धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास, कोहली बने कप्तान

रिपोर्ट: साभारः

मेलबर्न टेस्ट ड्रॉ कराने के साथ ही कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। चार मैचों की टेस्ट सीरीज के शुरुआती दोनों मैच हारकर टीम इंडिया पहले ही सीरीज जीतने की रेस से बाहर हो चुकी थी। कप्तान धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया का विदेशी धरती पर बेहद खराब प्रदर्शन रहा था। मेलबर्न टेस्ट मैच ड्रॉ कराने के बाद बीसीसीआई ने धोनी के हवाले से उनके टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की जानकारी दी। धोनी के इसी मैच के साथ ही संन्यास लेने पर सीरीज के अंतिम टेस्टा मैच की कप्ता।नी एक बार फिर विराट कोहली के हाथों में आ गई है। कोहली ने एडिलेड में खेले गए पहले मैच में भारतीय टीम की अगुवाई की थी। हालांकि भारत वह मैच हार गया था। हालांकि ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि इस सीरीज के बाद धोनी से टेस्ट मैच की कप्तानी छीनी जा सकती है, लेकिन उन्होंने समय रहते संन्यास ले लिया। टीम इंडिया के कप्ताीन महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। बुधवार को मेलबर्न टेस्ट ड्रॉ कराने के बाद धोनी के अचानक संन्यानस के ऐलान ने सभी को सन्न कर दिया है। हालांकि विदेशी दौरो में टेस्ट कप्तान के तौर पर लचर प्रदर्शन के चलते उनकी काफी आलोचना भी जा रही थी। कुल 90 टेस्ट मैच खेल चुके धोनी ने दिसंबर 2005 श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट में आगाज किया था। विकेटकीपर के तौर पर उन्होंने अपने पहले मैच में 30 रन बनाए थे। 2008 में उन्हें टेस्ट टीम का कप्ताेन बनाया गया। भारत में हुए टेस्ट मैचों में 2008 से 2013 के दौरान उन्होंने 30 मैचों में से 21 में भारत को विजय दिलाई थी। इसके अलावा 2009 से 2014 के बीच विदेशी दौरों में धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया 2009 से 2014 के बीच 26 मैचों में से 6 में ही जीत हासिल कर पाई। जबकि 12 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। लगातार हार के बाद पूर्व क्रिकेटरों द्वारा कई बार धोनी की टेस्ट कप्ता।नी को लेकर आलोचना भी हुई। उन्हें टेस्ट में कप्ता नी के बारे में कई पूर्व दिग्गज क्रिकेटर अंगुली उठा चुके हैं।


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