भारत बंद का 4 राज्यों में व्यापक असर, बिहार के आरा-गया में भड़की हिंसा, कई जगह हिंसक झड़प व आगजनी

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

एससी एसटी एक्ट को लेकर लाए गए अध्यादेश के खिलाफ सवर्ण समुदाय की तरफ से बुलाए गए भारत बंद का देशभर में व्यापक असर देखने को मिला। इसका ज्यादा असर मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तरप्रदेश और राजस्थान में नजर आया। मध्यप्रदेश के शहडोल और बिहार के आरा में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। बिहार में जहां कुछ जगहों पर ट्रेनों को रोक दिया गया तो वहीं आरा में पुलिस पर पथराव के बाद भारी हिंसा की खबर सामने आई है।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को एससी-एसटी अत्याचार निवारण एक्ट में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी और अग्रिम जमानत से जुड़े कुछ बदलाव किए थे। अदालत का कहना था कि इस एक्ट का इस्तेमाल बेगुनाहों को डराने के लिए नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को भारत बंद बुलाया था। इस बंद का कई राजनीतिक पार्टियों ने समर्थन भी किया था। इस दौरान 10 से ज्यादा राज्यों में हिंसा हुई और 14 लोगों की मौत हुई थी।

बिहार में सांसद के काफिले पर हमला

बिहार के मुजफ्फरपुर में जन अधिकार पार्टी के सांसद पप्पू यादव के काफिले पर बंद समर्थकों ने हमला किया गया| जानकारी के मुताबिक़ पप्पू यादव मधुबनी में पदयात्रा के लिए जा रहे थे|

आरा में हिंसक हुआ प्रदर्शन, पुलिस ने की फायरिंग

बिहार के आरा में आरा बाजार समिति ओवरब्रिज पर जाम किए जाने के बाद शाहाबाद के चार जिलों के वाहनों का आवागमन बंद हो गया। पुलिस जाम हटाने पहुंची तो बंद समर्थक भीड़ गये। पुलिस ने जाम हटाने को लाठी चार्ज किया तो बंद समर्थकों ने पुलिस पर पथराव किया और चार राउंड हवाई फायरिंग की। पुलिस ने भी जवाब में कई हवाई फायरिंग। हालांकि पुलिस फायरिंग की पुष्टि नहीं कर रही है। मौके से 2 बंद समर्थकों को गिरफ्तार किया है।

 गया के बेलागंज के बेल्हाडी मोड़ पर बंद समर्थक और पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई। बंद समर्थकों ने पथराव किया तो पुलिस ने भी फायरिंग की। बताया जा रहा है कि पुलिस ने चार राउंड फायरिंग की। हालाकि इसमे किसी को चोट नहीं आयी है। डीएसपी विधि  व्यवस्था संजीत कुमार प्रभात घटना स्थल पर मौजूद हैं। पुलिस ने फायरिंग की पुष्टि नहीं की है। गया में बंद का असर है। गया शहर को छोड़कर आमस, फतेहपुर, वजीरगंज, कोंच आदि प्रखंडो में सड़क पर आगजनी कर प्रदर्शन हुए। दुकाने बंद रखी गई। इन इलाकों में यातायात प्रभावित है। यहां ट्रेन का परिचालन सामान्य है। हालांकि यात्रियों की संख्या कम है।

बलिया में बंद के दौरान पथराव में छह पुलिसकमियों समेत नौ घायल

उत्तर प्रदेश के बलिया एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भारत बंद का व्यापक प्रभाव दिखाई दिया। बंद के दौरान पथराव में छह पुलिसकर्मी और तीन अन्य लोग घायल हो गए है। आंदोलन समर्थकों के दबाव में बैरिया के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह भी सड़क पर खुलकर सामने आए। उन्होंने संसद द्वारा किए गए संशोधन की मुखालफत करते हुए कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के साथ हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी एससी-एसटी एक्ट के विरोध में बंद का असर नजर आ रहा है. एबीपी न्यूज के अनुसार वाराणसी के बीएचयू में प्रदर्शनकारी छात्रों ने हैदराबाद गेट पर गुरुवार सुबह पीएम मोदी का पुतला फूंका. छात्रों ने मांग की है कि एसटीएसटी एक्ट में हुए संशोधन को वापस ले सरकार|

17 फीसदी दलित वोट : एससी-एसटी कानून का मुद्दा इसलिए भी गरमाया हुआ है क्योंकि, देश में 17% दलित वोट हैं। इनका 150 से अधिक लोकसभा सीटों पर प्रभाव है। 131 सांसद इसी वर्ग से हैं। अप्रैल में जिन 12 राज्यों में हिंसा हुई, वहां एससी/एसटी वर्ग से 80 लोकसभा सदस्य हैं। एनसीआरबी के मुताबिक देशभर में एससी-एसटी एक्ट के तहत 47,369 शिकायतें दर्ज हुई थीं। इसमें से 13% यानी 6259 शिकायतें झूठी पाई गईं। मध्यप्रदेश में 2014 में एससी-एसटी एक्ट के तहत मप्र में 4871 मामले दर्ज थे, जो 2017 में बढ़कर 8037 हो गए। 

 

 


Create Account



Log In Your Account