उम्मीदों-उपलब्धियों का हो नया साल 2015

रिपोर्ट: साभारः

अपनी कमियों-कमजोरियों को दूर करके और बदलते वक्त के साथ जरूरी स्किल सीखकर और उसे लगातार अपडेट करते हुए आप नये साल को अपने लिए उपलब्धियों का वर्ष बना सकते हैं। नया साल कैसे आपके लिए उम्मीदें पूरे होने का साल बन सकता है, बता रहे हैं अरुण श्रीवास्तव... हम सब जानते हैं कि हर 365 दिन पर एक नया साल आता है। नये साल की दस्तक के साथ ही उसके स्वागत की तैयारियां आरंभ हो जाती हैं। हमारे सामने फिर एक नया वर्ष है। पिछले कुछ सालों की तुलना में यह कुछ अलग इसलिए है, क्योंकि इस समय देश का माहौल लगभग हर मोर्चे पर सकारात्मक है। सरकार द्वारा देश को आगे बढ़ाने के लिए 'मेक इन इंडिया' सहित कई और अभियान शुरू किए गए हैं। स्थिर और मजबूत सरकार होने के कारण कॉरपोरेट सेक्टर में भी माहौल उत्साहपूर्ण है। ऐसे में कहा जा सकता है कि 2015 खासतौर पर उन युवाओं के सपनों को पंख लगा सकता है, जो खुद को स्किल्ड बनाने की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। आने वाले दिनों में सामने आने वाले अवसरों का लाभ उठाने के लिए पर्सनैलिटी और स्किल से जुड़ी कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। सीखें बीते दिनों से अगर आप एक जागरूक व्यक्ति हैं और समय-समय पर अपनी कमियों-कमजोरियों और ताकत का आकलन करते रहते हैं, तो कोई और समझे या न समझे, आपको जरूर इस बात का एहसास होगा कि बीते दिनों में आप कहां-कहां कमजोर पड़े, चूके या आपको अपने कदम पीछे खींचने पड़े? आपके प्रयासों में चूक कहां हुई या फिर आपने प्रयासों में पूरी ईमानदारी दिखाई या नहीं? इन बातों का विश्लेषण करके आप आगे की अपनी राह को चमकदार बना सकते हैं। हां, अगर आपको लगता है कि मैंने तो खूब मेहनत की, पर उपलब्धि जीरो रही, तो इसका मतलब यही है कि आप रेस में शामिल तो हुए, पर विपरीत नतीजा आने पर आपने इसका समुचित मूल्यांकन नहीं किया। यदि आपने अपने प्रयासों की समीक्षा की होती, तो नतीजे प्रतिकूल कतई नहीं होते। वैसे यह भी हो सकता है कि आपने वाकई मेहनत तो बहुत की हो, पर वह आपकी रुचि का क्षेत्र न रहा हो। चुनें मन की राह कामयाबी की डगर पर बढ़ते हुए अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं, तो आपको वह राह चुननी होगी जो आपके मन की हो। दूसरों को देखकर कोई स्ट्रीम या क्षेत्र चुनते हैं, तो शायद कड़ी मेहनत करने के बाद भी आपको अपेक्षित सफलता न मिले। लेकिन पसंद के क्षेत्र को चुनेंगे, तो आपके हर कदम में उत्साह होगा। आप उसमें डूबना चाहेंगे, और जितना डूबेंगे, उतना ही आनंद आएगा। आज के समय में ऐसे अनेक विकल्प हैं, जो आपकी पसंद बन सकते हैं। यह कतई न सोचें कि किसी नये क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ेंगे? न रहें मीडियाकर एक बार अपनी पसंद का क्षेत्र चुन लेने के बाद उससे जुड़ी बुनियादी बातों को जानकर कदम आगे बढ़ाएं। घर-परिवार से सही परामर्श मिल सकती है, तो बहुत अच्छा, अन्यथा अपने स्कूल-कॉलेज के किसी उत्साही टीचर या काउंसलर की मदद लें। उससे अपने मन की उलझन बांटें और आगे बढऩे का रास्ता जानें। देश और दुनिया के बदलाव पर नजर रखते हुए आगे बढ़ें। आधे-अधूरे मन से प्रयास करने की बजाय उससे जुड़े हर काम को जी-जान लगाकर करें। परफेक्शन को बनाएं आदत काम, प्रोजेक्ट या मिशन को निपटाने की बजाय उसे पूरे परफेक्शन के साथ करने का प्रयास करें। परफेक्शन को अपनी आदत बना लें, यानी जब तक किसी काम को स्पीड और एकुरेसी के साथ न कर लें, तब तक चैन न लें। सीखें स्किल आने वाले दिनों में 'मेक इन इंडिया' से जुड़े तकरीबन दो दर्जन क्षेत्रों में संभावनाएं तेजी से सामने आएंगी। इन्हें ध्यान में रखते हुए अपनी पसंद का चयन करें। पसंद के क्षेत्र में आवश्यक स्किल को सीखने की जरूरत महसूस हो रही है, तो उसके लिए देर न करें। सही जगह से अपनी स्किल को डेवलप करें। सीखने के बाद उसे छोड़ें-भूलें नहीं, बल्कि इंडस्ट्री-मार्केट की जरूरतों के मुताबिक उसे अपडेट करते रहें ताकि आप वक्त के साथ-साथ चलते हुए आगे बढ़ सकें। स्मार्टनेस भी जरूरी स्किल डेवलप करने के साथ-साथ पर्सनैलिटी और कम्युनिकेशन की स्मार्टनेस का भी ख्याल रखें। खुद को प्रेजेंटेबल बनाएं, ताकि अपने टैलेंट को प्रभावशाली तरीके से सामने रख सकें। इसके लिए आपको कहने-बोलने का सरल-सहज और प्रभावी तरीका भी सीखना होगा। हां, व्यक्तित्व, पोशाक, बातचीत और विचारों में ओरिजनिलिटी का ध्यान रखें। बनावटीपन से पूरी तरह बचें। कुछ भी नया सीखने-जानने और करने को हमेशा तत्पर रहें। * बीते समय से सबक लेकर करेक्शन करें, ताकि आगे का सफर चमकदार हो सके। * बदलते वक्त की जरूरतों को देखते हुए अपनी स्किल डेवलप करें और उसे अपडेट भी करते करें। * पर्सनैलिटी को प्रेजेंटेबल बनाने का प्रयास करें, ताकि पहला इंप्रेशन ही जोरदार हो सके।


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