नीतीश कुमार बोले, वन नेशन वन इलेक्शन तत्काल संभव नहीं

रिपोर्ट: इन्द्र मोहन पाण्डेय

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन तत्काल संभव  नहीं है. उन्होंने कहा कि वैचारिक रूप से ऐसा भविष्य में होना सही है,  लेकिन सभी विधानसभा व लोकसभा का एक साथ चुनाव कराना अभी संभव नहीं है.   उन्होंने ये बातें मंगलवार को अधिवेशन भवन में तीन योजनाओं को लांच करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहीं. मालूम हो कि सोमवार को यह खबर आयी थी कि 2019 में लोकसभा के साथ बिहार समेत 11 राज्यों में विधानसभा के चुनाव कराये जा सकते हैं. 

 इससे पहले समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राएं मन लगाकर पढ़ाई करें. कल्याण छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों तक सरकार खुद अनाज पहुंचायेगी.

केंद्र ने इस योजना में बीपीएल दर पर खाद्यान्न देने का प्रस्ताव दिया, लेकिन राज्य सरकार उसका भुगतान कर इसे मुफ्त में उपलब्ध करवायेगी. वहीं इन विद्यार्थियों के खाते में हर माह एक-एक हजार रुपये दिये जायेंगे. 

साथ ही एससी-एसटी और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को बीपीएससी पीटी पास करने पर 50-50 हजार और यूपीएससी पीटी पास करने पर एक-एक लाख रुपये मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार की तैयारी के लिए एकमुश्त दिये जायेेंगे. यह इस साल पास करने वालों पर भी लागू होगा. उन्होंने सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना और छात्रावास अनुदान योजना के तहत छात्र-छात्राओं को चेक भी दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबासाहेब भीमराव अांबेडकर ने कैसे अपनी पढ़ाई की? बाद में उन्होंने संविधान बनाया.

उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 12.5%  बच्चे स्कूलों से बाहर थे. निरीक्षण में पता चला कि इनमें अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों की संख्या अधिक है. उनकी पढ़ाई की शुरुआत कराने के लिए टोला सेवक और तालिमी मरकज की बहाली की गयी. उनके सहयोग से बच्चे स्कूल जाने लगे. साथ ही साक्षरता अभियान भी चलाया जा रहा है. अब मुश्किल से एक फीसदी बच्चे स्कूलों से बाहर हैं. उन्होंने कहा कि शुरू से ही हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट रहा है कि हाशिये पर जो तबके हैं, उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाये. इसके लिए योजनाएं चलायी गयीं.  

पहले खानापूर्ति के लिए बने थे छात्रावास

नीतीश कुमार  ने कहा कि पहले पुरानी सरकारों ने जो छात्रावास बनाये थे, वे महज खानापूर्ति के लिए थे. उनमें शौचालय नहीं था. बच्चों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता था. वहीं, अब जो छात्रावास बन रहे हैं, उनमें सभी जरूरी सुविधाएं दी जा रही हैं. नये छात्रावास बनने के साथ ही पुराने जर्जर छात्रावासों में भी निर्माण कार्य हो रहा है. 

जारी रहेगा समाज सुधार का काम 

सीएम ने कहा कि समाज सुधार के लिए प्रदेश में दहेज प्रथा और बाल विवाह विरोधी अभियान जारी रहेगा. हाशिये पर जो लोग हैं, उनके लिए न्याय के साथ विकास होगा. कुछ लोग झगड़ा लगाने के चक्कर में रहते हैं. वे जाति और संप्रदाय के नाम पर गलत चीजें फैलाते हैं. उनके चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए. उनसे सावधान रहने की जरूरत है. नयी टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग से बचना चाहिए. अच्छा काम कर अपना गौरवशाली इतिहास प्राप्त करना चाहिए. 

कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद और पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ब्रज किशोर बिंद, मुख्यमंत्री के सलाहकार अंजनी कुमार सिंह और अन्य आला अधिकारी मौजूद रहे. कार्यक्रम की अध्यक्षता अनुसूचित जाति  एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री रमेश ऋषिदेव ने की.

 

छात्र-छात्राओं  से मुख्यमंत्री ने कहा कि इन तीन योजनाओं के साथ ही सरकार के सात निश्चय  में शामिल स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का भी लाभ उठाएं. इसके तहत राज्य  शिक्षा वित्त निगम की सहयोग से चार लाख रुपये तक का ऋण  दिया जा रहा है. यह  महिला, ट्रांसजेंडर और दिव्यांगों को एक फीसदी सालाना और एससी-एसटी वर्ग  के विद्यार्थियों को चार फीसदी सालाना की दर से दिया जा रहा है.  

 

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मुख्यमंत्री ने इन्हें दिया चेक 

 

मुख्यमंत्री ने सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना और छात्रावास अनुदान योजना के तहत लाभुकों को चेक प्रदान किया.  सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत पटना के आकूब जावेद, नालंदा के मनीष कुमार और पटना के कुमार बिड़लादित्य को एक-एक लाख रुपये का चेक दिया गया

वहीं छात्रावास अनुदान योजना में पटना के मगध महिला हॉस्टल की शालिनी चौधरी, कुमारी श्वेता व नेहा भारती, नालंदा के विकास कुमार, जहानाबाद के अजीत कुमार, पटना के मो मजरूल आलम, मो अकरम, धनंजय कुमार कामत, अमन कुमार व मो फैज अहम, धमदाहा के मो असद आलम, सहरसा की साइमा नाज, अररिया की साधना शौकत और पश्चिम चंपारण की शिकता यासिमी को एक-एक हजार रुपये का चेक दिया गया. 

चुनाव आयोग ने कहा, बिना संशोधन के पूरे देश में संभव नहीं एक साथ चुनाव

दिल्ली : देश भर में एक साथ लोकसभा व विधानसभा चुनाव करवाने की चर्चा के बीच चुनाव आयोग ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में ऐसा संभव नहीं है. मालूम हो कि भाजपा ने सोमवार को एक देश-एक चुनाव के मुद्दे पर विधि आयोग को  पत्र लिखकर इस मुद्दे को फिर से गर्म कर दिया है. मंगलवार को मुख्य चुनाव  आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि कानून में संशोधन के बगैर एक देश-एक चुनाव मुश्किल है. 

यदि चरणबद्ध तरीके से ऐसा कराया जाये, तो राज्यों के विस चुनाव आम चुनावों के साथ करवाये जा सकते हैं. वैसे भी देश में पहले चार चुनाव एक साथ ही हुए थे. इसलिए कानून में संशोधन के साथ पर्याप्त मात्रा में ईवीएम हो और सुरक्षाकर्मी जरूरत के हिसाब से उपलब्ध रहें और राज्य विधानसभाएं इस से सहमत हो जाएं, तो एक साथ चुनाव कराने में कोई मुश्किल नहीं है. 

11 राज्याें के चुनाव लोस संग कराने की चर्चा : कयास लगाये जा रहे हैं कि केंद्र अगले साल लोस चुनावों के साथ 10-11 राज्यों के विस चुनाव भी कराने के प्रयास कर रही है.  मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि यदि पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की बात तो बिना संशोधन के संभव नहीं दिखता. जैसा 11 राज्यों के चुनाव का मीडिया में आया तो उस तरह की स्थिति में एक साथ चुनाव कराये जा सकते हैं.

 

2015 में ही दे चुके हैं सुझाव : मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने बताया कि एक साथ चुनाव को लेकर चुनाव आयोग 2015 में ही व्यापक सुझाव दे चुका है. आयोग बता चुका है कि इसके लिए संविधान और जनप्रतिनिधित्व कानून में कौन-कौन से संशोधन कराने होंगे. इसके अलावा पर्याप्त वोटिंग मशीन (वीवीपैट), अधिक सुरक्षाकर्मियों जैसी जरूरतों से भी अवगत करा दिया गया था.

कांग्रेस की पीएम को चुनाैती, लोस भंग कर राज्यों के साथ कराएं  चुनाव कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी कि यदि वह एक साथ चुनाव करवाना चाहते हैं, तो लोकसभा को समयपूर्व भंग करें और फिर आगामी विधानसभा चुनावों के साथ लोकसभा चुनाव भी कराएं. 

कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा की ओर से विधि आयोग को लिखा गया पत्र महज राजनीतिक फायदा हासिल करने का स्टंट है. भाजपा हार के डर से यह नाटक कर रही है. 

गहलोत ने चुनौती देते हुए कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री चाहें तो राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है उनके साथ लोकसभा चुनाव करवाएं. आरोप लगाया कि पीएम मोदी पूरी तरह से घबराये हुए हैं. 

भाजपा ने दिया जवाब, सिर्फ चर्चा की, आम सहमति बने तो अच्छा

भाजपा  प्रवक्ता संबित पात्रा ने ने कहा कि एक देश, एक चुनाव पर पहले भी चर्चा हो चुकी है. चुनाव आयोग, नीति आयोग ने इसके पक्ष में बात की है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि इसके लिए आम सहमति जरूरी है. पात्रा ने संवाददाताओं को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का पत्र दिखाते हुए कहा कि 11  राज्यों के साथ लोकसभा चुनाव की बात उन्होंने नहीं की है. फिलहाल पार्टी में इस तरह की कोई राय नहीं है. दरअसल, मंगलवार को भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल लॉ कमीशन के चेयरमैन से मिला था. इन नेताओं ने एक साथ चुनाव कराने का समर्थन करते हुए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की चिट्ठी सौंपी थी.

तीन बड़ी समस्याएं

1. ईवीएम की सीमित संख्या

2. सुरक्षा बलों की कमी

3. अभी सभी राज्यों की सहमति नहीं

शिवसेना का भाजपा पर कटाक्ष 

अमेरिका, रूस के साथ भी चुनाव करवा दे

 ‘एक देश, एक चुनाव' के प्रस्ताव के लिए भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा कि वह अमेरिका और रूस के साथ भी चुनाव कराने का सुझाव दे सकती है. शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने आश्चर्य जताया कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराये जाने से देश को किस प्रकार फायदा होगा. 


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