मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला: CBI के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव अवमानना के दोषी करार

रिपोर्ट: Ramesh Pandey

बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट के अवमानना का सामना कर रहे सीबीआई के तत्कालीन अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव को सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अनोखी सजा सुनाते हुए उन्हें कोर्ट के एक कोने में बैठने की सजा दी| राव को फटकार लगाते हुए चीफ जस्टिस  ने कहा कि हम नागेश्वर राव को अवमानना का दोषी करार देंगे| एक तरफ वो कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया जाए, और दूसरी तफर वो शर्मा का रिलीविंग ऑर्डर साइन कर देते हैं|

चीफ जस्टिस ने कड़े लहजे में कहा कि अगर एक दिन बाद रिलीविंग ऑर्डर साइन होता तो क्या आसमान टूट पड़ता? कोर्ट ने नागेश्वर राव को अवमानना का दोषी माना है| सुप्रीम कोर्ट ने नागेश्वर राव पर 1 लाख का जुर्माना लगाया| सुप्रीम कोर्ट ने सजा में कहा कि जब तक आज कोर्ट चलती रहेगी, कोर्ट में ही एक कोने में बैठे रहेंगे| दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की मनाही के बाद नागेश्वर राव ने अफसर का तबादला किया था| 

सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि अंतरिम निदेशक को पता था कि एके शर्मा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, फिर भी ऐसा किया| CJI ने AG से पूछा कि ए के शर्मा को रिलीव करने का नोट राव के पास पहुंचा और उन्होंने रिलीविंग लेटर पर साइन कर दिया| उन्होंने ये भी संतुष्ट करना जरूरी नहीं समझा कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है या नहीं| पूर्व अंतरिम सीबीआई निदेशक एम नागेश्वर राव सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए| AG ने कहा कि मैं सीबीआई डायरेक्टर व सीबीआई के लिए पेश हुआ हूं| अतंरिम निदेशक यहां पेश हुए हैं और उन्होंने अलग से हलफनामा दाखिल किया है| AG ने कहा कि राव ने बिना शर्त माफी मांगी है| 

 


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