नई दिल्ली. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए सभी विपक्षी दलों का 'देश की एकता, अखंडता और लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।' पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस की तरफ से बुलाये गए 'भारत बंद' के तहत सोमवार को हुए विरोध प्रदर्शन में पूर्व प्रधानमंत्री बोल रहे थे।
रामलीला मैदान में आयोजित विरोध प्रदर्शन में सिंह ने कहा, '' इतनी बड़ी संख्या में विपक्षी दलों के नेताओं का शामिल होना बहुत महत्वपूर्ण कदम है। मोदी सरकार ऐसा बहुत कुछ कर चुकी है जो हद को पर कर चुका है। इस सरकार को बदलने का समय आने वाला है। आज किसान, नौजवान सहित हर तबका परेशान है।'' सिंह ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है।
उन्होंने कहा, ''अब इस बात की जरूरत है कि सभी राजनीतिक दल अपने पुराने सिलसिलों को पीछे छोड़कर एकजुट हों। भारत की जनता की पुकार सुनें। यह तभी संभव है जब हम छोटे-छोटे मुद्दों को छोड़कर आगे बढ़ेंगे। देश की एकता, अखंडता और लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा । इसके लिए हमें तैयार होना चाहिए।''
विरोध प्रदर्शन में सिंह के अलावा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और राकांपा प्रमुख शरद पवार सहित करीब 20 विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और दूसरे नेताओं ने राजघाट से रामलीला मैदान तक मार्च किया।
कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के खिलाफ 'भारत बंद' बुलाया है। पार्टी ने सभी सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से 'भारत बंद' का समर्थन करने का आह्वान किया है । कांग्रेस का कहना है कि उसकी ओर से बुलाया गया 'भारत बंद' सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक रहेगा, ताकि आम जनता को दिक्कत नहीं हो।
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में सोमवार को कांग्रेस ने भारत बंद रखा। कांग्रेस ने दावा किया कि इसमें कुल 21 दल शामिल हुए। राजघाट से रामलीला मैदान तक मार्च निकाला गया। इसमें 16 दलों के नेता शामिल हुए। रामलीला मैदान पर राहुल गांधी ने कहा कि पेट्रोल की कीमत 80 रुपए से ज्यादा है। मोदीजी पहले कहते थे तेल के दाम बढ़ रहे हैं। अब कुछ नहीं बोलते।
राहुल गांधी ने कहा कि आज किसानों और मजदूरों को रास्ता नहीं दिख रहा। हिन्दुस्तान में रास्ता सिर्फ 15-20 पूंजीपतियों को दिख रहा है। राफेल डील में हुए घोटाले का पैसा हिंदुस्तान के लोगों का है। यह आपकी जेब से छीना गया है। जीएसटी ने छोटे और मझोले व्यापारियों को खत्म कर दिया। देश का कालाधन सफेद हो गया। उन्होंने कहा कि जो दुख देश की जनता के दिल में है वह हमारे दिल में है। लेकिन बीजेपी और नरेंद्र मोदी के दिल में नहीं है। आज इस जगह पूरे विपक्षी दल एकसाथ बैठे हैं। हम मिलकर भाजपा को हराने जा रहे हैं।
कुछ दल साथ नहीं दिखे : मंच पर सपा, बसपा, नेशनल कांफ्रेंस और तृणमूल कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि नजर नहीं आया। इस पर गुलाम नबी आजाद ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि 16 पार्टियों के प्रतिनिधियों ने भाषण दिए। कुछ विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने अलग से प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इससे पहले राहुल गांधी ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद मार्च निकाला।
कहीं ट्रेनें रोकीं, कहीं तोड़फोड़ : बंद का बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में असर देखा गया। बिहार में ट्रेनें रोकी गईं, वाहनों में तोड़फोड़ की गई। ओडिशा के संबलपुर में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ट्रेनें रोकीं। मध्यप्रदेश के उज्जैन में पेट्रोल पंप पर तोड़फोड़ की गई।
बंद को 21 दलों को समर्थन : भारत बंद में कांग्रेस समेत 21 दल शामिल रहे। इनके लोकसभा में 87 सांसद हैं। इनमें कांग्रेस के 48, माकपा के नौ, राकपा के सात, सपा के सात, राजद के चार, एआईडीयूएफ के तीन, झामुमो के दो और ईयूएमएल के दो सांसद हैं। इनके अलावा एनसी, जेडीएस, आरएसपी, भाकपा और रालोद के 1-1 सांसद हैं। बसपा, द्रमुक, लोजद, मनसे, हम, केरल कांग्रेस, एमडीएमके और फॉरवर्ड ब्लॉक का भी इस बंद को समर्थन है। हालांकि, इन दलों का लोकसभा में कोई सांसद नहीं है।
सरकार विरोधी 7 दल कांग्रेस के साथ नहीं : जो सरकार विरोधी बंद के समर्थन में नहीं हैं उनके लोकसभा में 125 सांसद हैं। इनमें अन्नाद्रमुक के 37, टीएमसी के 34, बीजद के 19, तेदपा के 16, टीआरएस के 11, वायएसआरसी के 4 और आप के 4 सांसद हैं।