मुजफ्फरपुर शेल्टर होम दुष्कर्म कांड: SC ने बिहार सरकार को लगाई फटकार

रिपोर्ट: प्रीतम दुबे

बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है| साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को लेकर केंद्र और बिहार सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है| गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप काडं में अब तक 34 बच्चियों के साथ बलात्कार की पुष्टि हो गई है| सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए एफआईआर में धारा 377 (बलात्कार) आईपीसी और पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज कर 24 घंटे के अंदर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है|

सुप्रीम कोर्ट का कहना है, 'अगर हमें लगता है कि धारा 377 आईपीसी और पीओसीएसओ अधिनियम के तहत अपराध हुए थे और आपने प्राथमिकी दर्ज नहीं की है, तो हम सरकार के खिलाफ आदेश पारित करेंगे|' आईपीसी की धारा-377 के तहत भी मुकदमा होना चाहिए|

कोर्ट ने बिहार सरकार को 24 घंटे में एफआईआर में बदलाव करने के लिए कहा है| इसके साथ ही मुख्य सचिव को भी आदेश दिये हैं कि वे सुनवाई के दौरान कोर्ट में ही मौजूद रहें| ज्ञात हो कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस की सीबीआई जांच कर रही है और सुप्रीम कोर्ट इस केस की मॉनिटरिंग कर रहा है|

सुप्रीम कोर्ट इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में बच्चियों की तस्वीर चलाने पर नाराजगी जताई है| कोर्ट ने कहा कि मोरफेड तस्वीर भी मीडिया नहीं चलाएंगे| सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी तरह से रेप पीड़ित बच्चियों की तस्वीर इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडियापर चलाने और रोक लगा दी| सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िताओं के इंटरव्यू पर भी मीडिया को फटकार लगाई है और कहा कि सबको सिर्फ इंटरव्यू चाहिए, किसी को पीड़िताओं की चिंता नहीं|

 
आज गुरुवार को मुजफ्फरपुर कांड के विरोध में बिहार में लेफ्ट पार्टियों ने बंद बुलाया है| पटना के डाक बंगला चौराहा पर बंद समर्थक अपना प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी गिरफ्तारी दे रहे हैं| इनकी मांग है कि सीबीआई की जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में हो| बता दें कि इस बिहार बंद को राजद और कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है| बता दें कि बीते दिनों दिल्ली के बिहार भवन के बाहर भी लोगों ने प्रदर्शन किया था| 

उल्लेखनीय है कि बीते दिनों सरकार की ओर से उसमें कहा गया कि भ्रम का वातावरण नहीं रहे, इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और गृह विभाग के प्रधान सचिव को तत्काल इस मामले की जांच सीबीआई के सुपुर्द करने का निर्देश दिया| मामले की तहकीकात निष्पक्ष ढंग से हो, इसके लिए विपक्ष इसकी जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग कर रहा था| 

 


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