें ऐसा लगा जैसे किसी ने सपनों की उड़ान भरने का सहारा दे दी है| व्हीलचेयर पर बैठकर वह अपनी जिंदगी की नई शुरुआत कर पाएगी।

बिट्टू कुमार, दीपक कुमार, रुपेश कुमार वाकर और वैशाखी पाने के बाद परिवार के साथ आगे बढ़ते हुए अपने आपको यह साबित करने की कोशिश में जुटे थें कि दिव्यांग है तो क्या हुआ? दिव्यांगता को दूर करने के लिए यदि साधन हो तो हम सबसे आगे रहेंगे?  वह बैशाखी के सहारे आगे-आगे चल रहा था।

उपकरण वितरण समारोह के मुख्य अतिथि शिलवेथ निर्देशक विजन एशिया बेंगलुरु, जसिंथ लोगून मैनेजर सहरसा वर्ल्ड विजन इंडिया, राकेश कुमार राज्य सचिव बिहार विकलांग अधिकार मंच, नीतेश कुमार दिव्यांग फ्यूचर एसोसिएशन खगड़िया, अमन कुमार राय, रामप्रवेश कुमार वर्ल्ड विजन इंडिया सहरसा आदि उपस्थित थे!

इस अवसर पर अतिथियों ने कहा कि दिव्यांगजनों का सेवा करना मानव का परम धर्म है , दिव्यांगों की सेवा से आत्मा को संतुष्टि मिलती है| गांव के दिव्यांगजनों में कुछ करने की क्षमता है| इनकी क्षमता को पहचान कर इनके अनुकूल अवसर को तैयार करना चाहिए| आज लगभग सैकड़ों दिव्यांगों को उनके दिव्यांगता को ध्यान में रखते हुए व्हील चेयर, वैशाखी, वाकर, क्लेचर , कैलीपर देकर उनके आत्मबल एवं इच्छाशक्ति को बढ़ाने का सामूहिक प्रयास किया है! कोई भी दिव्यांग तब तक है, जब तक उनके लिए किसी प्रकार की रुकावटें आती है| जब किसी भी दिव्यांग को उनके दिव्यांग के आधार पर बाधा मुक्त सुगमता एवं सहजता बनाकर उपकरण दिया जाए तो वह दिव्यांगजन समाज में उत्कृष्ट कार्य कर सकते हैं| उनकी दिव्यागता खत्म हो सकती है| उपकरण दिव्यांग जनों के अंदर चेतना जगा सकती, जिन बच्चों को आज उपकरण मिले हैं, ये सभी बच्चे रोज स्कूल जाएंगे|  

दिव्यांगजन यदि उपकरण से आवागमन करते हैं तो इनके अंदर आत्मसम्मान की वृद्धि होगी| आत्मसम्मान के वृद्धि होने पर किसी मनुष्य का जीवन गरिमापूर्ण जीवन हो जाती है| आग्रह है कि दिव्यांग जनों को जरूर पढ़ाए और पढ़ाने के बाद इन्हें सबसे आगे रखें| दिव्यांग यदि शिक्षित होंगे तो देश स्तर पर बड़ा से बड़ा कार्य कर सकते हैं|

अतिथियों ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिक व्हीलचेयर का यूज़ कर यह साबित किया कि दिव्यांग शरीर से होना कोई बड़ी बात नहीं है| व्यक्ति को दिमाग से दिव्यांग नहीं होना चाहिए बल्कि मनोबल से मजबूत रहना चाहिए|  आज गांव-गांव के दिव्यांग बच्चे-बच्चियों का मनोबल काफी अच्छा है और ये समाज के प्रमुख अंग है, इन्हें सहजता के साथ अवसर देने की आवश्यकता है| 

इस अवसर पर वालंटियर के रूप में तेज नारायण, सुबोध कुमार, कैलाश, मिथलेश, रवि सदा, सरिता, गीता आदि प्रमुख रूप से बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और वितरण समारोह में शामिल दिव्यांगजनों की मदद की|

 


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