नयी दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लिए सोमवार को आयोजित प्रार्थना सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अटल जी का जीवन पूरी तरह से भारत के लोगों के लिए समर्पित था. उन्होंने कहा कि वे केवल नाम से अटल ही नहीं थे, बल्कि व्यवहार और रग-रग से भी अटल नजर आते थे. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अपने युवावस्था में ही इस बात का फैसला कर लिया था और वह चाहते थे कि वह अपने प्रशंसकों के अनुरूप खुद को ढाल सकें.
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अटल जी ने पोखरण परमाणु परीक्षण करके पूरी दुनिया को चौंका दिया. इतना नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर पर पाकिस्तान भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरता था. उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी ने कश्मीर का नैरेटिव बदला. उन्होंने कहा कि वे काफी सालों तक विपक्ष के नेता के रूप में बने रहे, लेकिन उनके आइडियालॉजी का किसी से तुलना नहीं कर सकते.
उन्होंने पोरखण परमाणु परीक्षण पर कहा कि परमाणु परीक्षण करके उन्होंने हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा को बेहतरीन तवज्जो दिया. उन्होंने कहा कि अटल जी करीब 10 साल से राजनीति से दूर रहे. इसके बावजूद देश ने उन्हें जिस तरह से विदाई दी, जिस तरह का सम्मान दिया, वह उनकी लोकप्रियता का सबूत है. उन्होंने कहा कि देश के एक बेटे (बजरंग पूनिया) ने एशियन गेम्स में जीता और अपना गोल्ड मेडल वाजपेयी जी को समर्पित किया. यह वाजपेयी जी शख्सीयत को बयान करता है.
इस मौके पर वाजपेयी जी के अनन्य मित्र और भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने भारी गले से कहा कि हमें कई सभाओं में बोलने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि ऐसा सोचा भी नहीं था कि मुझे ऐसी सभा में भी बोलना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अटल जी बहुत अच्छा भोजन पकाते थे. मेरा और अटल जी का साथ करीब 65 सालों का रहा. इस दौरान मुझे काफी कुछ सीखा और बहुत कुछ पाया. इसलिए दुख होता है कि वे मुझे छोड़कर चले गये. वहीं, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अटल जी ने विपरीत परिस्थितियों में काम किया है. मुझे उन्हें अपने युवावस्था में ही जानने-समझने का मौका मिला है.
वाजपेयी जी की प्रार्थना सभा में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबता मुफ्ती, वाजपेयी जी की बेटी नमिता भट्टाचार्य, नातिन निहारिका, योग गुरु बाबा रामदेव, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला आदि समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित हैं.