पीएनबी में होगा दो सरकारी बैंकों का विलय

रिपोर्ट: साभारः

नई दिल्ली। लंबे अर्से तक सरकारी क्षेत्र के कुछ बैंकों को मिलाकर एक बैंक बनाने की चर्चा चलने के बाद अब जमीनी तौर पर काम शुरू हो गया है। इस क्रम में सबसे पहले पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) में अपेक्षाकृत छोटे दो बैंकों को मिलाया जाएगा। पीएनबी देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक है। हालांकि यह काम जल्दबाजी में नहीं किया जाएगा। पीएनबी की तरफ से इस विलय की प्रक्रिया एक वर्ष बाद शुरू की जाएगी। दैनिक जागरण को दिए गए साक्षात्कार में पीएनबी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (ईडी) राम एस संगपुरे ने इस बारे में जानकारी दी। हालांकि संगपुरे ने उन बैंकों के नाम नहीं बताए, जिन्हें पीएनबी में मिलाया जाएगा। लेकिन सूत्रों का कहना है कि ये संभवत: देना बैंक और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) वे दो नाम हैं, जिन्हें सरकार पीएनबी में मिलाकर एक बड़ा बैंक बनाना चाहती है। इन दो बैंकों का नाम केंद्र सरकार की तरफ से गठित एक समिति ने ही तय किए थे। इसके लिए आधार यह बनाया गया है कि इन तीनों बैंकों में एक ही तरह की सूचना तकनीकी का इस्तेमाल होता है। ऐसे में विलय के बाद भी ये बैंक बगैर किसी व्यवधान के अपने ग्राहकों को सेवा देना जारी रख सकते हैं। इन तीन बैंकों को आपस में मिलाने के पीछे दूसरी वजह यह है कि देश के पश्चिमी हिस्से महाराष्ट्र और गुजरात में पीएनबी की उपस्थिति कमजोर है। लेकिन मुंबई में मुख्यालय वाले देना बैंक की इस हिस्से में उपस्थिति काफी मजबूत है। देश के उत्तरी क्षेत्र में बहुत ही मजबूत स्थिति वाले पंजाब नेशनल बैंक को इस विलय से पश्चिमी हिस्से में एक बड़ा नेटवर्क मिल जाएगा। वहीं, गुड़गांव मुख्यालय वाला ओबीसी एक समय छोटा मगर स्मार्ट बैंक माना जाता था, लेकिन पिछले तीन-चार वर्षो से इसके विस्तार की गति बहुत धीमी रही है। बैंक का प्रदर्शन भी उत्साहजनक नहीं है। ऐसे में इसे पीएनबी जैसे बड़े बैंक के साथ विलय के लिए योग्य माना जा रहा है। पीएनबी के ईडी संगपुरे का कहना है, 'हम दो बैंकों के विलय के लिए तैयार हैं। सरकार भी तैयार है। वित्त मंत्रालय से इसके लिए पूरा प्रोत्साहन भी मिल रहा है। लेकिन असली फैसला बैंकों के निदेशक बोर्ड के स्तर पर होना है। लेकिन थोड़ी बेचैनी छोटे बैंकों के स्तर पर है, क्योंकि उन्हें ऐसा लग रहा है कि इससे उनकी पहचान खत्म हो जाएगी। विलय अगले छह-सात महीने में तो नहीं हो रहा है। मगर निश्चित तौर पर हम एक वर्ष बाद इस दिशा में बढ़ेंगे।' पीएनबी- ओबीसी--देना बैंक सरकारी इक्विटी--58.9--59.1--58.0 शुद्ध लाभ-3,342.6--1,139.4--551.7 एनपीए-9,917--3,904--1,819 कर्मचारी-60,923--19,550--12,983 -------------------------- (आंकड़े मार्च, 2014 तक के, इक्विटी फीसद में, लाभ व एनपीए करोड़ रुपये में)


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