बिहार के नये शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी को पदभार ग्रहण करने के तीन घंटे के अंदर ही मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा| राजभवन में 10 नवंबर को आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मेवालाल चौधरी ने नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली थी। भ्रष्टाचार के आरोप में चौतरफा घिरे मेवालाल ने इस्तीफे से पहले सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात करने के बाद इस्तीफ़ा दिया| भ्रष्टाचार पर नीतीश सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के मद्देनजर मेवालाल चौधरी को कैबिनेट में शामिल करने के फैसले पर नीतीश कुमार की फजीहत हो रही थी| भ्रष्टाचार के आरोपी मेवालाल चौधरी द्वारा मंत्री पद का शपथ लेने की खबर हर किसी के लिए चौंकाने वाला था।
उल्लेखनीय है कि 2010 में बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के कुलपति रहे मेवालाल चौधरी पर भर्ती घोटाले का आरोप लगा था। यही नहीं मेवालाल की पत्नी विधायक नीता चौधरी की 27 मई 2019 को झुलसकर मौत हो गई थी। मेवालाल चौधरी के मंत्री पद की शपथ लेने पर VRS ले चुके IPS अमिताभ कुमार दास ने सवाल खड़ा किया है| DGP एसके सिंघल को खत लिखकर IPS अमिताभ कुमार दास ने मेवालाल की पत्नी की झुलसकर हुई मौत के मामले में SIT से जांच कराने की मांग की है| वही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत अन्य कई नेताओं ने मेवालाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाये जाने की भी मांग कर रहे थें|
हालांकि शिक्षा मंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद अपना पक्ष रखते हुए मेवालाल चौधरी ने कहा कि मुझ पर कोई चार्जशीट नहीं है। जिन लोगों ने बदनाम करने की साजिश रची है, उन्हें 50 करोड़ रुपए की मानहानि का नोटिस भेजेंगे। कहा जाता है कि पटना हाईकोर्ट के पूर्व जज एसएमएम आलम की जांच कमेटी के सामने मेवालाल ने कबूल किया था कि उन्होंने नियुक्तियों में पक्षपात किया है और उन्होंने उम्मीदवारों के लिए रिमार्क्स, वायवा और एग्रीगेट कॉलम खुद भरा था। यह घोटाला तब सामने आया था, जब राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा में फेल हुए 30 से ज्यादा उम्मीदवारों का चयन किया गया था।