बेरोजगार नौजवान और किसान की उम्मीदों के प्रतिकूल है केन्द्रीय बजट 2020-21: उपेन्द्र सहनी

रिपोर्ट: सुशांत पाठक

पटना : केन्द्रीय बजट 2020-21 पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र सहनी ने इसे चुनावी और खोखले वादे वाला बजट बताया है| उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में देश का बजट  पेश कर शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही करीब सभी सेक्टर के लिए कुछ ना कुछ घोषणाएं की। लेकिन ढाई घंटे से भी अधिक समय के अपने लच्छेदार बजट भाषण में वित्त मंत्री ने बेरोजगारी और देश की गिरती अर्थव्यवस्था पर खामोश रही| भारत के सामने आज मुख्य मुद्दा बेरोज़गारी और अर्थव्यवस्था की बदहाली है| सवालिया लहजे में उपेन्द्र सहनी ने कहा कि पांच ट्रिलियन इकोनामी की ख्याली पुलाव पकानेवाली मोदी सरकार में ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या बढ़ कैसे गई? वित्त मंत्री ने बजट भाषण में इस बात का जिक्र तक नहीं किया|

श्री सहनी ने कहा कि रोजगार के अवसर में कमी, किसानों की आत्महत्या, धराशायी  जीडीपी, खत्म होते कारोबार, किसानों की आय दोगुना करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्पष्टता के साथ अपनी बात रखने में निर्मला सीतारमण पूरी तरह से विफल रही| उन्होंने कहा कि टैक्स स्लैब में बदलाव करने से मध्यमवर्गीय परिवार को थोड़ी राहत मिलेगी| लेकिन इस बजट से आम लोगों की जो उम्मीदें थी वह धरी की धरी रह गयी| उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाद होनेवाले बिहार विधान सभा चुनाव को देखते हुए कई लोक लुभावन बातें बजट में की गयी है| इससे कुछ ज्यादा फायदा लोगों को नहीं मिलनेवाला क्योकि बजट भाषण में पुरानी नीतियों और घोषणाओं को नये सिरे से दुहराया गया है|

 


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