मुख्यमंत्री ने बेली रोड पर बन रहे फ्लाई ओवर के समीप क्षतिग्रस्त हुयी सड़क का निरीक्षण किया

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

पटना, 29 जुलाई - मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज जवाहर लाल नेहरू मार्ग पर बन रहे फ्लाई ओवर के समीप क्षतिग्रस्त हुयी सड़क का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए। निरीक्षण के पश्चात पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सबलोग देख रहे हैं, यह नेहरु पथ है जिसे लोग आज भी बेली रोड के नाम से जानते हैं। अंग्रेजों के जमाने में ही यह सड़क बनायी गयी थी। यह सड़क लगभग 100 साल पुरानी है। इसका चैड़ीकरण भी हुआ है। इसके ड्रेनेज पर भी काम किया गया है। इस सड़क पर यातायात की बहुलता को देखते हुए आई0आई0टी0 के विशेषज्ञों ने अध्ययन करके पथ चक्र बनाने की सलाह दी थी।

उन्होंने कहा कि चूंकि यहां से साईड में कई सड़कें खुलती हैं और यातायात कई जगहों पर बाधित होता है, उसका एक मात्र उपाय था पथ चक्र, जिसका नामकरण किया गया “लोहिया पथ चक्र” और उस पर राज्य सरकार के पथ निर्माण विभाग ने काम करना प्रारंभ कर दिया।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जो मेट्रो रेल बनेगा और जो मेट्रो रेल का अलाइन्मेंट होगा उसके साथ इसका तालमेल होना चाहिए, ताकि किसी तरह का विरोधाभास न हो। इसके अलावे ड्रेनेज और सीवरेज इन सभी चीजों को देखकर ये डिजायन बनाया गया है। उसके हिसाब से काम चल रहा था। उन्होंने कहा कि जिस ढंग से रात में वर्षा हुई और उसके बाद जो यह हादसा हुआ है तो इसकी पूरी समीक्षा की जायेगी। यूं तो सड़क को री-स्टोर करने के लिए विभाग अपना काम करेगी, लेकिन ऐसी स्थिति उत्पन्न क्यूं हुई इसके लिए सिर्फ यही नहीं कि सिर्फ साइड के पानी से ही ऐसा हो गया होगा। मैंने यह भी सलाह दी है की यह भी देखना होगा कि इसका ग्राउंड वाटर लेवल क्या है। आप सभी जानते होंगे की जो सोन नदी का अलाइन्मेंट था, वो इसी इलाके से होकर गुजरता था। उसके बाद सोन नदी की धार बदल गई और जब 1912 में बंगाल से अलग होकर नया बिहार बना, उसके बाद ये कैपिटल एरिया अंग्रेजों के जमाने में विकसित हुआ। न्यू कैपिटल एरिया में जो आवास बने हुए हैं उनमें अभी भी बोरिंग करने के बाद उसमें से सोन नदी का बालू ही निकलता है, जो इस बात को प्रमाणित करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना ने एक तरह से सचेत भी कर दिया है। अभी तो यहां खुदाई चल रही थी और इनको यहां एलिवेटेड रोड बनाना था। वैसी स्थिति में अगर ऐसा हो गया तो कम से कम इसने एक तरह से आगाह भी कर दिया और सचेत भी कर दिया है। हमने अधिकारियों को निर्देष दिया है कि इस सड़क की और नीचे से गहराई से अध्ययन किया जाए। हमने पथ निर्माण विभाग को भी कहा है और चुंकि मेट्रो रेल का भी निर्माण होना है जो यहाँ पर अंडरग्राउंड ही रहेगा। उसका जो प्रोजेक्ट बना है उसके हिसाब से तो एक बार फिर से इसको देखना होगा। चुंकि एक छोटी सी जगह पर जब ऐसी घटना घट गई तो आगे भी इसकी गहन समीक्षा करके ही काम करना चाहिए। सड़क तो बहुत पुरानी है और कभी भी इस तरह की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है। वर्षापात पहले भी हुआ है इससे कई गुना ज्यादा वर्षा हुई है, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ है। सड़क के बीच में खोदकर जो काम किया जा रहा था, उसी सिलसिले में यह बात उजागर हो गई तो इसको तो रि-स्टोर करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। साथ ही इसका गहन अध्ययन भी करेंगे और जिन विशेषज्ञों के परामर्श से यह पथ चक्र बन रहा है उन्हें भी बुला लेंगे। साथ ही जो मेट्रो रेल के विशेषज्ञ हैं उनको भी बुलाकर पूरे रोड का यानि नेहरु पथ का पूरा अध्ययन कर लेंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटना न घटे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तो समझता हूं कि इस घटना ने सबको आगाह कर दिया। एलिवेटेड रोड बनाने के सिलसिले में जो काम चल रहा था उसमें अगर एक दिन की वर्षा से ऐसी बात हो गई तो यह जानने और समझने का विषय है। इस सड़क पर किसी भी तरह के आवागमन में कोई कठिनाई नहीं हो इसके लिए सड़क के उत्तर और दक्षिण दिशा में जितना सड़क का एरिया उपलब्ध है उन सबका उपयोग होगा। आज इसको प्लान किया जायेगा कि जो भारी वाहन हैं, किधर से जाएंगे और हल्के वाहन किधर से जाएंगे। इसकी आज समीक्षा करके यह काम संबंधित अधिकारियों द्वारा कर लिया जायेगा। हर सूरत-ए-हाल में सुविधा ऐसी हो कि आवागमन में ज्यादा दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि नदियों में जिस प्रकार से कटाव का दृश्य होता है, वैसा ही कुछ दृश्य यहां दिखायी पड़ रहा है। इसलिए हमने अधिकारियों से कहा है कि आप नीचे का भी अध्ययन कर लीजिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लापरवाही अगर हुई होगी तो सारे वरीय अधिकारी लोग हैं उस चीज को भी देखेंगे। लेकिन उसके साथ-साथ जो मैंने पहले कहा कि यह भी देखना जरुरी है कि इसके नीचे कहां तक वाटर लेबल है। इन सब चीजों को भी देख लेना है। चूंकि आप जानते हैं कि पथ चक्र भी बनना है, मेट्रो रेल भी बनना है, तो कही किसी प्रकार की कठिनाई नहीं आनी चाहिए। अगर नीचे कोई वाटर लेबल का संकट है तो ठीक प्रकार से आप उसको मोडिफाई भी कर लीजिए, ये सब देख लीजिए। अगर कोई लापरवाही है किसी प्रकार की काम करने में तो वह भी जरुर देखेंगे। ये तो सबके सामने है, सब लोग देख रहे हैं किनारे से भी थोड़ा ढह रहा है उसी तरह जैसे नदियों में कटाव का दृश्य होता है। मुख्य सचिव भी मौजूद हैं उनसे हमने कह दिया है कि अगर किसी भी तरह की कोई लापरवाही होगी तो निश्चित तौर पर उसको हम देखेंगे। 

इस मौके पर पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव, मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक के0एस0 द्विवेदी, प्रधान सचिव नगर विकास एवं आवास चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, प्रमंडलीय आयुक्त पटना आनंद किशोर, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार, अध्यक्ष बिहार राज्य पुल निर्माण निगम जीतेंद्र श्रीवास्तव, बिहार राज्य पथ विकास नगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय अग्रवाल, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, आई0जी0 नैय्यर हसनैन खां, डीआईजी राजेश कुमार, पटना जिलाधिकारी कुमार रवि, वरीय पुलिस अधीक्षक मनु महाराज सहित अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे। 

  


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