पटना : राजधानी दिल्ली के रानी झांसी रोड स्थित अनाज मंडी में भीषण अगलगी से 43 लोगों की हुई मौत की घटना को असली देशी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन यादव ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है| नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए ललन यादव ने कहा कि आंकड़ों की बाजीगरी कर बिहार सरकार लगातार पलायन में कमी आने की झूठी ढोल पीट अपनी पीठ थपथपा रही है जबकि सतही हकीकत आंकड़ों से बिल्कुल अलग है| रोजगार की कमी के कारण बिहार के युवा दिल्ली, पंजाब, हरियाणा जैसे अन्य जगहों पर रोजी-रोटी की तलाश में जाने को मजबूर हैं| दिल्ली अग्निकांड में 29 बिहारियों की मौत के लिये कही न कही नीतीश सरकार जिम्मेवार है| लालू-राबड़ी के जंगलराज से मुक्ति दिलाने का वादा कर नीतीश कुमार ने आज से डेढ़ दशक पहले बिहार की जनता का विश्वास हासिल किया था, लेकिन वर्तमान बिहार की दुर्दशा काफी दयनीय है| हर मोर्चे पर नाकाम नीतीश सरकार में अब बिहार की जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है| बेरोजगारी का दंश एवं प्रतिदिन हो रहे जघन्य आपराधिक वारदातों के बीच भय और दहशत के माहौल में कराह रही बिहार की जनता पुनः परिवर्तन चाहती है|
गौरतलब है कि इस भीषण अग्निकांड में बिहार के 29 लोगों की मौत हुई है। मृतकों में सहरसा और अररिया के नौ, समस्तीपुर के 11, सीतामढ़ी के बोखरा के पांच, मधुबनी, सुपौल और बेगूसराय के 1-1 और मुजफ्फरपुर के दो लोग शामिल हैं। स्कूल बैग, बॉटल बनाए जानेवाले इस फैक्टरी में प्लास्टिक मटेरियल होने की वजह से धुआं ज्यादा हुआ और दम घुटने से लोगों की जान गई। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गई जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने फैक्ट्री मालिक और मैनेजर को गिरफ्तार कर इनके खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। इस घटना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी संवेदना जताई है, वही मृतक के परिजनों को बिहार सरकार की तरफ से दो-दो लाख रूपये का अनुग्रह अनुदान देने की घोषणा की गयी है|
श्री यादव ने कहा कि बिहार के बेरोजगार युवाओं की अनदेखी कर नीतीश सरकार सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मियों के सेवा काल को विस्तार देने के साथ-साथ ऊल-जुलूल योजनाओं को प्रारम्भ करने में मशगुल हैं| 15 वर्षों तक बिहार की गरीब जनता पर राज करनेवाले नीतीश कुमार अगर बेरोजगार नौजवानों के लिए प्रदेश के अंदर रोजगार के अवसर पैदा करने में कामयाब होते तो आज यह हृदय विदारक घटना देखने को नहीं मिलती| उन्होंने कहा कि बिहार की जनता आज भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीवन-बसर करने को विवश है, लेकिन इन सबसे बेपरवाह नीतीश कुमार जल-जीवन-हरियाली अभियान में 24 हजार 500 करोड़ रूपये की फिजूलखर्ची पर काम कर रहे हैं| इससे बिहार की आम आवाम को कोई लाभ नहीं मिलनेवाला| हत्या, लूट, बलात्कार, बैंक डकैती के आगोश में डूबे बिहार में जल-जीवन-हरियाली अभियान के बहाने पूरे बिहार की यात्रा कर नीतीश कुमार अपनी कुर्सी बचाने की नाकाम कोशिश में जुटे हैं| नीतीश कुमार से उब चुकी बिहार की जनता अब नये विकल्प की तलाश में है जिसका नतीजा है कि असली देशी पार्टी से जुड़नेवालों की तादाद लगातार बढ़ रहा है|