मुख्यमंत्री राहत कोष से केरल के बाढ़ पीड़ितों को भेजी गयी 10 करोड़ रूपये की सहायता राशि

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

  • मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने जान-माल की क्षति के लिए व्यक्त की अपनी गहरी संवेदना  
  • बाढ़ से केरल की स्थिति बेहद खराब,बारिश और बाढ़ से अब तक कुल 324 लोगों की मौत

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केरल में आयी भीषण बाढ़ से पीड़ितों के राहत एवं पुनर्वास कार्य के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 करोड़ रूपये की सहायता राशि भेजी है | मुख्यमंत्री ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को भेजे अपने दुखःद संदेश में कहा है कि लगातार बारिश से आयी बाढ़ से वहाँ जान माल की भारी क्षति हुई है,  इस आपदा की घडी में मैं बिहार की जनता की तरफ से पीड़ितों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ | उन्होंने कहा कि बिहार की जनता इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से होनेवाली क्षति को बेहतर ढंग से महसूस करती है | मेरा विश्वास है कि आपके कुशल नेतृत्व एवं निर्देशन में केरल की जनता इस आपदा से हुई क्षति की भरपाई पुनः कर पायेगी | मुझे पूरा भरोसा है कि केरल की जनता अपनी दृढ इच्छाशक्ति और सूझ बूझ से राज्य को इस आपदा से उबार लेगी |

कोच्चि में सुबह भारी बारिश हुई जबकि एक शताब्दी में सबसे मुश्किल घड़ी से जूझ रहे केरल के कई  हिस्सों की स्थिति काफी भयावह बनी हुई है। अब तक कुल मरनेवालों में ऐसा कहा जा रहा है कि पिछले सिर्फ दो दिनों के भीतर ही 150 लोग मारे गए हैं। मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने लगातार बारिश, भारी बाढ़ और भूस्खलन के कारण बनी स्थिति का काफी भयावह करार दिया है।

बाढ़ में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए जोर शोर से राहत और बचाव का काम चल रहा है। राज्य के मंत्री सा रा महेश ने ट्वीट कर बताया कि शाम तक राहत और बचाव का काम पूरा हो जाएगा। मुख्यमंत्री आज बाढ़ की स्थिति का जायजा लेंगे। उधर, बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए राहत कैम्प बनाए गए हैं। उन राहत कैम्पों में खान, पानी, डॉक्टर्स और अन्य सभी सुविधाओं का इंतजाम किया गया है।

केरल में आई 100 साल में सबसे भयानक बाढ़ में आठ अगस्त के बाद से अब तक 173 लोगों की मौत हो गई है। वहीं राज्य में मानसून के आने के बाद बारिश और बाढ़ से अब तक कुल 324 लोगों की मौत हुई है। आज अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी और पेट्रोल पंप में ईंधन की कमी से संकट गहराता दिखा। पंजाब और दिल्ली सरकार ने केरल को 10-10 करोड़ रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की है। 

आपदा ने इस प्राकृतिक छटा वाले राज्य को झकझोर कर रख दिया है। इसके चलते इसका पर्यटन उद्योग बर्बाद हो गया है, हजारों हेक्टेयर भूभाग में उपजी फसलें तबाह हो गयी हैं और बुनियादी ढांचे को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है। एनडीआरएफ के अलावा सेना, नौसेना, वायुसेना के कर्मियों ने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित इलाकों में अपने-अपने घरों की छतों, ऊंचे स्थानों पर फंसे लोगों को निकालने का बड़ा कार्य शुरू किया। ऊंचाई वाले इलाकों में पहाड़ों के दरकने के कारण चट्टानों के टूटकर नीचे सड़क पर गिरने से सड़कें अवरुद्ध हो गयीं जिससे वहां रहने वालों और गांवों में बचे लोगों का संपर्क बाकी की दुनिया से कट गया। ये गांव आज किसी द्वीप में तब्दील हो गये हैं।

 


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