गैस सब्सिडी कंपनी के बैंक खाते में जाएगी, सीधे सस्ता सिलेंडर मिलेगा

रिपोर्ट: प्रीतम दुबे

 

रसोई गैस : पैसा लेने का तरीका सरकार ने अब बदल रही है. इसके चलते लोगों को अब गैस का  सस्‍ता पड़ेगा. इस बदलाव के बाद अब लोगों को सब्सिडी वाली कीमत पर ही गैस का सिलेंडर मिलेगा. सरकार ने तय किया है कि वह लोगों को सब्‍सिडी वाली कीमत पर ही गैस का सिलेंडर  देगी और सब्‍सिडी का पैसा बाद में सीधे पेट्रोलियम कंपनी के खाते में भेज दिया जाएगा. पहले लोगों को सिलेंडर का पूरा पैसा देना होता था और बाद में गैस सिलेंडर की सब्‍सिडी बैंक के माध्‍यम से वापस मिलती थी.

रसोई गैस की बढ़ती कीमतों के कारण कई ग्राहकों को एकमुश्त राशि चुकाने में परेशानी आ रही है। इसके मद्देनजर सरकार ने गैर सब्सिडी सिलेंडर की कीमत चुकाने के बाद सब्सिडी की राशि खाते में जमा कराने की व्यवस्था में बदलाव करने का फैसला किया है। अब उपभोक्ता को सब्सिडी की कीमत में ही सिलेंडर मिलेगा और सब्सिडी की राशि का भुगतान सरकार ग्राहक के बजाय सीधे पेट्रोलियम कंपनियों को करेगी। 

पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सब्सिडी देने के लिए जल्द नया तरीका अपनाने की तैयारी है। इसके लिए गैस सब्सिडी का नया सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। इसके तहत उपभोक्ता को गैस सिलेंडर की सिर्फ सब्सिडी कीमत ही देनी होगी। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डीबीटी के नए तरीके में गैस बुक होने के बाद उपभोक्ता के मोबाइल पर एसएमएस के जरिए एक कोड भेजा जाएगा। गैस सिलेंडर आने पर उपभोक्ता को अपने मोबाइल पर वह कोड दिखाना होगा। गैस सिलेंडर लाने वाला व्यक्ति इस कोड को नोट कर सॉफ्टवेयर में अपडेट कर देगा। इसके बाद सरकार उपभोक्ता के  तरफ से सब्सिडी की राशि सीधे कंपनी को हस्तांतरित  कर देगी। ऐसे में उपभोक्ता को सिर्फ गैस सिलेंडर के सब्सिडी दाम ही चुकाने होंगे।

अन्य उपाय 

सरकार पहले ही उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 14.2 किलो के सिलेंडर की बजाय सुविधानुसार पांच किलो के सिलेंडर बुक करने का विकल्प दिया है। 

बदलाव के फायदे 

- 942.50 रुपये (दिल्ली में) में नहीं चुकाने होंगे, बल्कि 507.42 रुपये उपभोक्ता को देने होंगे

- डीबीटी के नए तरीके से गैस एजेंसियों और उपभोक्ता की मिलीभगत पर भी लगाम कसेगी। 

- शिकायत आई थी कि उपभोक्ता जरूरत नहीं होने पर भी सिलेंडर की बुकिंग कराते थे 

- सब्सिडी उपभोक्ता के खाते में आ जाती है सिलेंडर किसी अन्य को बेच दिया जाता है। 

40  फीसदी उज्ज्वला लाभार्थियों ने ही साल में औसत चार सिलेंडर बुक कराए 

60 फीसदी लाभार्थियों ने इससे भी कम सिलेंडरों की खपत पूरे साल में की 

उज्ज्वला लाभार्थियों से शुरुआत 

सरकार शुरुआत उज्ज्वला योजना के तहत कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ता से करेगी। मंत्रालय का मानना है कि उज्ज्वला योजना के लाभार्थी के लिए एक साथ करीब एक हजार रुपये देने आसान नहीं है। सब्सिडी की राशि बैंक खाते में आती है। इस तरीके से उपभोक्ता को सिर्फ सब्सिडी कीमत देनी होगी।  

 

पेट्रोलियम मंत्रालय ने गैस सिलिंडर की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सब्सिडी देने के लिए नया तरीका अपनाने की तैयारी कर ली है. इसके लिए गैस सब्सिडी का नया सॉफ्टवेर बनाया जा रहा है. इसके बाद गैस उपभोक्ताओं को सिर्फ सिलिंडर की सब्सिडी वाली ही कीमत देनी होगी. वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि डीबीटी  के नए तरीके में गैस बुक होने के बाद उपभोक्ता के मोबाइल पर एसएमएस (SMS) के जरिए एक कोड भेजा जाएगा. गैस सिलिंडर आने पर उपभोक्ता को वह कोड दिखाना होगा. इसके बाद सरकार सब्सिडी की राशि सीधे कंपनी को भुगतान करेगी. ऐसे में उपभोक्ता को सिर्फ गैस सिलिंडर के सब्सिडी के दाम ही चुकाने होंगे.

- डीबीटी के नए तरीके से गैस एजेंसियों और उपभोक्ता की मिलीभगत पर भी लगाम कसेगी. 
- शिकायत आई थी कि उपभोक्ता जरूरत नहीं होने पर भी सिलेंडर की बुकिंग कराते थे 
- सब्सिडी उपभोक्ता के खाते में आ जाती है सिलेंडर किसी अन्य को बेच दिया जाता है.

 


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