पटना 4 जुलाई : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड के मसले पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा। उनसे इस्तीफा मांगा। पत्र में लिखा है- यह घटना मानवीय इतिहास में शर्मनाक घटना है। संस्थागत रूप से इतना सब कुछ होता रहा लेकिन आश्चर्य है कि सरकार के एक भी तंत्र या सूत्र को इसकी जानकारी नहीं हुई। एक निजी संस्थान ने जब वहां हो रही गड़बड़ियों की रिपोर्ट दी, तो इसके 55 दिनों बाद तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। अधिकारियों ने बताया कि वे एफआईआर दर्ज करने जा रहे हैं, लेकिन मुख्य आरोपी का नाम प्राथमिकी में है ही। क्यों?
सरकारी फंड पाने के लिए आरोपी ब्रजेश ठाकुर चलाता था सेक्स रैकेट
बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। मुजफ्फरपुर पुलिस ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि इस कांड का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर सरकारी फंड और ऑर्डर पाने के लिए सेक्स रैकेट चलाता था। उसके तार नेपाल से लेकर बांग्लादेश तक जुड़े हुए थे।मुजफ्फरपुर पुलिस ने यह रिपोर्ट पिछले हफ्ते केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को मामला सौंपे जाने से पहले तैयार की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि ठाकुर के तार गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) से जुड़े हुए थे और उसके रिश्तेदार और अन्य कर्मचारी, जिसे वो जानता था, उसमें प्रमुख पदों पर बैठे हुए थे। उसने इसके माध्यम से सरकारी अधिकारियों और बैंकरों के साथ मिलकर अवैध तरीके से खूब पैसा कमाया है।
सूत्रों के अनुसार ब्रजेश ठाकुर ने पत्रकार होने के नाते अपने रूतबे का खूब इस्तेमाल किया, जिसकी बदौलत उसे विज्ञापन के प्रावधानों के अनुरूप खड़ा नहीं उतरने के बावजूद सरकारी अधिकारियों की सिफारिश पर समस्तीपुर स्थित सहारा वृद्धाश्रम चलाने की जिम्मेदारी दी गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी ने ब्रजेश ठाकुर के एक एनजीओ को योजनाओं के लिए प्रक्रिया का पालन किए बिना ही चलाने की अनुमति दे दी थी। रिपोर्ट में अंदेशा जताया गया है कि ब्रजेश ठाकुर इन योजनाओं को पाने के लिए एड्स कंट्रोल सोसायटी के अधिकारियों को लड़कियों की सप्लाई भी करता था।
इसके अलावा मामले में फरार चल रही ब्रजेश ठाकुर की मुख्य वर्कर मधु पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, मधु देह व्यापार जैसे धंधे में शामिल थी और ब्रजेश ठाकुर ने उसी का इस्तेमाल करते हुए मुजफ्फरपुर के रेड लाइट एरिया चतुर्भुज स्थान तक अपनी पहचान बनाई और मधु को अपने संगठन 'वामा शक्ति वाहिनी' के कागज पर अहम जगह दी।