मुंबई. रिजर्व बैंक के गवर्नर पद पर रघुराम राजन का कार्यकाल रविवार को खत्म हो गया। राजन ‘रॉकस्टार’ इमेज के लिए जाने जाते हैं, लेकिन रिजर्व बैंक के नए गवर्नर उर्जित पटेल ने अब तक अपनी इमेज ‘लो-प्रोफाइल’ बनाए रखी है। इन्फ्लेशन वॉरियर के रूप में मशहूर पटेल आरबीआई के 24वें गर्वनर के तौर पर अप्वॉइंटमेंट हुए हैं। बैंलेंस शीट साफ करने की चुनौती... - उर्जित का पहला वर्किंग डे 6 सितंबर हो सकता है। क्योंकि सोमवार को गणेश चतुर्थी की छुट्टी है। - बैंकों की फंसे कर्ज से भरी बैलेंस शीट को साफ-सुथरा बनाने में पटेल को चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। कई बैंकों, का कहना है कि इससे इन्वेस्टमेंट पर असर पड़ेगा। - पटेल की पहली जिम्मेदारी राजन के अधूरे काम पूरे करने की होगी। - बैंकों की डीप सर्जरी और महंगाई के खिलाफ लड़ाई में जीतना इनमें शामिल है। कॉर्पोरेट एक्सपीरियंस से मिलेगी मदद - पटेल कई कॉर्पोरेट लीडर्स और बैंकर के साथ काम कर चुके हैं। - उन्हें रिलायंस इंडस्ट्रीज समेत कॉरपोरेट वर्ल्ड में कई बोर्डों में काम करने का एक्सपीरियंस है। यह मददगार साबित होगा। कौन हैं उर्जित पटेल? - 52 साल के पटेल को इस साल जनवरी में तीन साल के लिए री-अप्वाॅइंट किया गया था। वे 11 जनवरी 2013 को आरबीआई से जुड़े। - रघुराम राजन के आने से पहले ही वे आरबीआई में आ गए थे। - राजन और उर्जित में समानता ये है कि दोनों वाशिंगटन में आईआईएफ में साथ काम कर चुके थे। - उर्जित कई फाइनेंशियल कमेटी के मेंबर रह चुके हैं। 2014 में देश में पहली बार महंगाई दर का लक्ष्य तय करने का फैसला भी पटेल की अगुआई वाली कमेटी की सिफारिशों के आधार पर ही हुआ था। -पटेल ने कहा था कि खुदरा महंगाई का लक्ष्य 4% रखा जाना चाहिए और इसमें 2% कम-ज्यादा की गुंजाइश हो। - आरबीआई में आने से पहले पटेल बोस्टषन कंसल्टिंग ग्रुप के एडवाइजर थे।