मांझी ने कहा, भाजपा से हाथ मिलाने में परहेज नहीं

रिपोर्ट: साभारः

पटना : पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सोमवार को यहां गांधी मैदान में हिंदुस्तानी अवाम मोरचा द्वारा आयोजित गरीब स्वाभिमान रैली में लालू प्रसाद व नीतीश कुमार पर जम कर बरसे. उन्होंने कहा कि सीएम पद से मुङो हटाने में लालू की भूमिका अहम रही. उन्होंने पूछा, मुझसे क्या गलती हुई कि नीतीश कुमार मेरे पीछे पड़ गये? मांझी ने कहा कि उन्होंने नवंबर, 2015 तक के लिए मुङो मुख्यमंत्री बने रहने की बात कही थी. श्री मांझी ने कहा कि हम रवींद्रनाथ टैगोर की एकला चलो की नीति पर चलेंगे. चुनाव तक अकेले रहेंगे. चुनाव के बाद परिस्थिति के अनुसार निर्णय लिया जायेगा. नीतीश कुमार के गंठबंधन को छोड़ कर हम किसी की भी मदद करने को तैयार हैं. भाजपा से मिलने में हमें किसी तरह का परहेज नहीं है. सरकार बनाने में हम मदद करेंगे या फिर सहयोग लेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक न्याय के प्रणोता कहलानेवाले लालू प्रसाद व नीतीश कुमार से सतर्क रहने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपने कुनबे से लालू प्रसाद को निकाल दे, तो उनके साथ सहयोग करने पर विचार किया जा सकता है. यह तभी संभव है, जब पार्टी के निलंबित आठ विधायकों के बारे बैठक कर विचार किया जाये. मांझी ने नीतीश कुमार के उस वक्तव्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे हमेशा कहते रहे कि मांझी अच्छा आदमी व अच्छा कार्य कर रहा है. अगर वे साथ देते, तो उन्हें धन्यवाद देते, लेकिन पार्टी के प्रवक्ता मुङो अपमानित करते रहे और वे भीष्म पितामह बन कर देखते रहे. अगर वे खुद मेरी गलती बता देते, तो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने में मुङो कोई गुरेज नहीं था. मुखौटा बना कर इस्तेमाल करने का था विचार पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुङो मुखौटा बना कर इस्तेमाल करने की कोशिश की जा रही थी. यह सही है कि दो-तीन माह मैं केवल दस्तखत करने का काम करता रहा. जब खुद के निर्णय लेने की बारी आयी, तो सबको तकलीफ होने लगा. यह सही है कि दलित, अति पिछड़े को सीएम बनाने के पीछे राजनीतिक परिस्थिति कुछ ऐसी रही है. लोकसभा चुनाव में हारने के बाद अपना चेहरा बचाने व आलोचना से बचने के लिए नीतीश कुमार ने मुङो मुख्यमंत्री बनाया. एक तो देश-दुनिया में ढोल पीटा कि दलित को मुख्यमंत्री बना दिया. दूसरा जो कहेंगे, वह काम करेगा. बाद में नीतीश कुमार के एक जुबान से सच्चई निकल गयी कि मांझी को मुख्यमंत्री बना कर गलत नहीं, महागलती की. पूर्व मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री को भी राजनीतिक अस्थिरता समाप्त होने के बाद हटा दिया गया. रामसुंदर दास का 10 से 11 माह में पत्ता साफ हो गया. कपरूरी ठाकुर को भी चलता कर दिया गया था. बदले की भावना से निर्णय को किया गया निरस्त उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते लिये गये मेरे 34 निर्णयों को बदले की भावना से निरस्त कर दिया गया. नियोजित शिक्षकों के वेतनमान, वित्तरहित शिक्षकों को अनुदान, पुलिस को 13 माह का वेतन, किसानों को पांच एकड़ तक मुफ्त बिजली, बेरोजगारी भत्ता बढ़ाने, बेटियों को एमए तक मुफ्त शिक्षा सहित अन्य निर्णय लिया गया. यह सारा व्यवस्था राज्य में अनावश्यक हो रहे खर्च के पैसे को बचा कर किया जा सकता है. एस्टिमेट घोटाला कर काफी गड़बड़ी हो रही है. जो अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय 225 करोड़ में बनता, उसका एस्टिमेट बाहर की कंसल्टेंट कंपनी को बुला कर 580 करोड़ किया गया. विधानसभा का नया भवन बनाने की कोई आवश्यकता नहीं थी. राजगीर में कन्वेंशन हॉल सहित कई ऐसे अनावश्यक निर्माण कार्य हो रहा है. नीतीश कुमार उसका उद्घाटन करेंगे, तो उनका नाम होगा, लेकिन उन्हें गरीबों की भूख की चिंता नहीं है. जब केंद्र गंगा पर नया पुल निर्माण कराने की बात कह रहा है, तो राज्य सरकार एडीबी से कर्ज लेकर पुल बनाने की बात कर रही है. इसमें बड़े पैमाने पर कमीशन का खेल हुआ है. राज्य में लाखों टन धान सड़ रहा है. किसानों को राशि का भुगतान नहीं हो रहा है. इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए. मीडिया को भी हड़काया रैली में कवरेज करने के लिए आये मीडियाकर्मियों को उन्होंने हड़काया. कहा कि रैली में आयी भीड़ को बेहतर तरीके से दिखलाया जाये. अगर नहीं दिखलाया गया, तो कहा जायेगा कि उस चैनल को मत देखो, जिसमें मांझी को नहीं दिखाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आजकल नीतीश कुमार मीडियाकर्मियों को हड़काते हैं कि मेरी बगल में सुशील मोदी का फोटो छपे, तो कोई परहेज नहीं है. लेकिन, मांझी का फोटो नहीं छपना चाहिए, अन्यथा विज्ञापन नहीं मिलेगा. मृत युवक के परिजन को मिलेगा एक लाख मांझी ने एलान किया कि रैली में आ रहे सीतामढ़ी के एक युवक की बस से दब कर मौत हो गयी. उसके परिजन को हम की ओर से एक लाख रुपये दिये जायेंगे. उसकी आत्मा की शांति के लिए एक मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गयी. विधानसभा क्षेत्रवार होगा सम्मेलन मांझी ने कहा कि सभी प्रमंडलों में हमारा सम्मेलन हो चुका है. अब विधानसभा क्षेत्रवार सम्मेलन होगा. तीन माह तक नहीं बैठेंगे. रैली में आये लोगों से कहा कि महादलित को किये गये अपमान का बदला चुनाव में बैलेट पेपर से देना है. अफसरों को काम करने से रोका जा रहा पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार जब मुख्यमंत्री से हटे, तो उनके यहां मुख्य सचिव, डीजीपी सहित बड़े अफसरों का आना-जाना लगा रहता था. अभी हम के नेताओं का काम रोकने के लिए अफसरों को कहा जा रहा है. बड़े पैमाने पर पैसे लेकर अफसरों की पोस्टिंग करने की तैयारी की जा रही है. उन्होंने अफसरों को जेताया कि नीतीश कुमार सब दिन मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे, इसलिए उन्हें जायज करना चाहिए. बिहार में भाजपा को किसी की जरूरत नहीं बेनीपुर : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने सोमवार को यहां अभिनंदन समारोह में कहा कि भाजपा बिहार में अकेले लोहा लेने में सक्षम है. हमारे खिलाफ राजद-जदयू ने विलय कर इसे साबित कर दिया है. उन्होंने जनता परिवार के विलय पर चुटकी ली कि यह कैसा विलय है, जिसका न कोई पार्टी और न कोई नाम है. ऐसे बेनामी पार्टी के अध्यक्ष भी बन गये. एक साइकिल पर सवार होकर छह पार्टियां कैसे विधानसभा पहुंचेंगी. उन्होंने कहा कि जब से यह महागंठबंधन हुआ, बिहार में पुन: जंगलराज स्थापित हो गया है.


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