पटना: बढ़ती गर्मी के प्रकोप ने हृदय रोगियों की मुश्किलें भी बढ़ा दी है, जिसके कारण सरकारी एवं निजी अस्पतालों में हृदय रोगियों की संख्या में इन दिनों काफी इजाफ़ा देखा जा रहा है| राजधानी पटना के इंदिरा गाँधी हृदय रोग सस्थान में हार्ट संबंधी शिकायतें लेकर पहुंचने वालों की काफी तादाद देखी जा रही है| बिहार के बाहर एवं सूबे के सुदूरवर्ती इलाकों से तरह-तरह की समस्याएं लेकर लोग यहाँ इलाज कराने पहुँच रहे हैं|
प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ एवं इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान के उप-निदेशक डॉ ए0के0 झा ने कहा कि गर्मी के मौसम में हार्ट के मरीजों में इन्फेक्शन ज्यादा होता है| खासकर बच्चों में रुमैटिक फीवर, रुमैटिक हार्ट डिजीज, रुमैटिक आर्थराईटीस होता है| उन्होंने कहा कि पहले से जो हृदय रोग से ग्रसित हैं, अधिक गर्मी बढने से उनके शरीर से ज्यादा पसीना निकलता है| लवण और द्रव्य पसीने के जरिये शरीर से अधिक मात्रा में निकलता है| इस कारण ब्लड प्रेशर फलकचुएट होता है| इलेक्ट्रोलाइट, सोडियम, पोटैशियम भी कम होने लगता है, जिसके कारण हृदय गति अनियमित होती है| ब्लड प्रेशर कम होने की संभावना बढ़ जाती है| हृदय से जुडी अनेक तरह की समस्याएं गर्मी के मौसम में उत्पन्न होने से अस्पतालों में हृदय रोगियों की संख्या बढ़ जाती है|
डॉ0 ए0के0 झा ने हृदय रोगियों को गर्मी के मौसम में कई तरह की सावधानी बरतने की नसीहत दी| धूप में कम निकले, चिकित्सक से परामर्श करके जरूरत के अनुसार प्रचुर मात्रा में पानी पियें, दवा का नियमित रूप से सेवन करें, समय-समय पर ब्लड प्रेशर जांच करवाएं क्योकि गर्मी के मौसम में बी0पी0 कम होने की सम्भावना हृदय रोगियों में ज्यादा बढ़ जाती है| गले में खरास होने पर नजदीकी चिकित्सक से तत्काल परामर्श ले|
डॉ0 झा ने बताया कि इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान में प्रतिदिन 60 - 70 आउटडोर मरीजों का ईको जाँच निःशुल्क होता है| इसके लिए कई अस्पतालों एवं जाँच घरों में करीब 2500 रुपया ईको जांच के लिए शुल्क निर्धारित है|