नितीश सरकार के क्वारेंटाईन सेंटर एवं राहत केन्द्रों की स्थिति बदहाल, सुविधाएं नदारद : ललन यादव

रिपोर्ट: इन्द्रमोहन पाण्डेय

पटना : नितीश सरकार पर निशाना साधते हुए असली देशी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन यादव ने कहा है कि कोरोना के इस संकटकाल में बिहार की गरीब जनता भूखमरी के कगार पर है और सूबे के मुखिया चुनावी तैयारी में जुटे हैं| उन्होंने कहा कि वैश्‍विक महामारी कोरोना वायरस से दुनिया भर में लोग परेशान हैं। बिहार के लोग भी त्राहिमाम कर रहे हैं। इस मुश्‍किल वक्‍त में जिन्‍हें सामने आकर मुसीबत और भूखमरी के बीच फंसी जनता का सहयोग करना चाहिए, उन्‍होंने अपनी आंखें मूंद रखी है| श्री यादव ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और समीक्षा बैठक कर नितीश कुमार सिर्फ कागजी खानापूर्ति और नई-नई घोषणाएं कर बिहार की जनता को मूर्ख बना रहे है| सरकार द्वारा चलाए जा रहे राहत केंद्र एवं क्वारेंटाईन सेंटर पर बदहाली का आलम है| क्वारेंटाईन हुए लोगों को कोई सुविधाएं नहीं मिल रही है| सूबे के अधिकांशतः गरीब एवं मजदूर लोग दिहाड़ी के जरिये अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं|  ऐसे परिवार लॉकडाउन होने से काम नही मिलने के कारण भूख से मरने को विवश है| इस विकट परिस्थिति में अधिक से अधिक रोजगार सृजन की दिशा में सरकार को कदम उठाने चाहिए|

ललन यादव ने कहा कि कोरोना संकट से लड़ने का एक मात्र उपाय लॉकडाउन है। लेकिन लॉकडाउन की वजह से गरीब जनता और प्रवासी मजदूर भूखमरी के शिकार हो रहे हैं| बावजूद इसके नितीश सरकार संकट की इस घड़ी  में समीक्षा बैठक कर फेस चमकाने वाली राजनीति कर रही है| पूरे बिहार में राहत के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है| नसीहत भरे लहजे में श्री यादव ने कहा कि  समीक्षा बैठक की बजाय नितीश कुमार को सरकार द्वारा चलाए जा रहे क्वारेंटाईन सेंटर एवं राहत केन्द्रों का दौरा कर जमीनी हकीकत से भी रूबरू होने की आवश्यकता है ताकि जरुरतमंदों तक ससमय सुविधाएं पहुंचाई जा सके| उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कहर के साथ-साथ असमय वर्षापात, ओलावृष्टि  एवं प्राकृतिक प्रकोप से बिहार के किसान जूझ रहे हैं, ऐसी स्थिति में हर प्रभावित किसान को तत्काल सरकारी मदद पहुँचाने की दिशा में मुख्यमंत्री को सार्थक पहल करनी चाहिए|

 


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